मंडियों में सब्जी के दाम गिरने पर भी बाजार भाव में नहीं आई गिरावट
उपभोक्ता को ऊंचे दामों पर ही मिल रही है सब्जी
रादौर,24मई-कुलदीप सैनी
सब्जी उत्पादक किसान मंडी में सब्जियों के कम दामों को लेकर परेशान है। लेकिन सब्जी के बाजार भाव आज भी ऊंचे ही है। किसानों की सब्जियों की मंडियों में बेकर्दी हो रही है। लेकिन वहीं सब्जी जब बाजार में पहुंच रही है तो पहले की तरह की ऊंचे दामों पर बिक रही है। मात्र आधा किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद सब्जी के दाम बाजार पहुंचते-पहुंचते लगभग तीन गुना हो जाते है। जिससे किसान व बाजार का उपभोक्ता दोनों ही ठगे जा रहे है। सरकार का सब्जियों के भावों पर कोई नियंत्रण न होने के कारण सब्जी उत्पादक किसान व ग्राहक दोनों का शोषण हो रहा है। जिसके चलते अब क्षेत्र के किसान रादौर में किसान मंडी खोलने की मांग करने लगे है। जिससे न केवल किसानों को सब्जी का उचित मूल्य मिल पायेगें बल्कि आम उपभोक्ताओं को भी वाजिफ दामों पर सब्जी मिल पायेगी।
क्या है बाजार भाव-सब्जी मंडी में पतली हालत में बिकने वाली सब्जी बाजार तक पहुंचते पहुंचते मजबूत हो जाती है। मंडी में 2 से 3 रूपये प्रति किलों बिक रही शिमला मिर्च बाजार में 8 से 10 रूपये प्रति किलों के हिसाब से मिल रही है। वहीं भिंडी मंडी में 5 रूपये प्रति किलो है लेकिन बाजार में इसी भिंडी का भाव 12 से 14 रूपये प्रति किलों है। करेला मंडी में 8रूपये किलों है तो बाजार में इसका भाव 18 रूपये है। मंडी में टिंडा 5 रूपये, टमाटर 2 रूपये, खीरा 3 रूपये, ककड़ी 2 रूपये, घीया 2 रूपये, कद्दू 2 रूपये, बंद गोभी 2 रूपये, प्याज 3 रूपये मटर 15 रूपये प्रति किलों के हिसाब से बिक रही है। लेकिन बाजार में टिंडा 15 से 18 रूपये, टमाटर 7 रूपये, ककड़ी 8 से 10 रूपये, घीया 5 रूपये, खीरा 8 रूपये, कद्दू 6 रूपये, बंद गोभी 6 रूपये, प्याज 8 रूपये व मटर 30 से 35 रूपये के भाव पर बिक रही है।
आधा किलोमीटर के सफर से तीन गुना बढ़ रहे है सब्जी के भाव-रादौर सब्जी मंडी की दूरी बाजार से केवल आधा किलोमीटर की है। लेकिन आधा किलोमीटर का यह सफर सब्जी के दामों पर सैंकडों किलोमीटर के सफर के समान ही भारी पड़ रहा है। आधा किलोमीटर का यह सफर सब्जी के दामों को तीन गुना तक बढ़ा रहा है। जो सरकार व प्रशासन द्वारा सब्जी के न्यूनतम मूल्य निर्धारित नहीं किए जाने का नतीजा है। अगर सरकार सब्जियों के न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर दे तो बाजार के सब्जी भावों पर भी नियंत्रण रखा जा सकता है। जिसका आम आदमी व किसानों को लाभ मिलेगा।
मंडी के भाव से किसान परेशान-सब्जी उत्पादक किसान सब्जी मंडी के भाव को लेकर काफी परेशान है। जिससे किसानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। किसान जनकराज, मामचंद, साहबसिंह, रामकुमार, सुदेश कुमार ने बताया कि मंडी में उन्हें सब्जियों के औने पौने दाम मिल रहे है। लेकिन यही सब्जी बाजार में दुकानदारों की मनोपली होने के कारण तीन गुना मूल्य पर बेची जा रही है। सब्जी के कम दाम मिलने से उन पर आर्थिक दबाव बढ़ता जा रहा है। सब्जी के दाम कम मिलने से उनकी जमीन का ठेका भी उन्हें पूरा होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि दुकानदार इन्हीं सब्जियों से प्रतिदिन गाढ़ी कमाई कर रहा है। अगर इसी तरह मंडियों में उनकी सब्जी की कीमत कम रही तो किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगें।
सब्जी के न्यूनतम मूल्य हो निर्धारित-रादौर निवासी धनपत सैनी, राहुल, जितेन्द्र, हैप्पी, संजीव, विकास, देवेन्द्र सैनी ने बताया कि सरकार से अन्य फसलों की तरह सब्जी के भी न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने चाहिए। जिससे आम लोगों को सब्जी सही दामों पर मिल जाएगी। न्यूनतम मूल्य निर्धारित न होने के कारण दुकानदार मनमाने दामों पर सब्जी को बेच रहे है। विवश होकर ग्राहकों को इन्हीं दामों पर सब्जी खरीदनी पड़ रही है। जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।
रादौर में बने किसान मंडी-भारतीय किसान यूनियन की ओर से मंडल प्रधान बाबूराम गुंदयाना ने रादौर में किसान मंडी बनाए जाने की सरकार व प्रशासन से मांग की है। बाबूराम ने कहा कि अगर यहां पर किसान मंडी बना दी जाए तो किसान अपनी सब्जी की फसल में सीधे ग्राहकों को बेच सकेगें। जिससे किसानों के आर्थिक स्तर में सुधार होगा। किसानों को सब्जी उत्पादन में होने वाला नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा। किसान मंडी के खुलने से आम उपभोक्ता को भी वाजिफ दामों पर सब्जी उपलब्ध हो जाएगी। जिससे दुकानदारों व व्यापारियों द्वारा किया जा रहा ग्राहकों का शोषण बदं हो जाएगा।
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