रादौर, कुलदीप सैनी
: दिव्य ज्योति जागृति संस्थान रादौर की ओर से शिव मंदिर अंधेरिया बाग में आयोजित की जा रही शिव कथा के दूसरे दिन भी कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हुई। दिवेशा भारती ने कहा कि हमारे जीवन में अध्यात्म की बहुत जरूरत है। अपने जीवन में कठिनाईयों का सामना करने में अध्यात्म हमारी सहायता करता है। अध्यात्म हमारे नकारात्मक विचारों को सकारात्मक बनाता है। अशात मन को शांत करता है। हम ईश्वर से जुड़े है। यह परम शक्ति हमें प्रेम और वरदानों से भर देती है। अध्यात्म पथ पर हम स्वीकार कर लेते है कि जो कुछ हो रहा है। वह ईश्वर की इच्छा से हो रहा है। ईश्वर के प्रति समर्पण हमारी आंतरिक शक्ति को संजोए रखता है। जीवन में आध्यात्मिकता का सूत्रपात करने का उत्तम तरीका ब्रहम ज्ञान है। एक पूर्ण गुरु द्वारा दिया गया ज्ञान और उनके द्वारा बताई गई साधना विधि के द्वारा हमारे विचार संशोधित होते है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही अध्यात्मिक भक्ति मा पार्वती जी के जीवन में जागृत हुई थी जब भगवान शिव गुरु बनकर उनके जीवन में आते है और वे तभी जान पाते है कि भगवान शिव क्या है। भगवान शिव और मा पार्वती में कभी वियोग नहीं होता। इसी प्रकार जब हमारे जीवन में भी गुरु व संत आते है तो हमारी आत्मा भी प्रभु से मिल जाती है। इस अवसर पर श्याम ¨सह राणा, सत्यकाम आर्य, भविष्य सैनी, महिंद्र पाल टीना, सुदेश बंसल, सुशील ¨सगला, कर्णबीर काम्बोज, कमल चमरोड़ी, वेदप्रकाश नाचरौन आदि उपस्थित थे।
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