करनाल विजय काम्बोज
जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सी.एस.दलाल ने मुनक गांव में खेत की मिट्टी व पानी की मुफत जांच करने वाली मोबाईल वैन का उदघाटन किया। उन्होंने कहा कि इससे किसान अपने खेत की मिट्टी व पानी की जांच मुफत करवा सकेंगे। जांच के बाद मौके पर ही रिपोर्ट दी जाएगी। वे आज कृषि विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किसानों को अपना सन्देश देते हुए कहा आज का युग क्रान्ति का युग है। इसमें वैज्ञानिक तरीके से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षो से हम अपने खेतो में उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए खाद व दवाईयों का प्रयोग कर रहे हैं जिससे मिट्टी व पानी में गिरावट आने की आशंका रहती है। किसानों को चाहिए कि वे हरियाणा सरकार द्वारा जिले में चलाई गई खेत की मिट्टी व पानी की मुफत जांच करने वाली मशीन का लाभ उठाये। यह मशीन खेत में जाकर तुरन्त मिट्टी व पानी के सैम्पलों के परिणाम देती है। इसके लिए किसानों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। उन्होंने कहा कि यदि जांच के बाद मिट्टी व पानी में कोई कमी पाई जाती है तो कृषि विभाग के अधिकारियों से इसकी सलाह ले। यदि किसान ऐसा करके अपने खेतों में काम करेंगे तो उनकी उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे साठी धान न लगाए। साठी धान किसान के लिए घाटे का सौदा है। उन्होंने कहा साठी धान के एक पौधे को तैयार होने में करीब 200 लिटर पानी की जरूरत है । इतना पानी यदि किसान दूसरी फसल में प्रयोग करे तो काफी लाभ मिल सकता है।
उपनिदेशक कृ षि देवेन्द्र मलिक ने कहा कि किसानों को अपने खेतों की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए आधुनिक तरीकों का प्रयोग करना चाहिए तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से समय-समय पर जानकारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि वे अपनी फसल को बोने से पहले बीज उपचार जरूर करवा ले। यदि हम बीज उपचार करवायेंगे तो फसल में बढ़ोतरी जरूर होगी और न ही कोई बीमारी रहेगी। उन्होंने कहा कि फसल के लिए बीज उपचार ऐसा ही साधन है जैसे बच्चों के लिए पोलियों की खुराक। उन्होंने मिट्टी व पानी की जांच करने वाली वैन को किसानों के लिए फायदे का सौदा बताया जो उनके खेतों में जाकर तुरन्त उसका परिणाम दे। उन्होंने कहा कि आज मुनक में 197 सैम्पल लिए गए जिनमें से 70 सैम्पल पंचायती जमीन व अन्य किसानों की जमीन के थे तथा 30 सैम्पल पानी के लिए गए। उन्होंने कहा पानी के सभी सै पल कृषि योग्य पाए गए जबकि मिट्टी में नाईट्रोजन, जिंक व फास्फोरस की कमी पाई गई। उन्होंने किसानों को जिप्सम का प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने इस अवसर पर स्कूली बच्चों को भी मिट्टी व पानी की जांच के फायदे बताए ताकि बच्चों अपने मां-बाप को इसकी जानकारी दे सके। इस अवसर पर समाज सेवी डा0 मनजीत सिंह, धर्मबीर सिंह, प्रदीप, बलवान, जयकिशन व अनिल सहित सैकड़ो किसानों ने भाग लिया।
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