Friday, April 1, 2011

पहली बार विश्व कप की खिताबी जंग दो एशियाई टीमों में

मुंबई
क्रिकेट के जुनून के लिए मशहूर भारत और श्रीलंका शनिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर जब क्रिकेट के सबसे बड़े खिताब विश्व कप के लिए आमने-सामने होंगे, तब पूरे विश्व की नजरें इस महा-मुकाबले पर टिकी होंगी। टीम इंडिया के शूरवीर लंका में आग लगा कर 28 साल बाद अपना ख्वाब पूरा करना चाहेंगे तो श्रीलंकाई शेर की नजरें 1996 के इतिहास को दोहराने पर होंगी। पहली बार विश्व कप की खिताबी जंग दो एशियाई टीमों में होगी।
ऐतिहासिक ला‌र्ड्स पर शानदार विश्व कप जीत के दो दशक बाद कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की टीम ट्राफी से महज एक कदम की दूरी पर है और वानखेड़े स्टेडियम में अपनी बादशाहत साबित करने के लिए सबसे बड़े क्रिकेट मुकाबले में विश्व चैंपियन बनने की दहलीज पर है। एशिया की दो शीर्ष टीमें भारत और श्रीलंका ने हाल में एक दूसरे से काफी मैच खेले हैं। दोनों ने एक-एक बार यह विश्व खिताब हासिल किया है और दूसरी बार यह कप अपने नाम करने के लिए दोनों टीमें कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ेंगी। भारतीय टीम के लिए घरेलू सरजमीं पर खेलने का फायदा होगा, साथ ही अपना उतार-चढ़ाव भरा अभियान शुरू करने के बाद टीम अपनी श्रेष्ठ लय में चल रही है। यह महासंग्राम मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के लिए विश्व कप जीतने का सपना पूरा करने के लिए अंतिम मौका होगा, क्योंकि उनके खिताबों की सूची में सिर्फ यही ट्राफी अपनी चमक नहीं बिखेर पाई है।
टीम इंडिया के कोच गैरी क‌र्स्टन के लिए भी भारत की ओर से यह अंतिम मैच होगा, जबकि श्रीलंकाई कोच भी विश्व कप के बाद इस्तीफा दे देंगे। स्पिन जादूगर मुथैया मुरलीधरन के लिए यह आखिरी वनडे मुकाबला होगा, जो घुटने की चोट से उबर रहे हैं। फाइनल से पहले दोनों टीमों में चोटों की समस्याएं हैं। घरेलू टीम को आशीष नेहरा उंगली की चोट के कारण गहरा झटका लगा है, क्योंकि वह लगभग इस मैच से बाहर हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में अच्छी गेंदबाजी की थी। इसी तरह श्रीलंकाई टीम भी मुरलीधरन और आल राउंडर एंजेलो मैथ्यूज की चोट से चिंतित है, उसने इनके लिए कवर के तौर पर सूरज रणदीव और चामिंडा वास को बुलाया है। मेजबान टीम खिताबी मुकाबले से पहले चयन की दुविधा में घिरी है। भारतीय मोहाली की पिच को अच्छी तरह नहीं पढ़ सके थे, जिसके कारण उन्हाेंने स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बजाय तेज गेंदबाज नेहरा को अंतिम एकादश में चुना था। अश्विन ने अभी तक दो मैच खेले हैं जिसमें उनका प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा है।
मोहाली की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिली थी, हालांकि तीन भारतीय तेज गेंदबाजों जहीर खान, मुनाफ पटेल और नेहरा ने अच्छा प्रदर्शन किया था। टीम इंडिया सही समय पर शानदार प्रदर्शन कर रही है, पहले उन्होंने क्वार्टर फाइनल में गत चैंपियन आस्ट्रेलिया और फिर हाई वोल्टेज सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को परास्त किया लेकिन अब देखना बाकी है कि वह फाइनल में यही कारनामा कर पाते हैं या नहीं, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी। कप्तान धौनी ने टीम के साथी खिलाड़ियों को चेता दिया है कि उन्हें विश्व कप अभियान को लेकर किए जा रहे अत्यधिक प्रचार से ध्यान नहीं भटकाने देना चाहिए और अपना ध्यान सिर्फ खेल पर लगाना चाहिए। धौनी ने कहा, 'चारों ओर काफी चीजें हो रही हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि इससे ध्यान भंग नहीं होने दिया जाए। बतौर पेशेवर क्रिकेट हम अपना काम बखूबी जानते हैं इसलिए हम इसी पर अडिग रहेंगे और बढि़या क्रिकेट खेलने की कोशिश करेंगे।' अभी तक टूर्नामेंट में शानदार कप्तानी कर चुके धौनी के मुताबिक, 'श्रीलंका की अच्छी टीम है और उन्होंने टूर्नामेंट में भी सचमुच अच्छा प्रदर्शन किया है। हमें उन्हें हराने के लिए अच्छा क्रिकेट खेलना होगा। हमें अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा।' कागज पर दोनों टीमें पूरी तरह से संतुलित दिख रही हैं, हालांकि श्रीलंकाई टीम का गेंदबाजी आक्रमक काफी मजबूत है, विशेषकर मुरलीधरन की मौजूदगी से जो अपने अंतिम मैच में बेहतर प्रदर्शन करने को बेताब होंगे। वह घुटने की चोट से परेशान हैं और उनके कवर के लिए रणदीव को बुलाया गया है, हालांकि टीम प्रबंधन को पूरा भरोसा है कि वह इस मैच तक पूरी तरह से फिट हो जाएंगे।
