करनाल विजय काम्बोज
हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन के निदेशक सुधीर चौधरी ने कहा है कि बच्चे हमारा भविष्य हैं। इस भविष्य के साथ किसी भी सूरत में अन्याय सहन नहीं होना चाहिए। पुलिस को बच्चों के साथ व्यवहार करते समय सावधानी एवं संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। यदि किसी बच्चों से कानून तोडऩे की भूल हो गई हो तो उसके संबंध में वही किया जाए जिससे उसके साथ न्याय हो।अकादमी के मूलमंत्र ‘संवेदी पुलिस- सशक्त समाज’ की भावना के अनुरूप कार्य करने से बच्चों के साथ न्याय के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। वे अकादमी में राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को बच्चों के अधिकारों के सामाजिक एवं कानूनी पहलुओं के प्रति जागरूक करने के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।इसमें प्रदेशभर से 31 पुलिसकर्मी भाग ले रहें हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 जुलाई तक चलेगा। राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान की सहायक निदेशक मंजू खन्ना ने संस्थान के बारे में जानकारी दी तथा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों के संरक्षण में पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए जरूरी है कि पुलिसकर्मियों का बच्चों से संबंधित कानूनों के बारे में संवेदीकरण किया जाए इससे वे कानूनी तौर पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। बाल अधिकारी संरक्षण आयोग के सदस्य शशांक शेखर,गैर सरकारी संस्था ’हक सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स की ऐनाक्षी गांगुली एवं भारती अली ने बाल न्याय देखभाल एवं संरक्षण कानून, नियमों के साथ बच्चों के मनोविज्ञान, उनके पुनर्वास में पुलिस की भूमिका आदि विषयों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। अकादमी के जिला न्यायवादी शशिकांत शर्मा ने स्वागत तथा अकादमी की उप पुलिस महानिरीक्षक डा. सुमन मंजरी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अकादमी के उप पुलिस महानिरीक्षक एसके जैन, उप पुलिस महानिरीक्षक श्रीकांत जाधव, प्रशिक्षण सलाहकार सेवानिवृत्त बिग्रेडियर केएस बुधवार, निरीक्षक सतीश वत्स भी उपस्थित थे।
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