इन्द्री विजय काम्बोज
हरियाणा सरकार जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े दावे कर रही है वहां ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों की खस्ता हालत को देखकर सरकार के इन दावों की सार्थकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इन डिस्पेंसरियों में बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं। लोगों को अपने गांव में डिस्पेंसरी होते हुए भी बाहर के अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। आपातकाल में तो उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मिली जानकारी के अनुसार गढ़ी बीरबल और चौंगावा गांव की सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाइयों का अभाव है। जबकि यहां मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। लेकिन दवाइयां न होने की वजह से मरीजों को इलाज के अभाव में यहां से बीमारी की हालत में ही वापिस लौटना पड़ता है। चौंगावा में तो चोटग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए पट्टियां तक उपलब्ध नहीं है। जब इस बारे में वहां की डॉक्टर अनुपमा शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास पट्टियां तो हैं लेकिन पिछले साल यहां पर आई बाढ़ का पानी डिस्पेंसरी में घुस गया था जिस कारण पट्टियां और काफी दवाइयां खराब हो गई और वे अब इलाज में इस्तेमाल करने के लायक नहीं हैं।
गढ़ी बीरबल स्थित डिस्पेंसरी का भी यही हाल है। यहां भी दवाइयों के अभाव में मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिल पा रहा है। यहां इलाज के लिए ज्ञानो देवी, सरिता, अशोक, धर्मवीर, शमशेर,रिंकू,रामकुमार तथा अन्य कई मरीजों ने बताया कि उन लोगों को उनकी बीमारी से संबंधित दवाइयां न मिल पाने के कारण यहां पर उनका इलाज नहीं हो पाया है। जिस कारण उन्हें बाहर से इलाज करवाना पड़ेगा। इस बारे में यहां के डॉक्टर संजीव सिंहमार का कहना है कि उनके पास ऊपर से दवाइयां नहीं पहुंच रही है। ऐसे में वो भी क्या कर सकते हैं और जब दवाइयां ही नहीं होगी तो वे इलाज कहां से करेंगे। जब इस बारे में जिला आयुष अधिकारी डॉ.गुरमेल सिंह से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनके पास भी ऊपर से आती हैं। अभी उनके पास पर्याप्त संख्या में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं । जैसे ही उनके पास दवाइयां आयेंगी वे इन डिस्पेंसरियों में उपलब्ध करा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हांलाकि इस पूरी प्रक्रिया में दो से चार महीने का समय लग सकता है। तब तक जो थोड़ी बहुत दवाइयां हैं उन्हें वे दो चार दिन में इन डिस्पेंसरियों को उपलब्ध करा देंगे।
हरियाणा सरकार जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े दावे कर रही है वहां ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों की खस्ता हालत को देखकर सरकार के इन दावों की सार्थकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इन डिस्पेंसरियों में बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं। लोगों को अपने गांव में डिस्पेंसरी होते हुए भी बाहर के अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। आपातकाल में तो उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मिली जानकारी के अनुसार गढ़ी बीरबल और चौंगावा गांव की सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाइयों का अभाव है। जबकि यहां मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है। लेकिन दवाइयां न होने की वजह से मरीजों को इलाज के अभाव में यहां से बीमारी की हालत में ही वापिस लौटना पड़ता है। चौंगावा में तो चोटग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए पट्टियां तक उपलब्ध नहीं है। जब इस बारे में वहां की डॉक्टर अनुपमा शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनके पास पट्टियां तो हैं लेकिन पिछले साल यहां पर आई बाढ़ का पानी डिस्पेंसरी में घुस गया था जिस कारण पट्टियां और काफी दवाइयां खराब हो गई और वे अब इलाज में इस्तेमाल करने के लायक नहीं हैं।
गढ़ी बीरबल स्थित डिस्पेंसरी का भी यही हाल है। यहां भी दवाइयों के अभाव में मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिल पा रहा है। यहां इलाज के लिए ज्ञानो देवी, सरिता, अशोक, धर्मवीर, शमशेर,रिंकू,रामकुमार तथा अन्य कई मरीजों ने बताया कि उन लोगों को उनकी बीमारी से संबंधित दवाइयां न मिल पाने के कारण यहां पर उनका इलाज नहीं हो पाया है। जिस कारण उन्हें बाहर से इलाज करवाना पड़ेगा। इस बारे में यहां के डॉक्टर संजीव सिंहमार का कहना है कि उनके पास ऊपर से दवाइयां नहीं पहुंच रही है। ऐसे में वो भी क्या कर सकते हैं और जब दवाइयां ही नहीं होगी तो वे इलाज कहां से करेंगे। जब इस बारे में जिला आयुष अधिकारी डॉ.गुरमेल सिंह से बात की गई तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनके पास भी ऊपर से आती हैं। अभी उनके पास पर्याप्त संख्या में दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं । जैसे ही उनके पास दवाइयां आयेंगी वे इन डिस्पेंसरियों में उपलब्ध करा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हांलाकि इस पूरी प्रक्रिया में दो से चार महीने का समय लग सकता है। तब तक जो थोड़ी बहुत दवाइयां हैं उन्हें वे दो चार दिन में इन डिस्पेंसरियों को उपलब्ध करा देंगे।
No comments:
Post a Comment