हरियाणा बिजली उत्पादन की दिशा में तेजी से स्वावलंबी बन रहा है।
बहादुरगढ़,
मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा बिजली उत्पादन की दिशा में तेजी से स्वावलंबी बन रहा है। यह पहली बार हुआ है, जब प्रदेश में बिजली के स्थायी समाधान के लिए उत्पादन की दिशा में ठोस उपाय किए गए है। थोड़े समय बाद यह प्रदेश बिजली के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगा। मुख्यमंत्री सोमवार को क्षेत्र के आसंडा गाव में 220 केवी सब स्टेशन का शुभारभ करने के बाद ग्रामीणों से रूबरू हो रहे थे। मुख्यमंत्री ने करीब 52 करोड़ रुपये की लागत से बने एचवीपीएनएल सब स्टेशन जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि इस सब स्टेशन से आसपास के एक बड़े शहरी एवं ग्रामीण हिस्से को सुचारु रूप से बिजली आपूर्ति हो सकेगी और बिजली के कटों से निजात मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बागडोर संभालने के साथ ही बिजली की समस्या भी उन्हे विरासत में मिली। उसके बावजूद समस्या को जड़ से मिटाने के लिए पिछले छह वर्षो में चार थर्मल पावर प्लाट स्थापित किए गए है। यमुनानगर और खेदड़ में स्थापित किए गए थर्मल पावर प्लाट से बिजली उत्पादन शुरू हो चुका है। झज्जर का झाड़ली क्षेत्र बिजली हब के रूप में विकसित हो रहा है। अगले चंद महीनों में इदिरा गाधी सुपर थर्मल पावर प्लाट से बिजली उत्पादन शुरू होगा। इसके साथ ही खानपुर में थर्मल पावर प्लाट का निर्माण अंतिम चरण में है। उनकी हमेशा यह कोशिश रही है कि किसी भी किसान की फसल बिजली और पानी के अभाव में सूखने न पाए। आने वाले समय में प्रदेश बिजली के लिए स्वावलंबी ही नहीं होगा, बल्कि प्रदेश के पास सरप्लस बिजली भी होगी।
हुड्डा ने कहा कि बिजली की पर्याप्त उपलब्धता कृषि ही नहीं औद्योगिक विकास के लिए भी जरूरी है। सरकार का यह प्रयास है कि बड़े उद्योगों के साथ लघु एवं कुटीर उद्योगों को भी पर्याप्त बिजली दी जाए, ताकि बेहतर उत्पादन के साथ ही विभिन्न इकाइयों में लगे कामगार किसी भी रूप में प्रभावित न हों। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 220 केवी सब स्टेशन की परिचालन प्रणाली का निरीक्षण भी किया। कार्यक्रम में एचवीपीएनएल की एमडी ज्योति अरोड़ा, राजनीतिक सलाहकार प्रो. वीरेद्र सिंह, चक्रवर्ती शर्मा, जयदीप धनखड़, चत्तर सिंह,डा. संजय अत्री, पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा, पूर्व विधायक संत कुमार, रणबीर सिंह ढाका आदि उपस्थित थे।
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