Wednesday, May 25, 2011

कैमिकल युक्त पानी में खड़ा रहने के कारण दम तोड़ रहे है पेड़-पौधे।


    ददलाना:(घरौडा)- (राजपाल प्रेमी)
  सरकार पर्यावरण को बचाने व हरा भरा रखने के लिए जहां करोड़ों रूपया खर्च करती है। वहीं रिफाईनरी व वन विभाग की लापरवाही के चलते रिफाईनरी के पीछे दिल्ली पेरलर नहर के साथ लगे करोड़ों रूपए के पेड़-पौधे में से कैमिकल युक्त पानी छोड़ दिए जाने से दम तोड़ते नज़र आ रहे है। पिछले कई माह से खड़े इस कैमिकल युक्त गंदे पानी के कारण अब हालात ये हो गए है कि जहां पेड़-पौधे गल चुके है। वहीं खड़े इस पानी से बहुत ही बुरी दुर्गंध फै लनी शुरू हो गई है। जिससे आस-पास के क्षेत्र में बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है। 
  

    रिफाईनरी व वन विभाग द्वारा पर्यावरण को हरा-भरा रखने के लिए दिल्ली पेरलर नहर के साथ लगती रिफाईनरी की ग्रीन पट्टी पर लाखों रूपए की लागत से पेड़-पौधे लगाए थे और प्रशासन ने ये पेड़-पौधे इसी उद्देश्य निकलने वाली जहरीली गैस व अन्य कीटाणुओं का पर्यावरण पर कोई असर न पड़े। लेकिन पिछले काफी समय से रिफाईनरी से आ रहा गंदा व कैमिकल युक्त पानी इन पेड़-पौधो में खड़ा है। पानी खड़ा होने के कारण से पेड़-पौधे काफी मात्रा में गल गए है और इस पानी से इतनी दुर्गंध आ रही है कि उस पानी के पास खड़ा होना तो दूर वहां से गुजरना भी दुभर हो गया है।
    रिफाईनरी के आस-पास रहने वाले ग्रामीण दलबीर, सतबीर, नरेश, सुरेश, दहिया, रामपाल, रामनिवास, लालू, सुरेंद्र, लालचंद आदि का कहना है कि  इस पानी से इतनी बदबू आती है कि राहगीरों को इसके पास से गुजरते समय मुंह पर रूमाल ढाप कर गुजरना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो शीघ्र ही पूरे क्षेत्र में गंदे पानी के कारण पर्यावरण दूषित होगा और कोई भयंकर बिमारी फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
    ग्रामीणों ने बताया कि इन पेड़-पौधों में खड़े गंदे व कैमिकल युक्त पानी का रिफाईनरी व वन विभाग के अधिकारियों को इसका पता है लेकिन पता नही क्यों, उनका ध्यान इस ओर क्यो नही जा रहा है।
    ग्रामीणों ने मांग की हैै कि पेड़-पौधों के बीच खड़े इस गंदे पानी की निकासी का प्रबंध किया जाए। ताकि पेड़-पौधों का जीवन बचाया जा सके और पर्यावरण शुद्ध रहे।

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