करनाल सुरेश अनेजा
वैश्विकरण के समय में पर्यावरण प्रकृति के लिए एक बड़े संकट के रूप में उभर कर सामने आया है। आधुनिक समय में भौतिकवादी लिप्सा की शिकार आधुनिक पीढ़ी प्रकृति के साथ निरंतर छेडछाड का व्यवहार कर रहे हैं। निष्कर्षत: ग्लेशियर पिघलने लगे हैं, नदियां सूखने लगी हैं, जंगल उजडऩे लगे हैं ऐसे समय में जिला प्रशासन करनाल, वन विभाग तथा दैनिक भास्कर समूह ने संयुक्त पहल के रूप में करनाल की सरजमी पर एक मुहिम आरम्भ की है जिसमें करनाल की उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने मुगल कैनाल पर स्थित गोकुल मार्किट में जिले के सभी नागरिकों, विद्यार्थियों एवं सरकारी कर्मचारी एवं अधिकारी, मीडियाकर्मियों से संयुक्त आहवान किया कि 15 अगस्त से पहले प्रकृति की आजादी, वन्य-प्राणी की आजादी, धरती मां की आजादी का पखवाड़ा मनायें। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्कूली विद्यार्थी पैंटिंग बनाएं, कहानी लिखे, कविता लिखे, निबंध लिखे, विभाग और संस्थाएं पर्यावरण संरक्षण पर विमर्श आयोजित करे। और इन आयोजनों के निष्कर्ष रूप में सृजित सभी रचनाओं व कृतियों को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदर्शित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा यानि हरि का अरण्य यानि भगवान का जंगल देखते देखते कंकरीट के जंगल में तबदील हो गया, अब समय आ गया है जब सांस्कृतिक अभियान चलाकर यह अपील करें कि आओ लौट चले प्रकृति की ओर। कार्यक्रम के आरम्भ में जिला लोक सम्पर्क अधिकारी हरनाम दास जी ने उपस्थित सभी नागरिकों व अधिकारियों का स्वागत करते हुए करनाल के इतिहास पर प्रकाश डाला और उन्होंने कहा करनाल रचनात्मक शहर है यहां के लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति यदि कोई सामूहिक पहल करते हैं तो हरियाणा राज्य में एक नई पहल होगी। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी सरिता भंडारी ने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा पर्यावरण विषय को हम केवल शिक्षा के विषय के रूप में ही अंगीकृत नहीं करेंगे बल्कि हम नई पीढ़ी को इस उददेश्य के लिए तैयार करेंगे कि धरती पर हरियाली कानून से नहीं बल्कि व्यवहार से आयेगी। उप-वन संरक्षक नवदीप हुडडा ने कहा कि हर वर्ष हम टारगेट पूरा करते हैं लेकिन इस वर्ष हम चाहते हैं करनाल की धरती पर पर्यावरण संरक्षण का एक आंदोलन खडा हो। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री राकेश आर्य ने कहा कि समकालीन संदर्भो में यह आवश्यक हो गया है कि पर्यावरण संरक्षण की नई आचार संहिता बनाई जाए। उन्होंने कहा मैं पुलिस विभाग के समस्त कर्मचारियों को यह निर्देशित करूंगा कि वे भी पौधे लगाएं और पौधे लगाना ही कत्र्तव्य नहीं है बल्कि उसका संरक्षण और सुरक्षा नैतिक कत्र्तव्य है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्कृतकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि पर्यावरण एक शब्द नहीं है बल्कि एक अपील है प्रकृति को बचाए रखने की, प्रकृति को नया रंग-रूप देने की ताकि आने वाली पीढिय़ा हमें दोष न दें। इस अवसर पर दैनिक भास्कर समूह के इवेंट मैनेजर पवन त्रिपाठी ने सभी उपस्थित नागरिकों व अधिकारियों का आभार प्रकट किया। इस कार्यक्रम में वन विभाग की ओर से 2000 फल व छायादार पौधे वितरित किये गये। उक्त आयोजन में गोल्डन पब्लिक स्कूल, नवजोत पब्लिक स्कूल, एस.डी. माडल, पारस पब्लिक स्कूल, जे.पी. पब्लिक स्कूल, दून पब्लिक स्कूल के सैंकड़ों विद्यार्थियों ने सक्रिय भाग लिया। इस अवसर पर सुशील भार्गव, रमेश पाल, प्रवीन अरोड़ा तथा धर्मसिंह सहितभारी संख्या में मीडियाकर्मी उपस्थित थे।
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