करनाल विजय काम्बोज
हरियाणा पुलिस ने अपने अनुसंधान अधिकारियों को अनुसंधान में विशेषज्ञ बनाने के दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं।इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस प्रशिक्षण को मोनीटर करने वाली संस्था पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरों नयी दिल्ली हरियाणा पुलिस का सहयोग कर रही है। इसी क्रम में आज हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में ब्यूरो की ‘विशेष अनुसंधान अधिकारियों की विकास योजना’ के अंतर्गत आयोजित सात दिवसीय इंटैरोगेशन टेक्नीक्स कोर्स का शुभारम्भ हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण अनिल डाबरा द्वारा किया गया। इस कोर्स में राज्य भर से निरीक्षक एवं उप-निरीक्षक रैंक के 20 पुलिसकर्मी भाग ले रहें हैं। यह कोर्स पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के तत्वाधान में आयोजित किया गया है। इस अवसर पर डाबरा ने कोर्स में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का अपना नजरिया होता है। पुस्तकें एवं प्रशिक्षण नजरिए में व्यापकता प्रदान करते हैं। अनुसंधान अधिकारी की अपनी क्षमता होती है और इस क्षमता का विकास इस प्रकार के विशेष प्रशिक्षणों, अनुभवों के आदान-प्रदान से संभव है। श्री डाबरा ने प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे जीवन में कामयाब बनने के लिए दूसरों की अच्छी बातों को सुनें और उन्हें अपने जीवन में अपनाएं।
इससे पूर्व हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक सुधीर चौधरी ने कहा कि पुलिस में थाना स्तर पर कार्य करने वाले उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक रैंक के पुलिसकर्मियों को हत्या, आर्थिक अपराध, बम्ब विस्फोट, साइबर क्राइम आदि मामलों के केसों का अनुसंधान करने में विशिष्टता पैदा करने के लिए पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरों के सहयोग से 5 मार्च से इस प्रकार के कोर्सो की श्रृंखला आरम्भ की गई है। आगामी मार्च तक इस प्रकार के कुल 24 कोर्स आयोजित किए जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस को मानवाधिकारों की रक्षा के कार्य का निर्वाह करना है इसलिए जरूरी है कि वे अनुसंधान के परम्परागत तरीकों से आगे बढक़र वैज्ञानिक तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।
इस अवसर पर अकादमी के उप पुलिस महानिरीक्षक एसके जैन, उप-पुलिस महानिरीक्षक डा. सुमन मंजरी, प्रशिक्षण सलहाकार सेवानिवृत ब्रिगेडियर केस बुधवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हुकम सिंह, जिला न्यायवादी शशिकांत शर्मा एवं कोर्स संयोजक निरीक्षक सतीश वत्स भी उपस्थित थे।
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