करनाल विजय कम्बोज
स्कूलों में अध्यापकों की कारगुजारी और स्कूल परिसरों मे निर्माणाधीन कक्षा भवनों में प्रयुक्त गुणवत्ता जांचने के प्रति अध्यापक वर्ग तथा ग्रामीण विकास समिति की उदासीनता के चलते उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने आज टिकरी व रंबा के विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त के साथ नगराधीश महेश्वर दत्त शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी सरिता भंडारी तथा पंचायती राज के कार्यपालक अभियंता के.एस. श्योराण भी थे। औचक निरीक्षण के दौरान टीकरी गांव में उपायुक्त की गाड़ी के प्रवेश करते ही अध्यापकों की भगदड़ मच गई। मुख्याध्यापक को तलब कर अवकाश का रिकार्ड मांगा गया। अवकाश रजिस्टर में कायदे से अध्यापकों द्वारा लिए गए अवकाश दर्ज नहीं किए गए थे। नगराधीश ने रिकार्ड की जांच की और अध्यापकों की लापरवाही के लिए नाराजगी दिखाते हुए उन्हें रिकार्ड ठीक से मेनटेन करने की नसीहत दी गई तथा रिकार्ड को कब्जे में ले लिया। उपायुक्त ने कक्षाओं में जाकर अध्यापकों व वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों से भी संवाद किया। स्कूल के बरामदे में बिना टाट पटटी के बिठाए गए बच्चों के लिए उपायुक्त ने मुख्याध्यापक को टोका और कहा कि बच्चों के लिए बैंच या टाट होने चाहिए। उन्होंने लडक़े व लड़कियों के लिए बनाए गए शौचालयों का भी निरीक्षण किया, जिन पर ताला लगा हुआ था। उन्होंने मुख्याध्यापक को निर्देश दिये कि शौचालयों की प्रतिदिन अच्छी तरह सफाई रखी जाए और स्कूल समय में ये खुले रहे। स्कूल परिसर में एक अस्वच्छ जगह पर मिड-डे-मील तैयार कर रही महिला से उपायुक्त ने कहा, खाने की चीज साफ-सुथरी जगह पर बनाई जानी चाहिए। उन्होंने अध्यापकों से कहा कि भविष्य में साफ जगह पर ही खाना बनवाएं। उन्होंने मिड-डे-मील के लिए रखे राशन की गुणवत्ता की भी जांच की। स्कूल भवन में निर्माणाधीन कमरों में प्रयुक्त दोयम दर्जे की ईंटों को देखकर उपायुक्त क्षुब्ध हुई और कहा कि इन्हें जहां से आई हैं वापिस भेजे और अच्छी र्इंटें मंगवाई जाएं। उन्होंने कार्यकारी अभियंता से कहा कि वे इसकी जांच करें। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि वे ऐसे निर्माणों के लिए गांव की कमेटी जिसमें अध्यापक भी शामिल होते हैं से पूछताछ कर पता लगाएं कि दोयम ईंटे क्यों मगवाई गई हैं। स्कूल की सफाई दुर्दशा देखकर भी उपायुक्त नाखुश थी।
उपायुक्त श्रीमती नीलम पी.कासनी टीकरी गांव के स्कूल में निर्मित कमरों में प्रयोग निर्माण-सामग्री की जांच करती।
इसके पश्चात उपायुक्त ने रंबा गांव के हाई स्कूल की ओर रूख किया। इस स्कूल में भी मिड-डे-मील में प्रयोग किए जा रहे खाद्य-पदार्थो का उन्होंने निरीक्षण किया। अध्यापकों से पूछा कि वे प्रतिदिन पकाए जाने वाले खाने में सामग्री का हिसाब रखते हैं या नहीं। अध्यापक इसका जवाब देने में विफल रहे। उपायुक्त ने कहा कि प्रत्येक मिड-डे-मील में बच्चों की संख्या व निर्धारित मात्रानुसार ही सामग्री डाली जानी चाहिए।
