रादौर,6मई-कुलदीप सैनी
अक्षय तृतीया के अवसर पर गांव धौलरा में भगवान बलभद्र जी के मंदिर पर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में दूर दराज के क्षेत्रों से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने भगवान बलभद्र जी के मंदिर में मत्था टेका और मन्नतें मांगी। मेले में दुकानदारों द्वारा दुकानें भी सजाई गई। जिनसे मेले में आए लोगों ने खरीददारी भी की। मेले में कांग्रेसी नेता संजू धौलरा व ग्रामीणों के सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। मेले में आए हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
अक्षय तृतीया के अवसर पर गांव धौलरा में भगवान बलभद्र जी के मंदिर पर एक दिवसीय मेले का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में दूर दराज के क्षेत्रों से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने भगवान बलभद्र जी के मंदिर में मत्था टेका और मन्नतें मांगी। मेले में दुकानदारों द्वारा दुकानें भी सजाई गई। जिनसे मेले में आए लोगों ने खरीददारी भी की। मेले में कांग्रेसी नेता संजू धौलरा व ग्रामीणों के सहयोग से विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया। मेले में आए हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
भगवान बलभद्र जी के पूरे भारत में केवल दो ही मंदिर है। जिसमें से एक जगन्नाथपुरी और दूसरा गांव धौलरा में स्थित है। मंदिर में स्थापित भगवान बलभद्र जी की मूर्ति सैंकड़ो वर्ष पहले गांव में खुदाई कार्य के दौरान मिली थी। जिसे एक साहूकार ने अपने साथ अपने गांव ले जाना चाहा। लेकिन जैसे ही वह मूर्ति को बैलगाड़ी में लादकर अपने साथ ले जाने लगा तो बैलगाड़ी के बैल अंधे हो गए और गांव की सीमा से बाहर नहीं जा सके। जिस कारण साहूकार ने यह मूर्ति गांव में ही रख दी। उसके बाद गांव में ही यह स्थापित कर यहां पर भगवान बलभद्र जी का मंदिर बनाया गया। तब से यहां हर वर्ष मेला लगाया जाता है। मेले में दूर दराज से श्रद्धालु आकर मत्था टेक ते है और मन्नतें मांगते है। जिन श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी हो जाती है। वे अगले वर्ष फिर यहां पर प्रसाद चढ़ाने आते है। मेले में आए श्रद्धालुओं के लिए हर वर्ष विशाल भंडारे का आयोजन भी करवाया जाता है। जिसमें श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते है। भंडारे में गांव के सभी लोग हिस्सा लेते है।
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