कुरुक्षेत्र, नरेंद्र धूमसी
स्वीटी के परिजनों ने बुधवार को दोपहर बाद पुलिस अधीक्षक सुलतान सिंह से उनके कार्यालय में मिल कर स्वीटी के हत्यारों को पकड़ने की गुहार लगाई। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से इस बात पर रोष प्रकट किया कि एक सप्ताह बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई। पुलिस अधीक्षक ने परिजनों को विश्वास दिलाया कि पुलिस दिन-रात एक कर सुराग लगाने के लिए प्रयास कर रही है। किसी भी कीमत पर हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा। स्वीटी के मामा रामकुमार, भाई कुनाल व अन्य परिजन बुधवार को पुलिस अधीक्षक सुलतान सिंह से मिलकर इस मामले की सारी जानकारी ली। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि इस मामले में हो रही जांच से वे संतुष्ट नहीं हैं। अभी तक उन्हें इंसाफ मिल जाना चाहिए था, मगर ऐसा नहीं हो पाया है। पुलिस अधीक्षक ने परिजनों को जांच के बारे में जानकारी देते हुए आश्वासन दिया कि जल्द ही इस मामले में पटाक्षेप हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही है।
=================================================
अधिवक्ताओं ने भी खोला मोर्चा
कुरुक्षेत्र
जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बुधवार को बैठक कर स्वीटी हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही की निंदा की। बार एसोसिशन के प्रधान सुभाष शर्मा ने अधिवक्ताओं से इस संबंध में उनके सुझाव मांगे और एकमत से बृहस्पतिवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरने देने का निर्णय लिया।
जिला बार एसोसिएशन के प्रधान सुभाष शर्मा ने कहा कि स्वीटी के अपरहरण के बाद लोगों ने तुरंत इसकी सूचना 100 नंबर पर दी थी, मगर पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई, जिसका नतीजा यह निकला कि सात दिन बाद भी हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। अधिवक्ता गुरदेव सिंह सैखों ने कहा कि बार एसोसिएशन के सदस्यों को चाहिए कि जब आरोपियों को अदालत में पेश किया जाए तो उनका मुकद्दमा कोई भी अधिवक्ता न ले। अधिवक्ता सुदेश कुमारी ने कहा कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध है। इस मामले में सीबीआइ जांच होनी चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता तीर्थ सिंह ने कहा कि थाना सदर के सभी पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया जाना चाहिए। अधिवक्ता राज सिंह ने कहा कि पुलिस सात दिन तक भी कुछ नहीं कर पाई, इसलिए इस मामले में जांच जरूरी है। अधिवक्ता मोती राम ने कहा कि इस वारदात के लिए पुलिस अधीक्षक जिम्मेवार हैं। इसलिए उनके खिलाफ अदालत में याचिका दायर की जाए। अधिवक्ताओं के सुझाव के बाद बार एसोसिएशन ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर बार एसोसिएशन धरना देने का प्रस्ताव पारित किया और मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि पुलिस अधीक्षक के पेंशन फायदों को रोका जाए।
इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के आरके मोरथला, अमन चीमा, दीपक शर्मा, बलविंद्र सिंह, जगजीत सिंह विर्क, अशोक भारद्वाज, त्रिलोचन सिंह, धीरज अत्री, हरदयाल सिंह अटवान, चौधरी अमर सिंह, धर्म सिंह ढांडा मौजूद रहे।
जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बुधवार को बैठक कर स्वीटी हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही की निंदा की। बार एसोसिशन के प्रधान सुभाष शर्मा ने अधिवक्ताओं से इस संबंध में उनके सुझाव मांगे और एकमत से बृहस्पतिवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरने देने का निर्णय लिया।
जिला बार एसोसिएशन के प्रधान सुभाष शर्मा ने कहा कि स्वीटी के अपरहरण के बाद लोगों ने तुरंत इसकी सूचना 100 नंबर पर दी थी, मगर पुलिस ने तत्परता नहीं दिखाई, जिसका नतीजा यह निकला कि सात दिन बाद भी हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। अधिवक्ता गुरदेव सिंह सैखों ने कहा कि बार एसोसिएशन के सदस्यों को चाहिए कि जब आरोपियों को अदालत में पेश किया जाए तो उनका मुकद्दमा कोई भी अधिवक्ता न ले। अधिवक्ता सुदेश कुमारी ने कहा कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध है। इस मामले में सीबीआइ जांच होनी चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता तीर्थ सिंह ने कहा कि थाना सदर के सभी पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर किया जाना चाहिए। अधिवक्ता राज सिंह ने कहा कि पुलिस सात दिन तक भी कुछ नहीं कर पाई, इसलिए इस मामले में जांच जरूरी है। अधिवक्ता मोती राम ने कहा कि इस वारदात के लिए पुलिस अधीक्षक जिम्मेवार हैं। इसलिए उनके खिलाफ अदालत में याचिका दायर की जाए। अधिवक्ताओं के सुझाव के बाद बार एसोसिएशन ने बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के बाहर बार एसोसिएशन धरना देने का प्रस्ताव पारित किया और मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि पुलिस अधीक्षक के पेंशन फायदों को रोका जाए।
इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के आरके मोरथला, अमन चीमा, दीपक शर्मा, बलविंद्र सिंह, जगजीत सिंह विर्क, अशोक भारद्वाज, त्रिलोचन सिंह, धीरज अत्री, हरदयाल सिंह अटवान, चौधरी अमर सिंह, धर्म सिंह ढांडा मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment