कुरुक्षेत्र, प्रदीप आर्य
जिला प्रशासन ने बाढ़ से बचाव के उपाय युद्धस्तर पर करके पूरा करने का अभियान चलाया है। पहली बार सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारों को मजबूत करने के लिए सरकार ने 4 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी, लेकिन जल सेवा डिविजन ने इस कार्य को ढ़ाई करोड़ रुपये में निर्धारित अवधि में पूरा कर लिया है। जिला उपायुक्त सीजी रजनिकातन ने बताया कि पिछले वर्ष सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारे में आई दरार के कारण कुरुक्षेत्र नगर के शाति नगर, दीदार नगर की आवासीय कालोनियों में पानी भरने के कारण काफी नुकसान हुआ था। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए प्रशासन ने सतलुज-यमुना लिंक नहर के किनारों को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत करने का काम चलाया। जल सेवाएं डिविजन ने इस नहर को 29 किलोमीटर से 41 किलोमीटर तथा 44 किलोमीटर से साढे 47 किलोमीटर के क्षेत्र में बाई तरफ के किनारे को मजबूत किया गया। 13 किलोमीटर से 29 किलोमीटर तथा 41 किलोमीटर से 44 किलोमीटर तक किनारों के आस-पास जो भी कट थे, उनमें मिट्टी भरकर मजबूत करने का काम पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि सतलुज-यमुना लिंक नहर के 13 से 48 किलोमीटर के क्षेत्र में सफाई का काम भी पूरा किया गया। डिविजन द्वारा इस नहर की मजबूती के साथ-साथ विभिन्न बाधों व ड्रेनों की सफाई का काम भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया गया। जो ड्रेन पिछले चार वर्षो से सफाई के अभाव में लंबित पड़े थे, उन ड्रेनों को भी इस बार साफ किया गया है। इन ड्रेनों में संधौली ड्रेन, लुखी ड्रेन तथा शाहबाद क्षेत्र की बैंतन ड्रेन व कराह साहिब ड्रेन शामिल है। सतलुज-यमुना लिंक नहर के पैरलेल ड्रेन जो बचगावा, दबखेड़ी गाव से होकर गुजरती है, इस ड्रेन की भी समुचित सफाई का काम पूरा किया गया। इस दौरान लिंडा नाला की सफाई का काम भी पूरा कर लिया गया है। जल सेवाएं डिविजन के कार्यकारी अभियंता जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि उनके विभाग द्वारा गाव डाडलू, पाडलू, खानपुरा, शाहबाद, रामनगर, कलसाना, मोहनपुर, मदनपुर, मलिकपुर, गुमटी, नलवी, नगला, बसंतपुर, झड़ौली खुर्द, शातिनगर, गोरखा, ठौल, रोहटी, ठसका मीराजी, इस्माईलाबाद, टबरा, मेगामाजरा, दुनियामाजरा, जलबेड़ा, गंगहेड़ी, टयूकर, महाशय प्लाट, सादिकपुर, हरिगढ़ भौरख गावों की आबादी व कृषि भूमि को बचाने के लिए 2 करोड़ रुपये की राशि खर्च करके बाढ़ बचाव के कार्यो को पूरा किया गया है। इसके अतिरिक्त आरडी 4500 आरएमबी झासा के आस-पास आबादी व कृषि भूमि को बचाने के लिए सवा सात लाख रुपये की लागत से पत्थरों से किनारे मजबूत करने का काम भी पूरा कर लिया गया है। बाढ़ के पानी को शातिनगर, नलवी, बसंतपुर, झड़ौलीखुर्द व झासा से निकालने के लिए एसवाईएल के 20 किलोमीटर पर इनलेट निर्माण का काम भी पूरा कर दिया गया है।
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