Thursday, May 5, 2011

तेंदुआ हुआ हिंसक, पांच गांव में बढ़ी दहशत

इन्द्री(करनाल)   विजय कम्बोज 
बड़ागांव के आरक्षित वन क्षेत्र में भटक कर आया तेंदुआ हिंसक रूप धारण कर चुका है। अब अदद सवाल यह है कि उसे जिंदा बचाया जा सकता है या नहीं। चूंकि अब यह इंसान से डरने वाला जानवर हिंसक हो चुका है। ऐसे में वन विभाग के सामने इस वन्य जीव को पकड़कर उसके असली घर तक पहुंचना बहुत बड़ी चुनौती है। उसे जिंदा पकड़ने के लिए जिला वन अधिकारी नवदीप हुड्डा की सलाह उच्चाधिकारियों ने मानी हुई है। इसी वजह से उसे पकड़ने के लिए विशेष तौर पर पिंजरों का जाल बिछाने के साथ ही ट्रांक्यूलाइजर गन के साथ शूटर तैनात हुए हैं।
27 अप्रैल की रात करीब एक बजे आरक्षित वन क्षेत्र के साथ सटे खेत में काम कर रहे किसान फूल सिंह के ट्रैक्टर के आगे तेंदुआ आ गया था। उसने इस तेंदुआ आने की सूचना बड़ागांव में अपने परिचितों को दी तो ग्रामीण जंगल की ओर भाग पडे़। ग्रामीणों के आने के बाद तेंदुआ जंगल में घुस गया। इसके वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए पिंजरों का जाल बिछाया। लेकिन तेंदुए का कोई पता नहीं चला। बुधवार की रात एक बार फिर तेंदुए ने दहशत फैला दी।
रात करीब नौ बजे जंगल के साथ लगते खेत में किसान नंद लाल मेहता दिहाड़ीदार मजदूर के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर तूड़ी बनाने का काम कर रहे थे कि अचानक उन्हें तेंदुआ दिखाई दिया। तेंदुए को देखते ही उनके होश फाख्ता हो गए। तेंदुए ने दोनों पर हमला बोल दिया, लेकिन ट्रैक्टर की छत की आड़ मिल जाने से वह बच गए।
तेंदुए के दोबारा दिखाई जाने के बाद बड़ागांव के ग्रामीण जंगल के आसपास डट गए। पुलिस ने भी पूरी निगरानी रखी तो साथ ही वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उसे पकड़ने का बंदोबस्त करना जारी रखा। तेंदुआ आने से बड़ागांव, घीड़, मुगल माजरा, लंडौरा व मखुमाजरा के ग्रामीणों में दहशत है। यह गांव इस जंगल के आसपास ही बसे हुए हैं।
इस पूरे मामले के बीच तेंदुए द्वारा इंसान पर हमला करने की घटना चौंकाने वाली है। चूंकि यह जानवर इंसान से डरता है। ऐसे में उसे जिंदा पकड़ लेना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है, लेकिन वन विभाग उसे जीवित पकड़ने का पूरा प्रयास कर रहा है। ताकि उसकी जान बचाई जा सके। बड़ी बात यह है कि उसे जंगल में पेट भरने के लिए शिकार मिल रहे हैं। इस वजह से वह आबादी की ओर रूख नहीं कर रहा है।
बृहस्पतिवार को नए सिरे से तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की लोकेशन जाननी चाही, लेकिन वह दिन भर किसी को दिखाई नहीं दिया। रात करीब साढे़ आठ बजे नए ढंग से पिंजरे में बकरे को बांधा गया। ताकि भूख लगने पर शिकार की तलाश में पिंजरे में आए और इसी में कैद हो जाए। वाइल्ड लाइफ इंस्पेक्टर आजाद सिंह ने नए सिरे से तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जिला वन अधिकारी नवदीप हुड्डा ने कहा कि आमतौर पर तेंदुआ हमला नहीं करता है, लेकिन उसकी बदली हुई प्रवृत्ति हैरानी में डाल रही है। उनका पूरा प्रयास है कि एक या दो दिन में उसे जिंदा पकड़ लिया जाए।

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