नई दिल्ली।सुरेश अनेजा
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के मुद्दे पर चार जून से बाबा रामदेव के शनिवार से अनशन पर जाने के ऐलान से चिंतित सरकार ने बुधवार को उन्हें मनाने के लिए एक असाधारण कदम उठाया और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी तथा तीन अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को योगगुरु से बातचीत करने हवाईअड्डे भेज दिया। हालांकि, ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा कि रामदेव अनशन पर जाने की अपनी योजना छोड़ देंगे। बीते अप्रैल में गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा आंदोलन चलाने के बाद उपजी स्थितियों की पुनरावृत्ति रोकने की कोशिश में केंद्रीय मंत्रियों मुखर्जी, कपिल सिब्बल, पवन कुमार बंसल और सुबोधकांत सहाय ने यहां हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 पर रामदेव से बातचीत की।
योगगुरु मध्य प्रदेश के उज्जैन से चार्टर्ड जेट में सवार होकर हवाई अड्डे पहुंचे। वह प्रधानमंत्री और भारत के प्रधान न्यायाधीश को लोकपाल के दायरे से बाहर रखने संबंधी अपने कल के वक्तव्य से आज पलट गए। केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के बाद रामदेव ने संवाददाताओं से कहा कि पहले दौर की बातचीत सकारात्मक रही और सरकार के साथ आगे भी संवाद जारी रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, 'चार जून को रामलीला मैदान पर तथा देश भर के 624 जिलों में सत्याग्रह होगा क्योंकि करोड़ों लोग कालेधन और भ्रष्टाचार से छुटकारा पाना तथा व्यवस्था में बदलाव लाना चाहते हैं।'
अनशन पर नहीं जाने की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील के बारे में पूछे गए सवाल पर योगगुरु ने कहा, 'मैं डर में या डर पैदा करने में यकीन नहीं रखता। हमने राष्ट्रहित के मुद्दे उठाए हैं। यह लड़ाई किसी व्यक्ति या किसी पार्टी के खिलाफ नहीं है। लिहाजा, हम किसी की आलोचना भी नहीं कर रहे हैं।'
बाबा रामदेव को अनशन पर जाने से रोकने के लिए सरकार वस्तुत: कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती। योगगुरु विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने और इस संबंध में एक अध्यादेश जारी करने की मांग को लेकर अनशन करने वाले हैं।
रामदेव ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और कुछ मुद्दों पर सहमति भी बनी। उन्होंने कहा कि जब तक सभी मुद्दों पर 100 फीसदी रजामंदी नहीं होगी और किसी निर्णायक स्तर पर नहीं पहुंचा जाएगा, तब तक अनशन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा, 'यह एक बड़ी लड़ाई है। हमें 64 वर्ष की व्यवस्था को बदलना है। यह आसान काम नहीं है। लेकिन हम ऐसा करके रहेंगे।' उधर, सरकार ने कहा कि रामदेव ने राष्ट्रहित के गंभीर मुद्दे उठाए हैं और अगले कुछ दिनों तक उनसे बातचीत जारी रखी जाएगी।
सिब्बल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'उन्होंने [रामदेव ने] ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए, जो देश के भविष्य पर असर डालते हैं। ये महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे हैं। वे एक या दो मुद्दे तक सीमित थे। लेकिन उनके पास कई मुद्दे हैं। हमने प्रत्यक्ष रूप से उन पर प्रतिक्रिया दी है।' उन्होंने कहा, 'हम एक जवाबदेह सरकार चला रहे हैं। हम सभी मुद्दों पर कदम उठाएंगे। ये गंभीर मुद्दे हैं। सरकार न सिर्फ इस बारे में गंभीरता से सोचेगी, बल्कि इस दिशा में आगे कदम भी उठाएगी।' सिब्बल ने चर्चा का अधिक विवरण देने से इनकार कर दिया।
कालेधन और भ्रष्टाचार को एक ही सिक्के के दो पहलू बताते हुए रामदेव ने कहा कि जो मुख्य मुद्दे सरकार के समक्ष उठाए गए हैं, उनमें मजबूत लोकपाल बनाने, सभी राज्यों में लागू करने के लिए सार्वजनिक सेवा वितरण गारंटी कानून बनाने और भ्रष्टाचारियों को अधिकतम मौत की सजा देने सहित एक वर्ष के भीतर फैसले देने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना करने का मुद्दा शामिल है।
रामदेव ने कहा कि कालेधन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाना चाहिए। कर चोरी के पनाहगाह माने जाने वाले देशों में छिपा कर रखे गए कालेधन को वापस लाने के लिए एक अध्यादेश जारी होना चाहिए और फिर एक विधेयक लाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'सरकार के समक्ष भ्रष्टाचार, कालेधन और समयबद्ध तरीके से व्यवस्था में सकारात्मक सुधार लाने जैसे जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दे मौजूद हैं।' योगगुरू ने कहा कि मंत्रियों ने गंभीरता के साथ मुद्दों पर चर्चा की।
रामदेव के पहुंचने से काफी पहले ही केंद्रीय मंत्री हवाई अड्डे पहुंच गए थे। मंत्रियों के साथ कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी असाधारण रुख दर्शाते हुए रामदेव से अनशन पर नहीं जाने का अनुरोध किया है और उनसे वादा किया है कि भ्रष्टाचार के मसले से निपटने के लिए 'व्यावहारिक और परिणाम-मूलक' समाधान निकाला जाएगा। प्रधानमंत्री ने रामदेव को पत्र लिखकर शासन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दिए गए उनके सुझावों को सकारात्मक बताते हुए उनका स्वागत किया है।
उन्होंने योगगुरू को यह विश्वास भी दिलाया है कि सरकार समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में उनके और समाज के सदस्यों के साथ काम करने कीच्इच्छुक है। सिंह ने अपने पत्र में रामदेव को बताया कि वित्त मंत्री मुखर्जी और अधिकारी उनके उठाए गए मुद्दों पर बातचीत जारी रखेंगे। सिंह ने पत्र में उम्मीद जताई कि बाबा रामदेव आमरण अनशन पर जाने के अपने फैसले को बदल देंगे।
No comments:
Post a Comment