इन्द्री, विजय काम्बोज
शहीद सोमनाथ स्मारक समिति द्वारा स्थानीय राजकीय प्राथमिक पाठशाला के प्रांगण में प्रख्यात साहित्यकार प्रेमचंद की जयंती मनाई गयी। इस मौके पर प्रेमचंद की कहानी सवा सेर गेहूं और लॉटरी का जनवाचन किया गया और उनके साहित्य पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर कमला, दीपमाला, गुंजन ने महिला जागरूकता के गीत गाए। कार्यक्रम के दौरान प्रेमचंद की कहानियों पर आधारित किताबें भी प्रदर्शित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता यशपाल ने की।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए समिति के परामर्शदाता व अध्यापक महिन्द्र खेड़ा ने कहानी सवा सेर गेहूं के बारे में कहा कि यह कहानी साहूकारी प्रथा तले दबे किसान के शोषण की कहानी है। आम आदमी का खून चूस कर अपना घर भरने की साहूकार की लालसा के अमानवीय चेहरे और उसक ी हैवानियत को कहानी में बखूबी उभारा गया है। सवा सेर गेहूं के बदले पांच सेर से भी ज्यादा गेहूं और साठ रूपये देने के बाद भी शंकर को 20 वर्ष तक कहानी के विप्रजी के यहां बंधुआ मजदूरी करने को मजबूर होना पड़ता है। यही नहीं उस के मरने के बाद भी इस सवा सेर गेहूं का कर्ज उसके बेटे के सिर ज्यों का त्यों खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि कहानी के दौरान आम आदमी के जीवन के अनेक प्रश्र बीच में आते हैं जिन पर चर्चा करने की बहुत अधिक जरूरत है।
लॉटरी कहानी के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए पंजाबी अध्यापक नरेश सैनी और संस्कृतिकर्मी नरेश नारायण ने कहा कि लोभ और लालच इंसान की सोचने-समझने की शक्ति को कुंद कर देता है। इस मौके पर विशेष अध्यापक ज्ञानचंद, अवधेश यादव, संतोष कुमार व बृजेश ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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