Thursday, June 30, 2011


पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के कारण बढ़ा यमुना का जलस्तर
रादौर कुलदीप सैनी
 बुधवार को यमुनानदी के छोड़े गए लगभग 97 हजार क्यूसिक पानी से यमुना का जलस्तर बढ़ गया। जलस्तर बढ़ जाने से यमुनापार आने जाने वाले किसानों को नाव का सहारा लेना पड़ा।  यमुना के नजदीक लगते किसानों ने भी बाढ़ के खतरें को देखते हुए खेत में खड़ी हरे चारे की फसल को समेटना शुरू कर दिया है। यमुनानदी के घाटों पर किए जा रहे बाढ़ बचाव कार्य भी ग्रामीणों को प्रर्याप्त नजर नहीं आ रहे है। ग्रामीणों का मानना है कि इस बार बाढ़ के कारण अधिक कटाव होने की संभावना है। लेकिन प्रशासन द्वारा जो बाढ़ बचाव कार्य किए गए है उन्हें देखकर ऐसा नहीं लग रहा है कि ये कार्य भूमि कटाव को रोक सकेंगें। जिसकों लेकर किसान व ग्रामीण चिंतित है। 
गांव गुमथला निवासी गुलाब सिंह  पंच, पप्पु पंच, वीरभान वधवा, सुदेश बंसल, मनोज कुमार गुमथला, सतनाम ङ्क्षसह, ललित, अरूण व पवन कुमार ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से यमुना का जलस्तर भी बढ़ रहा है। प्रशासन बाढ़ बचाव कार्यो को लेकर बड़े बड़े दावे कर रहा है। लेकिन उनके दावों की पोल पहली बारिश ने ही खोल कर रख दी है। यमुना के जलस्तर से भूमि कटाव होने की पूरी संभावना बनी हुई है। धीरे धीरे भूमि कटाव हो रहा है। भूमि का यह कटाव इस बार किसानों के खेतों को तो ले ही डूबेगा साथ ही आबादी क्षेत्र भी खतरें के निशान पर रहेगें।  उन्होंने कहा कि बारिश को देखते हुए इस बार गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा पानी आने की भी आशंका है। जिस कारण किसानों व ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ रही है। यमुनानदी के किनारे कच्चे है। कच्चे किनारे किसानों की भूमि व आबादी की कितनी रक्षा कर पायेगें इसका अंदाजा हर कोई लगा सकता है। इन दिनों यमुना का जलस्तर पहले कभी इतना नहीं हुआ है। जिसे देखकर किसानों की चिंताएं और अधिक बढ़ चुकी है। यमुनापार के किसानों को अपने खेतों में जानेे के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। समय से पहले आए इस पानी से किसानों ने खेत में खड़ी हरे चारे की फसल को भी किसी तरह समेटना शुरू कर दिया है। वहीं गन्ना उत्पादक किसानों को इस बार गन्ने की फसल बचती दिखाई नहीं दे रही है। प्रशासन ने जो बाढ़ राहत कार्य करवाए है वे मात्र एक दिखावा ही है। बाढ़ आने पर किसानों व ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पायेगा। उधर बागवाली व उन्हेंडी के गांव के लोगों को बाढ़ का खतरा ज्यादा भयानक होता नजर आ रहा है। क्योंकि इन दोनों गांवों के यमुनाकिनारों पर कोई बाढ़ बचाव कार्य नहीं किया गया है। इन गांवों की आबादी की रक्षा रेत की किनारे कर रहे है। बाढ़ आने पर ये किनारे पानी से सबसे पहले बह जाएगें जिससे आबादी को खतरा लगातार बना हुआ है। बाढ़ बचाव कार्यो के ढीले रवैये को देखते हुए ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति काफी रोष है। 


लॉटरी का लालच दे पैसे ऐंठने वाले देने लगे हैं धमकियां
रादौर कुलदीप सैनी 
लॉटरी का लालच देकर लोगों से पैसें ऐंठने का धंधा करने वाले लोगों ने अब  उन्हें धमकियां देना भी शुरू कर दिया है। ऐसे लोग लॉटरी के लालच में न फंसने वाले लोगों को अब जान से मारने की धमकियां देने लगे है। ऐसी ही एक घटना रादौर में घटित हुई। जिसमें एक  मोबाईल कंपनी का हवाला देकर हरियाणा एंटी क्रप्शन सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष वरयाम ङ्क्षसह को पहले तो उनकी लॉटरी निकलने का लालच दिया। लेकिन जब वरयाम ङ्क्षसह ने उसकी कोई भी बात सुनने से इंकार किया तो उस व्यक्ति ने उसके साथ गाली गलौच करना शुरू दिया। विरोध करने पर  उस व्यक्ति ने उसे जान से मारने की धमकी भी दे डाली। मामले की सूचना वरयाम ङ्क्षसह ने जठलाना पुलिस को दे दी है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और वरयाम सिंह  को उचित कार्रवाई करने का आश्वान दिया। 
हरियाणा एंटी क्रप्शन सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष वरयाम ङ्क्षसह ने बताया कि बुधवार को वह अपने गांव से रादौर आ रहा था। तभी रास्तें में उसे +923436877467 नंबर से एक कॉल आई। जिसमें उसने अपने आप को एक मोबाईल कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए अपना नाम ललित कुमार बताया और कहा कि वह मुंबई से बोल रहा है। उसने बताया कि आपका एक लक्की ड्रा कंपनी की ओर से निकला है। जिसमें आपकों कंपनी की ओर से 25 लाख रूपये का इनाम दिया जाएगा। लेकिन मैनें फोन करने वाले व्यक्ति को बताया कि उसकी इसमें कोई रूचि नहीं है। जिस पर फोन करने वाले ने मेरा पूरा ब्यौरा पूछा। उसके बार बार कहने पर भी जब मैने उसे फोन काटने को कहा तो वह गुस्से में आ गया  और मेरे साथ अभद्र भाषा बोलने लगा। जिस पर मैने उसका विरोध किया तो उसे मुझे जान से मारने की धमकी देनी शुरू कर दी। तब मैने फोन काट दिया और अपने मोबाईल से कंपनी के कस्टमर केयर पर फोन किया। तब उन्होंने मुझे बताया कि यह नंबर उनकी कंपनी का नहीं है बल्कि यह नंबर तो पाकिस्तान का है। जब मैने उनसे पूछा कि क्या मुझे यह जानकारी लिखित में मिल सकती है तो कंपनी के प्रतिनिध ने मुझे पहले पुलिस शिकायत करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम लिखित में यह जानकारी केवल पुलिस को ही नियमानुसार दे सकते है। लेकिन आपकी सतुष्टि व सुरक्षा के लिए हम आपकी आईएसडी कॉल बंद कर सकते है। ताकि भविष्य में आपकों को कोई तंग न करे। कंपनी द्वारा तुंरत यह सेवा उन्हें उपलब्ध भी करवा दी गई। मामले की सूचना उसने जठलाना पुलिस को भी दे दी है। जिस पर पुलिस ने उन्हें उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है। 

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