किसानों से जैविक खेती को अपनाने का भी आह्वान किया।
करनाल 21 जून,सुरेश अनेजा
जिले के किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए परम्परागत खेती की बजाए फल, फूल, सब्जियों, बागवानी, तिलहन, दलहन व औषधीय पौधों की खेती करने पर बल देना चाहिये। जिला बागवानी विभाग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आज खेती उद्योग का रूप धारण कर चुकी है। इसके लिये किसानों को खेती के लिये आधुनिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिये। उन्होंने बताया कि सब्जी व फल-फूल की खेती किसानों के लिये काफी फायदे का सौदा साबित हो रही है। इन फसलों की बुआई करने से फसल की अच्छी पैदावार तो होती ही है वहीं किसानों को फसल के ऊंचे दाम भी मिलते है। उन्होंने बताया कि फसलों को बदल-बदल कर बोने से खेत की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने किसानों से जैविक खेती को अपनाने का भी आह्वान किया।
विभाग के प्रवक्ता ने बताया फलों, फूलों, सब्जियों व औषधीय पौधों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। इससे किसान अधिक पैसा कमा सकते हैं व उनके परिवार में अधिक समृद्धि व खुशहाली आ सकती है। उन्होंने बताया कि किसान गुगल, मूसली, हरड़ व आंवला जैसे औषधीय पौधों की खेती भी कर सकतें हैं। क्योंकि इनसे देसी दवाईयां बनती है और देसी दवाओं की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
उन्होंने किसानों से अपील कि वे अपने परिवार की खुशहाली व समृद्धि के साथ-साथ अपनी माली हालत को सुदृढ़ बनाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीक का प्रयोग करें और इसके लिए जरूरी है कि वे अपने परिवार को शिक्षित बनाएं। उन्होंने बताया कि आधुनिक तरीके से खेती करने और नई-नई कृषि तकनीकों एवं उत्तम किस्म के बीजों, खाद व दवाईयों की जानकारी रखने के लिए किसानों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को कृषि संबंधी जानकारी मुहैया करवाने के लिए कृषि विभाग, कृषि ज्ञान केन्द्र व उद्यान विभाग में कृषि विशेषज्ञों को नियुक्त किया हुआ है जहां से किसान इनकी सेवाओं का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि उद्यान प्रशिक्षण संस्थान उचानी में औषधीय पौधों की उत्पादन तकनीक व मूल्यवर्धन के लिये समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें किसानों को औषधीय पौधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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