इनेलो , कांग्रेस और हजकां के बीच होगी त्रिकोणीय जंग
इनेलो पड़ सकती है दोनों पर भारी
करनाल (अनिल लाम्बा) - प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा हिसार के सांसद चौधरी भजनलाल की अचानक हुई मौत के बाद हिसार लोकसभा के उप-चुनाव में जीत दर्ज करने वाला प्रत्याशी अगली सरकार की नीवं भी रख देगा | साफ़ तौर पर जाहिर है कि हिसार लोकसभा के उप-चुनावों में असली जंग इनेलो , कांग्रेस और हजकां के बीच में ही होगी | हालांकि उप-चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने कोई घोषणा नहीं की है लेकिन चुनाव आयोग कभी भी तिथि मुकर्रर कर सकता है लेकिन तीनों पार्टियों ने अभी से ही मतदाताओं से सीधा सम्पर्क शुरू कर दिया है | इनेलो जहां जन-जागरण अभियान के तहत लगातार सरकार के खिलाफ जहर उगल रही है , वहीं पर कांग्रेस के नेता भी लगातार हिसार का दौरा करने में जुटे हैं | कुमारी शैलजा से लेकर नलवा के विधायक सम्पत सिंह तक लगातार वहां के चक्कर काट रहे हैं | हालांकि हिसार क्षेत्र भजनलाल का गड़ माना जाता है लेकिन कांग्रेस इस सीट पर अपना दावा मजबूती से ठोक रही है | कांग्रेस के पास अभी तक कोई दमदार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने के लिए नहीं है | हजकां किस तरह की रणनीति अपनाएगी , यह तो देखने वाली बात होगी लेकिन समझा जा रहा है कि हिसार के लोकसभा उप-चुनाव में स्व: भजनलाल की धर्मपत्नी जसमा देवी या फिर कुलदीप बिश्नोई भी स्वयं मैदान में उतर सकते हैं | यदि कुलदीप बिश्नोई चुनाव ना लडें तो वह अपनी धर्म-पत्नी को भी चुनाव मैदान में उतार सकते हैं लेकिन इसका फैसला अभी हजकां की कोर कमेटी में होना बाकी है | इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि चुनावों की तिथि घोषित होते ही इनेलो सबसे पहले अपना प्रत्याशी घोषित करेगी लेकिन भीतरी अंतर्कलह का शिकार हुई कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत प्रत्याशी को लेकर है | केंद्र की कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार के घोटालों तथा लगातार बड़ी महंगाई ने कांग्रेस की चुनावी राह में कांटे बिछाने का काम किया है | हरियाणा की जनता ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता मौजूदा समय में महंगाई की चक्की में पिस रही है | कांग्रेस कार्यकाल में लगातार घोटाले दर घोटाला सामने आने से कांग्रेस की छवि काफी धूमिल भी हुई है | दूसरी तरफ इनेलो और हजकां राष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों को साथ लेकर कांग्रेस को साफ़ घेरते हुए नज़र आ रहे हैं | हिसार लोकसभा के उप-चुनावों में एक बात तो साफ़ हो गयी है कि यह चुनावी जंग इनेलो , हजकां और कांग्रेस के मध्य ही होगी मगर इस त्रिकोणीय जंग में किन दो पार्टियों के बीच मुकाबला रहेगा , यह कह पाना अभी मुश्किल है | इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला लगातार जन-जागरण अभियान के तहत अपनी पकड़ जनता पर बनाये हुए हैं | ख़ास बात यह भी है कि अधिकांश संसदीय चुनावों में इनेलो यहाँ कांग्रेस पर भारी रही है | इनेलो प्रत्याशी ने कईं दफा कांग्रेस को यहाँ पर पटखनी दी है | दरअसल हिसार में इनेलो की राजनितिक पकड़ के मुख्य कर्ता-धर्ता चौधरी देवी लाल रहे हैं | देवी लाल के रहते ही सबसे पहले इनेलो ने यहाँ बाजी मारी थी | उसके बाद चौटाला ने इस पकड़ को कमजोर नहीं होने दिया | हिसार में लगातार दौरे कर उन्होंने अपनी पकड़ को बनाये रखा , जिसका फायदा इनेलो को मिलना तय है | कांग्रेस और इनेलो के बीच यदि चुनावी जंग को सामने रखा जाए तो इनेलो कांग्रेस पर भारी पडती नज़र आ रही है | बहरहाल चुनाव की तिथि घोषित होना बाकी है लेकिन कांग्रेस खेमे में उप-चुनाव को लेकर घबराहट है | कांग्रेस जानती है कि यदि भ्रष्टाचार और महंगाई का मुद्दा हावी रहा तो इसका फायदा विपक्षी दल को मिलेगा | यदि यह सीट हाथ से खिसकी तो जीत दर्ज करने वाला प्रत्याशी ही आने वाली सरकार के संकेत दे देगा |
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