Thursday, May 5, 2011

करनाल जिला में 0 से 6 वर्ष तक की आयु वर्ग में 1000 लडक़ों की तुलना में 820 लड़कियां हैं


इन्द्री, सुरेश अनेजा
करनाल की सिविल सर्जन डा० वन्दना भाटिया ने कहा कि घटते लिंग अनुपात के कारण लडक़े और लड़कियों की संख्या में काफी  अन्तर बढ़ गया है। जोकि एक चिंता का विषय हैं। इस असन्तुलन को यदि समय रहते नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में समाज में अराजक्ता फैलने  का डर हैं।
    डा० वन्दना भाटिया आज यहां शहीद उधम सिंह वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में सूचना , जन सम्र्पक एवं सास्कृतिक कार्य विभाग द्वारा कन्या भू्रण हत्या की रोकथाम बारे चलाये जा रहे विशेष जागरूकता अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि बोल रही थी। उन्होंने कहा कि अज्ञानता के कारण कुछ लोग गर्भ में ही लड़कियों की हत्या करवा देते हैं जोकि न केवल एक पाप है बल्कि कानून की दृष्टि से भी एक अपराध हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में लडक़ा व लड़कियों को एक समान समझना चाहिए। लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लडक़ो से पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लडक़ा व लडक़ी के भेदभाव को मिटाकर लड़कियों को भी हर क्षेत्र में आगे बढऩे का मौका प्रदान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे देश की अनेक लड़कियों ने अलग-अलग क्षेत्र में उकृष्ट कार्य करके  अपने देश प्रदेश का गौरव बढ़ाया हैं। आंतरिक्ष की महान वैज्ञानिक कल्पना चावला भी हमारे देश बेटी थी। हरियाणा प्रदेश की लड़कियों ने भी खेल क्षेत्र में गोल्ड मेडल जीत कर हमारे देश का परचम लहराया हैं। 
        डा० भाटिया ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार करनाल जिला में 0 से 6 वर्ष तक की आयु वर्ग में 1000 लडक़ों की तुलना में 820 लड़कियां हैं। लड़कियों की यह संख्या इसी प्रकार कम होती रही तो भविष्य में  लडक़ों को शादी के लिये लड़कियां ढूंढऩे से भी नहीं मिलेगी और अधिकतर लडक़ों को कुंवारा ही रहना पड़ेगा। तथा आजकल भी समाज में विशेषकर महिलाओं व  लड़कियों के विरूद्ध अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसी सामाजिक समस्याओं का निदान लोगों की सहभागिता से ही होना संभव है। सिविल सर्जन  ने सूचना, जन सम्पर्क, सांस्कृतिक कार्य ं  विभाग करनाल की नाटक माडली द्वाराकन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम पर आधारित कमला नाटक का मंचन करके सराहनी कार्य किया है । इस प्रकार के कार्यक्र म लोगों की सोच बदलने मे कारगार साबित होते है।
        इस अवसर पर सूचना, जन सम्र्पक विभाग करनाल के डी.पी.ओ. रघबीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने कन्या भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराईयों को रोकने, लिंगानुपात में समानता लाने तथा लडक़ा व लडक़ी के भेदभाव को मिटाने के उद्देश्य से प्रदेश में लाडली नामक एक अनूठी योजना चलाई जा रही है।  इस योजना के तहत दूसरी कन्या पैदा होने पर लडक़ी को पांच हजार रूपए प्रति वर्ष आगामी पांच वर्षो तक एल.आई.सी. करवाई जाती है जो कि 18 वर्ष पूरे होने के उपरांत एक बड़ी रकम के रूप में अभिभावकों को प्रदान की जाती है। राज्य सरकार की यह योजना घटते लिंगानुपात में समानता लाने तथा समाज व परिवार में लड़कियों को पूरा सम्मान दिलवाने में काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि सूचना, जन सम्पर्क, सांस्कृतिक कार्य एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा प्रदेशभर के गांवों में फॉक मीडिया द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों सांस्कृतिक काय्रक्रमों व नाटक का मंचन करके स्कूली बच्चों व ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इस विशेष जागरूकता अभियान के लिये जिला के उन गांवों को चुना गया है जिनमें लड़कियों की संख्या कम है। उन्होंने बताया कि कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये विशेष जागरूकता अभियान के तहत जिला में अब तक 114 गांव में सांस्कृतिक काय्रक्रमों व नाटक का मंचन करके स्कूली बच्चों व ग्रामीणों को जागरूक किया गया। यह अभियान आने वाली 15 मई तक जारी रहेगा। इस विशेष जागरूकता अभियान के लिये जिला के उन गांवों को चुना गया है जिनमें लड़कियों की संख्या कम है। नाटक मंडली करनाल के कलाकारों ने कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम पर आधारित कमला नाटक का मंचन किया। कार्यक्रम में स्कूल के अध्यापक अनिल कुमार व छात्रा शिवानी ने कन्या भ्रूण हत्या विषय पर कविता सुनाई।
        इस अवसर पर शहीद उधम सिंह वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिसिपल जगमाल काम्बोज, रमेश काम्बोज व कवर लाल सहित अध्यापक गण व बच्चो उपस्थिति थे।

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