इन्द्री सुरेश अनेजा
अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा की एक मीटिंग हुई। यह मीटिंग कारगिल युद्ध में श्हादत देने वाले हरियाणा के रणबांकुरों, बहादुर जाबांजों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से की गई थी। विजय दिवस के अवसर पर हुई इस मीटिंग में रणबांकुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आतंकवाद विरोधी मोर्चा के जिला अध्यक्ष रमेश सरीन ने कहा कि हरियाणा के हर जिले से रणबांकुरों ने देश के लिए जो शहादत दी,उन सभी को पूरा इंडिया सलाम करता हैं।
जिला अध्यक्ष रमेश सरीन ने कहा कि आज 12वां कारगिल विजय दिवस पूरी दूनिया में मनाया जा रहा है। हमारे जवान चाहे कारगिल का युद्ध हो या 1965 व 1971 की लड़ाई हर बार युद्ध का नया इतिहास लिखने में सक्षम रहे। देश की सेना ने 16 हजार से 20000 फुट की ऊंची बर्फीली पहाडिय़ों पर युद्ध ही नहीं लड़ा बल्कि अपने देश की रक्षा कर शहादत देते हुए एक नया इतिहास रचा। असंभव को संभव करके दिखाया । उन्होंने दुश्मनों को इस बात का अहसास दिला दिया कि दुश्मन चाहे दुनिया के किसी भी बिल में छिपा हो,उनको ढूंढ निकालना तथा रणक्षेत्र से पछाडऩा भारतीय सैनिकों को बहुत अच्छे से आता है।
उन्होंने कहा 14 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक हमारे देश के 525 सैनिकों ने अपने खून से कारगिल की बर्फानी चोटियों पर स्वर्ण अक्षरों से अपना नाम लिखवाया है। गौरव की बात है कि देश की जितनी भी रैजीमेंट है उसमें प्रत्येक में 10 जवान हरियाणा प्रदेश के हैं। देश के रणबांकुरों ने दुश्मन कितनी भी ऊंचाई पर बैठा हो कभी परवाह नहीं की, जान हथेली पर रखकर देश के सभी सैनिकों ने ऊंची चोटियों पर बैठे दुश्मनों का मुंह तोड़ जवाब दिया। पर देश के राजनेता अपना कर्तव्य भूल कर इन शहीदों की शहादत पर भी सियासी खेल खेलने से नहीं चूकते। इस समय देश ने क ई खतरनाम आतंकी पकड़े हुए हैं लेकिन आज तक किसी भी आतंकी को फांसी को फ ांसी की सजा नहीं दी जा सकी है। यह भारत देश के लिए शर्म की बात है। देश के जान न्यौछावर करने वाले शहीदों की शहादत का मजाक है।
इस मीटिंग में शिवनारायण, धीरज, संदीप, मुकेश, सुशील, रिपू धवन, कुलयश मक्कड़, सचिन, विनोद, अमन, अंशुल, तरूण, अश्वनी आदि उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा की एक मीटिंग हुई। यह मीटिंग कारगिल युद्ध में श्हादत देने वाले हरियाणा के रणबांकुरों, बहादुर जाबांजों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से की गई थी। विजय दिवस के अवसर पर हुई इस मीटिंग में रणबांकुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आतंकवाद विरोधी मोर्चा के जिला अध्यक्ष रमेश सरीन ने कहा कि हरियाणा के हर जिले से रणबांकुरों ने देश के लिए जो शहादत दी,उन सभी को पूरा इंडिया सलाम करता हैं।
जिला अध्यक्ष रमेश सरीन ने कहा कि आज 12वां कारगिल विजय दिवस पूरी दूनिया में मनाया जा रहा है। हमारे जवान चाहे कारगिल का युद्ध हो या 1965 व 1971 की लड़ाई हर बार युद्ध का नया इतिहास लिखने में सक्षम रहे। देश की सेना ने 16 हजार से 20000 फुट की ऊंची बर्फीली पहाडिय़ों पर युद्ध ही नहीं लड़ा बल्कि अपने देश की रक्षा कर शहादत देते हुए एक नया इतिहास रचा। असंभव को संभव करके दिखाया । उन्होंने दुश्मनों को इस बात का अहसास दिला दिया कि दुश्मन चाहे दुनिया के किसी भी बिल में छिपा हो,उनको ढूंढ निकालना तथा रणक्षेत्र से पछाडऩा भारतीय सैनिकों को बहुत अच्छे से आता है।
उन्होंने कहा 14 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक हमारे देश के 525 सैनिकों ने अपने खून से कारगिल की बर्फानी चोटियों पर स्वर्ण अक्षरों से अपना नाम लिखवाया है। गौरव की बात है कि देश की जितनी भी रैजीमेंट है उसमें प्रत्येक में 10 जवान हरियाणा प्रदेश के हैं। देश के रणबांकुरों ने दुश्मन कितनी भी ऊंचाई पर बैठा हो कभी परवाह नहीं की, जान हथेली पर रखकर देश के सभी सैनिकों ने ऊंची चोटियों पर बैठे दुश्मनों का मुंह तोड़ जवाब दिया। पर देश के राजनेता अपना कर्तव्य भूल कर इन शहीदों की शहादत पर भी सियासी खेल खेलने से नहीं चूकते। इस समय देश ने क ई खतरनाम आतंकी पकड़े हुए हैं लेकिन आज तक किसी भी आतंकी को फांसी को फ ांसी की सजा नहीं दी जा सकी है। यह भारत देश के लिए शर्म की बात है। देश के जान न्यौछावर करने वाले शहीदों की शहादत का मजाक है।
इस मीटिंग में शिवनारायण, धीरज, संदीप, मुकेश, सुशील, रिपू धवन, कुलयश मक्कड़, सचिन, विनोद, अमन, अंशुल, तरूण, अश्वनी आदि उपस्थित रहे।
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