करनाल 18 मई,विजय काम्बोज
जिला के ब्लड बैंकों में जरूरतमंदों के लिये अब खून की कमी नहीं रहेगी। वर्ष भर रक्तदान शिविर आयोजित किये जायेंगे तथा सरकारी व निजी ब्लड बैंकों में जरूरतमंद व्यक्तियों के लिये ब्लड की दरें प्रदर्शित की जायेंगी। उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने आज स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित एक बैठक में ब्लड डोनेशन कैम्पों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिये। बैठक में सिविल सर्जन डाक्टर वंदना भाटिया, उप-पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र पाल सिंह तथा रैडक्रास सचिव सुनील कुमार के अतिरिक्त जिला के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों व स्वयंसेवी संस्थाओं से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में निजी ब्लड बैंकों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति न होने पर उपायुक्त ने कड़ा संज्ञान लिया और आयोजकों को इसकी फटकार भी लगाई।
श्रीमती कासनी ने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्ति स्वैच्छा से नि:शुल्क रहकर रक्तदान करते हैं अत: जरूरतमंदों को भी नि:शुल्क ब्लड उपलब्ध हो, तो कितना अच्छा है। इसकी सफाई में स्थानीय सिविल अस्पताल में सरकारी ब्लड बैंक के प्रभारी डाक्टर एस.के.महिपाल सिंह ने बताया कि ब्लड मैचिंग में जो प्रक्रिया अमल में लाई जाती है उसमें खर्चा होता है इसके अतिरिक्त रक्तदान शिविरों में प्रबंधों और रक्त लेने में प्रयुक्त सामान पर भी खर्चा होता है। इस कारण नि:शुल्क खून देना मुमकिन नहीं हो पाता। उपायुक्त ने वास्तविकता से पर्दा उठाते हुए कहा कि कई बार जरूरतमंदों की ओर से ब्लड को हासिल करने में हरासमेंट की शिकायतें मिलती हैं। जिन पर पूर्ण रूप से अंकुश हों। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि निजी ब्लड बैंक वाले भी अपने यहां ब्लड के रेटों को डिस्पले करें ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो। इसी प्रकार सरकारी ब्लड बैंक वालों के यहां भी रेट के साथ-साथ अन्य सेवाएं और रक्त लेने आए व्यक्ति को रक्त मिलने में कितनी देर इंतजार करनी पड़ेगी इसकी भी जानकारी प्रदर्शित हो। उन्होंने जोर दिया कि हर मास कोई न कोई संस्था शिविर लगाए और इसके लिये वर्ष भर का बकायदा एक कलैण्डर तैयार किया जाए। इसमें ब्लड देने वाली संस्था का नाम, शिविर के आयोजन की तिथि दर्शायी गई हो। उन्होंने ब्लड बैंक के इंचार्ज को निर्देश दिये कि वे एक सप्ताह में ऐसा कलैण्डर तैयार कर उन्हें दिखाए।
डाक्टर एस.के. महिपाल ने वर्ष भर ब्लड की जरूरत और उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में जिला में 14 हजार से 15 हजार यूनिट रक्त की जरूरत है जिसमें से रक्तदान शिविरों के माध्यम से केवल 44 प्रतिशत यूनिट रक्त ही एकत्रित होता हैं जो कि काफी कम हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल से मरीज को 250 रुपये प्रति यूनिट तथा प्राईवेट अस्पताल के मरीज को 500 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों मेंं दाखिल मरीज जैसे बी.पी.एल., गर्भवती महिलाओं व थैलेसिमिया के रोगी, दुर्घटना के मामले में, सर्जिकल आप्रेशन तथा बेसहारा लोगों को मुफ्त में रक्त उपलब्ध करवाया जाता है। डाक्टर महिपाल ने यह भी बताया कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति उनसे 94162-69106 नम्बर पर सम्पर्क कर सकता है। सरकारी ब्लड बैंक की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध है।
बैठक में प्राईवेट ब्लड बैंकों के प्रतिनिधियों के न होने से उपायुक्त ने नाराजगी प्रकट की और कहा कि उन लोगों का इस मीटिंग में होना जरूरी था। हालांकि बैठक में दयाल सिंह कालेज, गवर्नमेंट कालेज, माडल डेयरी, हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन व संत निरंकारी मिशन के प्रतिनिधियों ने उनकी ओर से अलग-अलग महीनों में रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिये अपनी सहमति दी जिसे ब्लड बैंक इंचार्ज ने नोट कर लिया।
बैठक में सिविल सर्जन डाक्टर वंदना भाटिया ने उपायुक्त व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए भरोसा दिलाया कि भविष्य में उपायुक्त के दिशा-निर्देशों के तहत कार्यवाही करते हुए ब्लड डोनेशन कैम्प लगाये जायेंगे।
