Sunday, July 24, 2011

बिजली विभाग और कैमला गांव पंचायत के बीच बिजली सप्लाई का विवाद गहराया

घरौंडा (प्रवीण सोनी/तेजबीर)
    बिजली विभाग व गांव कैमला की ग्राम पंचायत के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है। रविवार को ग्राम पंचायत कैमला ने एक प्रस्ताव जिला उपायुक्त के नाम पास कर बिजली विभाग के एक्सईएन आर के तेवतिया व एसडीओ सुशील कुमार बूरा के खिलाफ कार्रवाई कर लापरवाही के आरोप में निलंबित करने की मांग की है। कैमला के सरपंच रमेश वर्मा ने बताया कि उनके नेतृत्व में कैमला के ग्रामीण 18 जुलाई को बिजली विभाग के एक्सईएन आर के तेवतिया से उनके कार्यालय में जाकर मिले थे। इस दौरान उन्होंने एक्सईएन को अवगत करवाया था कि उनकी ग्राम पंचायत ने बिजली विभाग को पावर हाऊस लगाने के लिए 37 कनाल तीन मरले भूमि नि:शुल्क दे रखी है। इसलिए गांव को बिजली की सप्लाई दुरूस्त दी जाए।
    जिस पर एक्सईएन ने संतोष जनक जवाब देने की बजाए ग्रामीणों के साथ दुव्र्यवहार करते हुए कहा कि जाओ अपने गांव जाकर पावर हाऊस पर ताला जड़ दो, हम कुछ नही कर सकते, बिजली सप्लाई ऐसे ही चलेगी। जिसके बाद ग्रामीणों ने गांधीगिरी अपनाते हुए गांव के पावर हाऊस पर शांति पूर्ण अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा 21 जुलाई को कर डाली। इस दौरान ग्रामीणों पास बिजली विभाग के एसडीओ सुशील कुमार बूरा ग्रामीणों को मनाने के लिए पहुंचे। एसडीओ को सभी ग्रामीणों स्पष्ट कर दिया था कि उनकी ग्राम पंचायत द्वारा बेसकीमती ज़मीन देने के बाद भी उन्हे बिजली सप्लाई सही नही मिल रही है। जो उनके गांव के साथ अन्याय है। जिस पर उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों से बात करने की बात कही । लेकिन जिससे ग्रामीण संतुष्ट न हुए इस दौरान घरौंडा थाना प्रभारी भगवान दास व अन्य पुलिसकर्मी भी पावर हाऊस पहुंचे।
    इस दौरान ग्रामीणों द्वारा किसी कर्मचारी को बंधक न बनाया गया था बल्कि पूरा आंदोलन अनिश्चितकालीन धरने  के रूप में चल रहा था।
    घरौंडा थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को अपनी बातो से  संतुष्ट किया व कहा कि आज तक की इस पावर हाऊस के द्वारा दी गई कैमला के ग्रामीणों को बिजली के रिकार्ड की जल्दी ही गहन जांच पड़ताल होगी। इसके बाद ग्रामीणों का धरना समाप्त हो गया व सभी अपने घर को लोट गए। अगले दिन 22 जुलाई को बिजली विभाग के एसडीओ को अपनी युनियन की धोंस दिखाते हुए ग्राम पंचायत व कुछ अन्य ग्रामीणों के  खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दे डाली। जिसे लेकर कैमला के ग्रामीणों में गहरा रोष है।
    सरपंच रमेश वर्मा ने कहा कि असली कार्रवाई तो बिजली विभाग के एक्सईएन व एसडीओ के खिलाफ होनी चाहिए जिन्होने ग्रामीणों के कहने के बाद भी अमल करने की बजाए उनके साथ दुव्र्यवहार करने का काम किया।  ग्राम पंचायत कैमला जिला उपायुक्त से इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करती है। ताकि भविष्य में कोई झुठ का सहारा लेकर ग्रामीणों पर दबाव न बना सके।                  
   

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