Saturday, July 30, 2011

हरियाणा मेलों और त्यौहारों और पर्वों का प्रदेश है:सुमिता सिंह


करनाल विजय काम्बोज
हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष एवं करनाल की विधायक श्रीमती सुमिता सिहं तथा उपायुक्त करनाल श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने आज स्थानीय राजकीय महिला महाविद्यालय में भास्कर समूह के सहयोग से आयोजित तीज उत्सव में जिलावासियों को बधाई दी और मिल-जुलकर स्नेह व हर्षो उल्लास से इस त्यौहार को मनाने की शुभकामनाए की। 
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं को सम्बोधित करते हुए विधायक सुमिता सिहं ने बताया  कि हरियाणा मेलों और त्यौहारों का प्रदेश है। वर्ष भर यहां कोई न कोई पर्व मनाया जाता है। श्रावण मास में आने वाली तीज इस प्रदेश का एक लोकप्रिय त्यौहार है। यह झूला उत्सव है तथा इस अवसर पर महिलाएं घरों,गली,मौहल्लों में सावन के गीत समूहगान के रूप में गाती है जो मनमोहक होते हैं। इन गीतों में कहीं भाई बहन का प्यार, प्रेमी-प्रेमिका की नोक-झोक,सास- बहु की चुहल-बाजी ,राम लखन के भजन तो कहीं शिव पार्वती का स्मरण किया जाता है। हरियाणवी संस्कृति में इसे हरियाली तीज व मीठी तीज के नाम से जाना जाता है। घर-घर में कोथली और सिंधारा भेजने के चर्चे होते हैं। कन्या पक्ष की ओर से भेजी जाने वाली कोथली को लाड कोथली कहते हैं जबकि नववधु की पहली तीज वर पक्ष की ओर से भेजी जाती है। कोथली मे भाई अपनी बहन के घर मेहंदी,चुडियों का जोडा,धागों का नाला और भेंट स्वरूप मीठी सुहाली,घेवर व फिरनी तथा बतासे ले जाता है। देहात में जब भी किसी के घर कोथली आती है तो महिलाएं उसे मौहल्ले में बांटती हैं। 
                           उन्होंने बताया कि तीज के दिन महिलाएं पेडों के तनों पर कपडा बांधकर रस्सी का झूला डालती है और झूलते हुए सावन के गीत गाती है । रात का वातावरण पूरी तरह गीतमय हो जाता है। उन्होंने कहा कि अब आधुनिकता से पेड कम होते जा रहे हैं और इसका महत्व भी कम होता जा रहा है। उन्होंने उपस्थित छात्राओंं से कहा कि वे अपने जन्म दिन,माता-पिता की सालगिरह जैसे अवसरों पर एक-एक पौधा जरूर लगायें ताकि पर्यावरण का सरंक्षण किया जा सके।  उन्होंने हरियाणवी संस्कृति को जीवित रखने की बात कही। 


उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा समृद्व हरा भरा व कृषि प्रधान प्रदेश है। इसकी संस्कृति में अनेक त्यौहार तथा लोक गाथाएं जुडी हैं। जिनकी झलक हरियाणा के लोक गीतों में भी मिलती है। उन्होंने कहा कि हमे अपनी लुप्त हो रही संस्कृति को कभी नही भुलना चाहिए । तीज भी हमारी संसकृति का हिस्सा है जो हमारी परम्पराओं में रची-बसी है। उन्होंने कहा कि आज की तेज दौडती जिन्दगी के चलते त्यौहारों की रोनक कुछ फीकी हो गई है। जिसे जिन्दा रखने के लिए हमे इस तरह के आयोजन करने चाहिए। 
राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डा. महाबीर नैन ने उपायुक्त व विधायक का स्वागत किया और तीज के त्यौहार पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्वेश्य हमे अपनी संस्कृति को संजोये रखना है। क्योंकि नई पीढी इसे भुलती जा रही है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के महिला विकास अध्ययन एवं सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की ओर से छात्राओं की,मेहंदी,झूला व मिस तीज की प्रतियोगिताए आयोजित की गई। इनमें कुमारी कल्पना प्रथम,प्रिसी द्वितीय व रितु को तृतीय स्थान पर चुना गया। दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ सुशील भार्गव ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए छात्राओं को अपनी संस्कृति को न भूलने की हिदायत दी। दैनिक भास्कर के इवेन्ट मैनेजर पवन त्रिपाठी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। फोटो  कैप्शन अगले पेज पर ----

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