जिला के ब्लड बैंकों में जरूरतमंदों के लिये अब खून की कमी नहीं रहेगी। वर्ष भर रक्तदान शिविर आयोजित किये जायेंगे तथा सरकारी व निजी ब्लड बैंकों में जरूरतमंद व्यक्तियों के लिये ब्लड की दरें प्रदर्शित की जायेंगी। उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने आज स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित एक बैठक में ब्लड डोनेशन कैम्पों की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिये। बैठक में सिविल सर्जन डाक्टर वंदना भाटिया, उप-पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र पाल सिंह तथा रैडक्रास सचिव सुनील कुमार के अतिरिक्त जिला के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों व स्वयंसेवी संस्थाओं से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में निजी ब्लड बैंकों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति न होने पर उपायुक्त ने कड़ा संज्ञान लिया और आयोजकों को इसकी फटकार भी लगाई।
श्रीमती कासनी ने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्ति स्वैच्छा से नि:शुल्क रहकर रक्तदान करते हैं अत: जरूरतमंदों को भी नि:शुल्क ब्लड उपलब्ध हो, तो कितना अच्छा है। इसकी सफाई में स्थानीय सिविल अस्पताल में सरकारी ब्लड बैंक के प्रभारी डाक्टर एस.के.महिपाल सिंह ने बताया कि ब्लड मैचिंग में जो प्रक्रिया अमल में लाई जाती है उसमें खर्चा होता है इसके अतिरिक्त रक्तदान शिविरों में प्रबंधों और रक्त लेने में प्रयुक्त सामान पर भी खर्चा होता है। इस कारण नि:शुल्क खून देना मुमकिन नहीं हो पाता। उपायुक्त ने वास्तविकता से पर्दा उठाते हुए कहा कि कई बार जरूरतमंदों की ओर से ब्लड को हासिल करने में हरासमेंट की शिकायतें मिलती हैं। जिन पर पूर्ण रूप से अंकुश हों। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि निजी ब्लड बैंक वाले भी अपने यहां ब्लड के रेटों को डिस्पले करें ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो। इसी प्रकार सरकारी ब्लड बैंक वालों के यहां भी रेट के साथ-साथ अन्य सेवाएं और रक्त लेने आए व्यक्ति को रक्त मिलने में कितनी देर इंतजार करनी पड़ेगी इसकी भी जानकारी प्रदर्शित हो। उन्होंने जोर दिया कि हर मास कोई न कोई संस्था शिविर लगाए और इसके लिये वर्ष भर का बकायदा एक कलैण्डर तैयार किया जाए। इसमें ब्लड देने वाली संस्था का नाम, शिविर के आयोजन की तिथि दर्शायी गई हो। उन्होंने ब्लड बैंक के इंचार्ज को निर्देश दिये कि वे एक सप्ताह में ऐसा कलैण्डर तैयार कर उन्हें दिखाए।
डाक्टर एस.के. महिपाल ने वर्ष भर ब्लड की जरूरत और उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में जिला में 14 हजार से 15 हजार यूनिट रक्त की जरूरत है जिसमें से रक्तदान शिविरों के माध्यम से केवल 44 प्रतिशत यूनिट रक्त ही एकत्रित होता हैं जो कि काफी कम हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल से मरीज को 250 रुपये प्रति यूनिट तथा प्राईवेट अस्पताल के मरीज को 500 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों मेंं दाखिल मरीज जैसे बी.पी.एल., गर्भवती महिलाओं व थैलेसिमिया के रोगी, दुर्घटना के मामले में, सर्जिकल आप्रेशन तथा बेसहारा लोगों को मुफ्त में रक्त उपलब्ध करवाया जाता है। डाक्टर महिपाल ने यह भी बताया कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति उनसे 94162-69106 नम्बर पर सम्पर्क कर सकता है। सरकारी ब्लड बैंक की सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध है।
बैठक में प्राईवेट ब्लड बैंकों के प्रतिनिधियों के न होने से उपायुक्त ने नाराजगी प्रकट की और कहा कि उन लोगों का इस मीटिंग में होना जरूरी था। हालांकि बैठक में दयाल सिंह कालेज, गवर्नमेंट कालेज, माडल डेयरी, हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन व संत निरंकारी मिशन के प्रतिनिधियों ने उनकी ओर से अलग-अलग महीनों में रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिये अपनी सहमति दी जिसे ब्लड बैंक इंचार्ज ने नोट कर लिया।
बैठक में सिविल सर्जन डाक्टर वंदना भाटिया ने उपायुक्त व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों का धन्यवाद करते हुए भरोसा दिलाया कि भविष्य में उपायुक्त के दिशा-निर्देशों के तहत कार्यवाही करते हुए ब्लड डोनेशन कैम्प लगाये जायेंगे।
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