घरौंडा:-(प्रवीन/तेजबीर)
बिजली बोर्ड़ के एसडीओ को गांव कैमला के सरपंच सहित अन्य ग्रामीणों द्वारा बंधक बना लिए जाने के मामले में कर्मचारी युनियन एसडीओ के पक्ष में उतर आई है। इसके विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने शनिवार को बोर्ड प्रागंण में धरना प्रदर्शन कर सरपंच व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने में उपमंडल अधिकारी समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। अधिकारियों का कहना है कि गांव कैमला के सरपंच व ग्रामीणों ने कैमला स्थित पावर हाउस में तोड़ फोड़ करते हुए न सिर्फ सरकारी काम में बाधा डाली बल्कि उपमंडल अधिकारियों को भी बंधक बनाए रखा। अधिकारियों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस को कर दी है।
घरौंडा बिजली बोर्ड कार्यालय में एसडीओ के पक्ष में धरना प्रदर्शन करते बिजली बोर्ड़ के कर्मचारी|छाया-तेजबीर
बिजली बोर्ड़(शहरी) सुशील बूरा ने पुलिस को लिखी शिकायत में बताया कि वीरवार को कैमला के ग्रामीणों द्वारा सरपंच रमेश वर्मा की अध्यक्षता में ग्रामीण शमशेर सिंह, बीरी, महिपाल, राकेश, रोहताश, राकेश, रोहताश आदि ग्रामीणों ने गांव के पावर हाऊस में धरना प्रदर्शन करते हुए पावर हाऊस में तोड़ फोड़ की व ड्यूटी समय में पावर हाऊस को ताला लगाते हुए उनको करीब पांच घंटे तक पावर हाऊस की चार दीवारी में बिठाए रखा। इतना ही नही ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी को धकेलकर पॉवर हाऊस के अंदर खड़ा कर लिया और एकमात्र मेन गेट पर टे्रक्टर ट्राली अड़ा दी ताकि वे गाड़ी लेकर बाहर न जा सके।
एसडीओ ने बताया कि ग्रामीणों ने पावर हाऊस की एबीबी की रैलिंग को तोड़ दिया और सरकारी ड्यूटी में बाधा बनते हुए काम को रोका और उनको भी कई घंटो तक वही बैठाए रखा। इतना ही नही ग्रामीणों ने उनको अपने साथ धरने पर बैठने के लिए भी मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने पावर हाऊस की जो रैलिंग तोड़ी है उससे विभाग का करीब 60 हजार रूपए का नुकसान हुआ।
उधर ग्रामीणों द्वारा एसडीओ को बंधक बनाने की सूचना मिलते ही बिजली बोर्ड से संबंधित सभी कर्मचारी यूनियने एकत्रित होनी शुरू हो गई और शनिवार को बोर्ड कार्यालय में धरने पर बैठ गई। कर्मचारी युनियन नेता ओमपाल राणा ने बताया कि जब तक सरपंच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त नही किया जाता तब युनियन चेन से नही बैठेगी।
इस संबंध में थाना प्रभारी भगवान दास का कहना है कि बिजली बोर्ड की ओर से इस मामले में शिकायत मिली है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
बिजली बोर्ड़ के एसडीओ को गांव कैमला के सरपंच सहित अन्य ग्रामीणों द्वारा बंधक बना लिए जाने के मामले में कर्मचारी युनियन एसडीओ के पक्ष में उतर आई है। इसके विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने शनिवार को बोर्ड प्रागंण में धरना प्रदर्शन कर सरपंच व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने में उपमंडल अधिकारी समेत अन्य अधिकारी भी शामिल हुए। अधिकारियों का कहना है कि गांव कैमला के सरपंच व ग्रामीणों ने कैमला स्थित पावर हाउस में तोड़ फोड़ करते हुए न सिर्फ सरकारी काम में बाधा डाली बल्कि उपमंडल अधिकारियों को भी बंधक बनाए रखा। अधिकारियों ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस को कर दी है।
घरौंडा बिजली बोर्ड कार्यालय में एसडीओ के पक्ष में धरना प्रदर्शन करते बिजली बोर्ड़ के कर्मचारी|छाया-तेजबीर
बिजली बोर्ड़(शहरी) सुशील बूरा ने पुलिस को लिखी शिकायत में बताया कि वीरवार को कैमला के ग्रामीणों द्वारा सरपंच रमेश वर्मा की अध्यक्षता में ग्रामीण शमशेर सिंह, बीरी, महिपाल, राकेश, रोहताश, राकेश, रोहताश आदि ग्रामीणों ने गांव के पावर हाऊस में धरना प्रदर्शन करते हुए पावर हाऊस में तोड़ फोड़ की व ड्यूटी समय में पावर हाऊस को ताला लगाते हुए उनको करीब पांच घंटे तक पावर हाऊस की चार दीवारी में बिठाए रखा। इतना ही नही ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी को धकेलकर पॉवर हाऊस के अंदर खड़ा कर लिया और एकमात्र मेन गेट पर टे्रक्टर ट्राली अड़ा दी ताकि वे गाड़ी लेकर बाहर न जा सके।
एसडीओ ने बताया कि ग्रामीणों ने पावर हाऊस की एबीबी की रैलिंग को तोड़ दिया और सरकारी ड्यूटी में बाधा बनते हुए काम को रोका और उनको भी कई घंटो तक वही बैठाए रखा। इतना ही नही ग्रामीणों ने उनको अपने साथ धरने पर बैठने के लिए भी मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने पावर हाऊस की जो रैलिंग तोड़ी है उससे विभाग का करीब 60 हजार रूपए का नुकसान हुआ।
उधर ग्रामीणों द्वारा एसडीओ को बंधक बनाने की सूचना मिलते ही बिजली बोर्ड से संबंधित सभी कर्मचारी यूनियने एकत्रित होनी शुरू हो गई और शनिवार को बोर्ड कार्यालय में धरने पर बैठ गई। कर्मचारी युनियन नेता ओमपाल राणा ने बताया कि जब तक सरपंच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे बर्खास्त नही किया जाता तब युनियन चेन से नही बैठेगी।
इस संबंध में थाना प्रभारी भगवान दास का कहना है कि बिजली बोर्ड की ओर से इस मामले में शिकायत मिली है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
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