Wednesday, May 25, 2011

करनाल के चहुंमुखी विकास के लिए बनाई गई है विशेष योजना:कासनी


करनाल विजय काम्बोज  
जिला विकास योजना समिति के सदस्यों ने आज स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक में करनाल शहर के विकास के लिए तीन नये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा एक ओवर ब्रिज बनाये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने की। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि बढते शहरीकरण को मददेनजर रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब शहरी क्षेत्रों में प्रति एकड मकान निर्माण की सघनता 100 से बढाकर 120 कर दी गई है। ऐसा करने से लोगों की मूलभूत सेवाएं जैसी पेयजल, सीवरेज, बिजली इत्यादि जरूरतें प्रभावित नहीं होगी। बैठक में जिला नगर योजनाकार सतीश पूनिया ने बताया कि करनाल जिला के चहुंमुखी विकास के लिये वर्ष 2021 तक की योजना बनाई जा चुकी है और उस योजना के अनुसार ही विकास करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी योजना में कर्ण लेक के नजदीक स्थापित मेकडोन्लंडस से लेकर मेरठ रोड शुगर मिल तथा मधुबन तक अलग से बाईपास बनाया जाना प्रस्तावित है। इस बैठक में जिला परिषद के अध्यक्ष अंग्रेज सिंह धूमसी, अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग, जिला परिषद के उपाध्यक्ष अशोक मित्तल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सी.एस.दलाल, जिला योजनाधिकारी संगीता मेहता, जिला परिषद व जिला विकास योजना समिति के सदस्य डाक्टर सुनील पंवार, चमन लाल, कृष्णा देवी अन्य सदस्यों में सतबीर फौजी, सुभाष गुप्ता, विक्रम सिंह तथा मालक सिंह उपस्थित थे। 


महामारी अधिनियम के तहत लगाया खुले खाद्य पदार्थो की बिक्री पर प्रतिबंध
करनाल विजय काम्बोज,
उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने महामारी अधिनियम 1897 की धारा 2 की प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक आदेश जारी कर करनाल जिले में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य व पेय पदार्थो की बिक्री या बिक्री के लिए प्रदर्शन या उसमें आयात पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया है। ये आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं।  उपायुक्त ने यह आदेश जिले में भयंकर महामारी अर्थात सक्रंामक यकृत विकार-पीलिया फैलने के खतरे से निपटने के लिए जनहित में जारी किए हैं। आदेशों में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को बाजार, भवन, दुकान, स्टाल या ऐसे स्थानों में जो किन्ही खाद्य अथवा पेय पदार्थ विक्रय भण्डारणकरण अथवा मुफ्त वितरण करने के लिए उपयोग में लाया जाता है, प्रवेश करने वाले ऐसे पदार्थो की जांच करने और यदि वह अस्वास्थ्यकर पाए जायें तो जब्त करने, हटाने, नष्ट करने या उसे किसी भी ऐसे तरीके से जैसा वह उचित समझे समाप्त कराने के लिए प्राधिकृत करना ताकि उसे मानव के उपयोग में आने से रोका जा सके। आदेशों मे यह भी कहा गया है कि पशुओं को नहलाने और कपड़े धोने या जनता के स्वास्थ्य, सफाई अथवा अन्य सुविधाओं से सम्बंधी किसी अन्य प्रयोजन के लिए स्थान अलग करना है।  पीने के पानी को सार्वजनिक और निजी दोनों प्रकार की सप्लाई के क्लोरीकरण करनास्वास्थ्य, जन स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करेगा। आदेशों में यह भी कहा गया है कि यदि कोई पीलिया से पीडि़त मरीज पाया जाता है तो उसे चिकित्सा संस्थान में अलग से स्थान देकर उसका उपचार किया जाए तथा सम्बन्धित क्षेत्र में टीकाकरण सुनिश्चित किया जाये। 
आदेशानुसार सिविल सर्जन, उप-सिविल सर्जन, वरिष्ठ चिकिस्सा अधिकारी, सभी नगरपालिकाओं , सरकारी व स्थानीय निकाय अस्पतालों, औषधालयों के कार्यकारी, खाद्य निरीक्षकों, वरिष्ठ सफाई निरीक्षकों, बहुउद्धेशीय स्वास्थ्य निगरान, सहायक यूनिट अधिकारी, सहायक मलेरिया अधिकारी और सभी मैजिस्ट्रेट अपने अपने अधिकार क्षेत्रों में निगरानी रखेंगे और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ/पेय पदार्थों को नष्ट करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। यह आदेश आगामी 31 दिसम्बर 2011 तक लागू रहेगे। 





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