Thursday, May 19, 2011

मिलेगा 12 अंकों वाला विशेष यूनिक नम्बर वाला स्मार्ट कार


 करनाल विजय काम्बोज
उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने कहा कि जिले में राशन प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिये राशन कार्ड की जगह स्मार्ट कार्ड व व्यक्ति की पहचान के लिये 12 अंकों वाला आधार विशेष यूनिक नम्बर बनाया जायेगा। जिले में यह कार्य 27 मई से घरौंडा खंड के झीमरहेड़ी व रसीन गांव से आरम्भ किया जायेगा। इस तरह के कार्ड बनाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा। 
उपायुक्त ने आज स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित एक कार्यशाला में  स्मार्ट कार्ड व यूनिक पहचान पत्र (आधार) के संबंध में उपस्थित घरौंडा खंड के सरपंच, नम्बरदार, पटवारी, ग्राम सचिव व बी.एल.ओज को जानकारी दी। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा यह कार्य अति आवश्यक है। इस कार्य को पूरा करने के लिये सरपंच, नम्बरदारों की विशेष जिम्मेदारी है। यह पहले स्मार्टकार्ड धारक व विशेष यूनिक नम्बर प्राप्त करने वाले व्यक्ति की पहचान करेंगे। यदि इस कार्य में पहचान सही पाई जाती है तो सारा कार्य ठीक प्रकार से हो सकेगा उसके बाद बी.एल.ओ. को फार्म भरकर तैयार करने है। उन्होंने कहा कि फार्म भरने मे कोई कोताही न हो इसके प्रयास किये जाये। यदि कोई बात समझ में न आये तो संबंधित विभाग के अधिकारियों से इसकी जानकारी प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा स्मार्ट कार्ड बनने के बाद खाद्य वितरण प्रणाली में काफी पारदर्शिता आयेगी वहीं आधार यूनिक नम्बर से व्यक्ति की खुद की पहचान हो सकेगी। यह ऐसी पहचान होगी जो सारी जिन्दगी चलेगी। जो स्मार्ट कार्ड बनाया जायेगा वह राशन कार्ड के आधार पर बनाया जायेगा जिस परिवार का बी.पी.एल., ए.पी.एल. कार्ड होगा उसका ऐसा ही कार्ड बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आधार यूनिक नम्बर डाक द्वारा पहुंचाया जायेगा जबकि स्मार्ट कार्ड पंचायत व खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा आवेदकों के घर-घर पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह आवेदन पत्र घर-घर मुफ्त पहुंचाये जायेंगे। 
अतिरिक्त उपायुक्त श्री एम.के.पांडुरंग ने कार्यशाला में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की यह योजना सराहनीय है। इस योजना को सफल बनाने के लिये ईमानदारी से काम करने की जरूरत है हरियाणा में यह करनाल के घरौंडा व सिरसा, अम्बाला और सोनीपत खंडों से आरम्भ हो रही है। जब यह कार्य ठीक प्रकार से पूरा हो जायेगा तो आम आदमी को पहचान के लिये विशेष यूनिक नम्बर मिलेगा वहीं परिवार को स्मार्ट कार्ड मिलेगा। इस कार्य के लिये प्रत्येक परिवार को सदस्य अनुसार फार्म भरने होंगे। प्रत्येक सदस्य का अलग से फार्म होगा। उन्होंने कहा राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिये स्मार्ट कार्ड पर माइक्रोचिप होगी। इस चिप में परिवार के 3 सदस्यों के अंगुलियों के निशान, फोटोग्राफस तथा आंख की पुतली के काले हिस्से के चित्र यानि बायोमीट्रिक्स लिये जायेंगे। इस कार्ड पर जिस भी उपभोक्ता के निशान लिये गये हैं वही राशन प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा एक बी.पी.एल. परिवार को 35 किलोग्राम गेहूं मिलता है, किसी कारणवश उसके पास 20 किलोग्राम के ही पैसे हैं तो ऐसे में उसको उतना ही गेहूं मिलेगा परन्तु उसका बकाया गेहूं 15 किलोग्राम उस महीने के अंत तक मिल सकेगा और डिपो होल्डर के पास जितना स्टाक होगा उसकी जानकारी भी हर समय पी.यू.सी. मशीन में होगी जो डिपो होल्डरों के पास रहेगी। खाद्य आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त निदेशक लीलाधर ने स्मार्ट कार्ड को हर परिवार की जरूरत बताया उन्होंने सरकार की इस अनूठी पहल को सहयोग करने के लिये उपस्थित नम्बरदारों व सरपंचों से अपील की। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कार्ड बनने के बाद परिवार का आदमी अपने आप में स्वाभिमानी समझेगा।
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति विभाग के उप-निदेशक अश्विनी कुमार गौड ने कार्यशाला में विस्तार से इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा हरियाणा सरकार व भारत सरकार ने फैसला लिया है कि पूरे देश में पी.डी.एस. के उपभोक्ताओं को स्मार्ट कार्ड दिए जायेंगे जो कागज से बने पुराने राशन कार्ड की जगह लेंगे। उन्होंने कहा प्रदेश में स्मार्ट कार्ड बनाने के पहले चरण में करीब 140 करोड़ रुपये खर्च आयेगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए करनाल जिले के घरौंड़ा खंड के सभी 75 गांवों को पहले चरण में शामिल किया गया है। इस कार्य के लिये एक-एक करके सभी गांवों में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के लोग कैम्प लगाकर लोगों के फार्म भरवायेंगे। फार्म कैम्प से पहले ही गांव में पंचायत व डिपो होल्डरों के माध्यम से वितरित करवा दिये जायेंगे जिसे उपभोक्ता स्वयं भरकर कैम्प में लेकर आयेंगे। यह कैम्प उसी स्कूल में लगाये जायेंगे जहां पर पोलिंग बूथ बनाये गये हैं। भरे फार्म की जांच-पड़ताल होगी तथा कोई कमी-पेशी है तो वह भी दूर कर दी जायेगी। यदि यह प्रयोग हरियाणा में सफल हो जाता है तो इसे पूरे देश में लागू किया जायेगा। 
स्मार्ट कार्ड बारे और जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि स्मार्ट कार्ड मिलने पर उपभोक्ता राशन डिपो पर जाकर अपने कार्ड को एक मशीन में डालेगा, उसमें से राशन की मात्रा और उसकी कीमत की स्लिप निकलेगी जिसके आधार पर डिपो होल्डर उपभोक्ता को राशन वितरित करेगा। इसी प्रकार डिपो होल्डर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिस प्वाइंट से गेहूं या दूसरा सामान उठायेगा उसे भी इस तरह के कार्ड के प्रयोग की प्रक्रिया से गुजरना होगा।  उन्होंने बताया कि इस कार्ड का उददेश्य सामाजिक वितरण प्रणाली मे पारदर्शिता आयेगी और उपभोक्ताओं का शोषण नहीं होगा। उन्होंने बताया कि इसे यू.आई.डी. यानि यूनिक आईडेन्टिफिकेशन पहचान पत्र (आधार) के साथ जोड़ा गया है, दोनों साथ-साथ जारी किये जायेंगे। आधार 12 अंकों वाला एक पहचान पत्र होगा जो भारत के प्रत्येक व्यक्ति को जारी किया जाना है। इस नम्बर के मिलने के  बाद किसी व्यक्ति को सरकारी कार्य के लिये अपनी पहचान के लिये दूसरे किसी कागजात की जरूरत नहीं पड़ेगी।  इस अवसर पर जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक रविन्द्र मलिक सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 






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