व्यस्तता के रहते उपायुक्त ने हाई स्कूल के बाद रंबा गांव के मिडिल स्कूल का निरीक्षण करने के लिए पंचायती राज के कार्यपालक अभियंता और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान रंबा के मिडिल स्कूल में ग्राम सरपंच सुखबीर सिंह तथा कुछ पंचायती सदस्य भी पहुंच गये। स्कूल में सर्वशिक्षा अभियान के तहत बनाए जा रहे कमरों में लगाई गई भवन निर्माण सामग्री तथा नियमों के तहत निर्माण की कार्यपालक अभियंता ने जांच की। पंचायत का आरोप था कि निर्माण कर रहे सर्वशिक्षा अभियान के जूनियर इंजीनियर ने लापरवाही दिखाई है तथा निर्माण ठोस तरीके से नहीं हुआ है। पंचायत का यह भी आरोप था कि विलेज डवेल्पमेंट कमेटी, स्कूल अध्यापक तथा जे.ई. में किसी तरह का समन्वय नहीं रहा। इसमें भी जे.ई. और इंचार्ज अध्यापिका की लापरवाही रही। सारा मामला उपायुक्त के ध्यान में लाया जा रहा है। उम्मीद है कि जे.ई. के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
नारी निकेतन में जीवन यापन कर रहे एक मूक-बधिर महिला व उसके बच्चे को परिजनों से मिलाने में प्रशासन ने सफलता हासिल की
करनाल
जिला प्रशासन के हस्तक्षेप व लगातार मोनिटरिंग के चलते स्थानीय नारी निकेतन में रह रही नारियों में से किसी न किसी को उसके परिजनों से मिलाने में प्रशासन को सफलता हासिल हो रही है। आज ही निकेतन में रह रही उत्तर प्रदेश की एक मूक-बधिर महिला व उसके बच्चे का अता पता हासिल हुआ है। उम्मीद है कि शीघ्र ही महिला व बच्चे को इनके परिवार जन लेने करनाल आ जायेंगे।
उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी जो मोनिटरिंग कमेटी की अध्यक्ष भी है ने आज नारी निकेतन में निरीक्षण और मीटिंग के बाद इस बात का खुलासा किया। गौरतलब रहे कि गत दो महीनों में नारी निकेतन की 8 में से 4 महिलाओं को उनके परिजनों की खोज करके उनसे मिलवाया गया है। मूक एवं बधिर महिला व उसके बच्चे के परिजनों की खोजबीन एक चुनौतीपूर्ण कार्य से कम नहीं है फिर भी प्रशासन इस दिशा में कामयाब रहा। उपायुक्त ने बताया कि महिला व उसका बच्चा दोनों मूक एवं बधिर हैं, किसी तरह भटक कर करनाल आ गए। अब करनाल जिले में नलीपार गांव में इनके संबंधी मिल गये हैं जिनके माध्यम से महिला व बच्चे के परिजन यहां आ सकेंगे।
उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से परेशान स्थानीय सेक्टर 4 कि एक और महिला जो किसी तरह से भटक गई थी उसे भी उसके पति से मिलवाया जा रहा है और भविष्य में भी नारी निकेतन की ऐसी महिलाएं जो उनके परिजनों से मिलाई जा सकती हैं। उन्हें मिलाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि हर दो महीने के बाद नारी निकेतन में मोनिटरिंग कमेटी की मीटिंग की जाती है और यहां उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण और रह रही नारियों से बातचीत भी की जाती है। ज्ञात रहे कि मोनिटरिंग कमेटी में उपायुक्त के बाद उप-पुलिस अधीक्षक, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी, जिला न्यायवादी तथा जिला परिवार कल्याण अधिकारी को शामिल किया गया है। वर्तमान में नारी निकेतन में 48 महिलाएं या लड़कियां है। इनके साथ 2 बच्चे भी रह रहे हैं। आज की बैठक में उपायुक्त ने सभी महिलाओं से बात की तथा उनका हालचाल पूछा और उनके घर या स्थायी निवास का पता लगाने की कोशिश की तथा उन्हें उनके अपने परिजनों से मिलाने या वापिस घर जाने बारे भी विस्तार से बातचीत की
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