Sunday, July 24, 2011

ठेके की राशि न मिलने से किसानों में रोष


घरौंडा (प्रवीन/तेजबीर)
किसान संघर्ष समिति के प्रधान बलविंद्र सिंह की अध्यक्षता में गांव रजापूर में कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक  में गांव ददलाना, बेगमपूर व बोहली की कार्यकारिणी ने भी भाग लिया। जिसमें अब तक की कार्यप्रणालियों की समीक्षा की गई।
किसान संघर्ष समिति के प्रधान बलविंद्र सिंह ने बताया कि जो ठेका डीआरओ और एचएसआईआईडीसी विभाग देने के लिए तैयार नही था वो ठेका संघर्ष समिति की मेहनत रंग लाई और वह 31 दिसंबर 2009 का ठेका उन किसानों को दे दिया गया जिनके केसों में कोई कमी नही थी।
        रजापूर में ठेके की राशि न मिलने से नारेबाजी करते किसान
                                                         छाया-तेजबीर
उन्होंने बताया कि किसान संघर्ष समिति का वर्कर पाठक एचएसआईआईडीसी के सीनियर मैनेजर से गत 20 जुलाई को उनके कार्यालय में मिलकर बात की। मैनेजर का कहना था कि यह ठेका देने के लिए हमारे पास पैसे नही है। मैनेजर द्वारा कही गई यह बात उचित नही थी क्योंकि एचएसआईआईडीसी के पास पैसे की कोई कमी नही होती है। मंडी बोर्ड व हुड्डा की तरह इसके अपने फंडस होते है। वर्ष 2010 का यह ठेका न मिलने से किसानों की हालत बहुत ही दयनीय हो गई थी। किसान साहूकारों के कर्ज में दबे हुए थे। जबकि उनका अपना करोड़ों रूपया एचएसआईआईडीसी के पास पड़ा है। जो पैसा मल्टी नेशनल कंपनी को व्यर्थ में दिया जा रहा है। किसानों की हालत बहुत बुरी हो गई है। करोड़ो रूपया जो एचएसआईआईडीसी से लेनेा है उसका लाखों रूपया ब्याज हर महीने किसान साहूकारों को दे रहे है। उन्होंने बताया कि यह पैसा जनवरी 2011 में किसानों को मिल जाना चाहिए वह पैसा अभी तक नही मिला। 
किसानों ने प्रदेश सरकार से मांग की कि वे अब जो 2010 का ठेका दिया जाए, उसमें यह ब्याज जोडक़र दिया जाए ताकि किसानों की क्षति की भरपाई हो सके। जो ठेका सात महीने लेट हो चुका है संघर्ष समिति ने सरकार से मांग की है कि वह विभाग से ठेके की राशि जल्द से जल्द मुहैया करवाए ताकि किसानों की क्षति की भरपाई हो सके।
इस मौके पर संघर्ष समिति के सदस्य व सैंकड़ों किसान मौजूद रहे। 

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