भारतीयों का बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत है, जिसमें से ज्यादातर स्पिन से अच्छी तरह निपट सकते हैं। मुरलीधरन चतुर गेंदबाज हैं जो अगर इस मैच में उतरते हैं तो बल्लेबाजों को दबाव में डालने का तरीका ढूंढ लेंगे। घरेलू टीम तेंदुलकर और विस्फोटक वीरेंद्र सहवाग से आक्रामक शुरुआत दिलाने की उम्मीद करेंगी, ताकि मध्यक्रम को मजबूत मंच प्रदान किया जा सके जिससे भारतीय टीम वानखेड़े की पिच पर चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने की कोशिश करेगी। वानखेड़े की पिच बल्लेबाजों के मुफीद होने की उम्मीद है। तेंदुलकर टूर्नामेंट में 464 रन बनाकर शुरू से ही अच्छी फार्म में हैं और उनके प्रशंसक उम्मीद करेंगे कि वह अपने घरेलू मैदान पर 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़कर यह उपलब्धि हासिल कर लें।
बांग्लादेश के खिलाफ 175 रन की शानदार पारी खेलने वाले सहवाग हालांकि इसके बाद इतना आक्रामक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, लेकिन उन्होंने तेजी से 30-40 रन जोड़े हैं और श्रीलंका से मैच छीनने के लिए भारत चाहेगा कि वह इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएं। भारतीय बल्लेबाजी में गहराई है, लेकिन उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि वह बल्लेबाजी पावरप्ले में लुढक नहीं जाएं, जैसा दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज खिताब मैच में हुआ था। पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने हालांकि पावरप्ले में फायदा उठाया था। रन जुटाने के लिए गौतम गंभीर, विराट कोहली, युवराज सिंह, कप्तान धौनी और रैना में काफी प्रतिभा और कौशल मौजूद है। धौनी बल्ले से हालांकि अच्छा नहीं कर पा रहे हैं लेकिन वह इस मैच में योगदान करने के बारे में सोच रहे होंगे। युवराज के लिए यह विश्व कप बेहतरीन रहा है, जो रिकार्ड चार बार मैन आफ द मैच का पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। वह बल्ले और गेंद दोनों में फार्म में हैं और इस मैच में अहम भूमिका निभाएंगे।
श्रीलंका के शीर्ष बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान, कुमार संगकारा, उपुल थरंगा और महेला जयवर्धने रन बटोर रहे हैं और उनकी टीम संतुलित दिख रही है। कप्तान कुमार संगकारा ने कहा, 'यह हमारे लिए काफी मायने रखता है। हमने पिछले दो वर्षों से इसकी योजना बनाई है। 2007 में हम मौका चूक गए थे, जिसमें हम फाइनल में पहुंचे थे और कल [शनिवार] हमारे पास बेहतरीन मौका होगा।' कुल 1.252 करोड़ डालर ईनामी राशि के टूर्नामेंट में खिताब जीतने वाली टीम को 30 लाख डालर जबकि उप विजेता को 15 लाख डालर की ईनामी राशि मिलेगी। श्रीलंका ने यहां इस स्टेडियम में चार वनडे खेले हैं, जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप का लीग मैच भी शामिल हैं। इन चारों में से उन्होंने दो जीते जबकि दो में उन्हें हार मिली। भारत ने 1986-87 में श्रीलंका को यहां एक मैच में हराया है जबकि उसने 1996-97 में हुए एक मुकाबले में मेजबान टीम पर जीत दर्ज की। श्रीलंका को 1993 में वेस्टइंडीज से हार का मुंह देखना पड़ा था जबकि इस महीने के शुरू में उन्होंने न्यूजीलैंड को परास्त किया था।
टीमें: भारत- महेंद्र सिंह धौनी [कप्तान], वीरेंद्र सहवाग [उप कप्तान], सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, विराट कोहली, यूसुफ पठान, सुरेश रैना, जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, एस श्रीसंथ, रविचंद्रन अश्विन, पीयूष चावला और हरभजन सिंह।
श्रीलंका- कुमार संगकारा [कप्तान], महेला जयवर्धने [उप कप्तान], तिलकरत्ने दिलशान, दिलहारा फर्नांडो, रंगना हेराथ, चामरा कापूगेदेरा, नुआन कुलशेखरा, लसिथ मलिंगा, एंजलो मैथ्यूज, अजंता मेंडिस, मुथैया मुरलीधरन, थिसारा परेरा, तिलन समरवीरा, चमारा सिल्वा और उपुल थरंगा।

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