इन्द्री 10 मई,सुरेश अनेजा
ग्रामीण क्षेत्र से शहरों के शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को वाहन का इंतजार न करना पडे, वाहन की कमी न हो, बस पास बनवाने में दिक्कत न हो और विद्यार्थियों को पढऩे का सही माहौल मिले इसके लिये उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने महाप्रबंधक रोडवेज व कालेज के प्रधानाचार्यो की आयोजित बैठक में इन मुददों पर समीक्षा की।
उपायुक्त ने कहा कि देखने में आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आने वाले विद्यार्थियों को बसों में लटककर व छतों पर चढकर आना पड़ता है। जो कि इन विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को केवल आने जाने की चिंता सताती है पढऩा तो अलग बात है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसा हो कि विद्यार्थी शांत मन से शिक्षा ग्रहण कर सके। इसके लिये संयुक्त कार्यक्रम बनाया जाये। यह कार्यक्रम कागजों तक सीमित न हो इसको व्यावहारिक रूप देना होगा। उन्होंने उपस्थित कालेजों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने शिक्षण संस्थानों में एक ऐसी सूची बनाये जिसमें यह जानकारी हो विद्यार्थी किस-किस रूट से आते हैं और क्या उन्हें वाहन की सुविधा उपलब्ध है। यदि उन्हें वाहन जैसी कोई सुविधा नहीं मिलती तो उसकी लिखित रिपोर्ट दें। उपायुक्त ने शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों को कहा कि विद्यार्थियों को कोई असुविधा न हो इसके लिये दो दिन में प्रोफार्मा तैयार करके दिखाये और प्रोफार्मा के अनुसार ही कार्य हो।
उपायुक्त ने सख्त लहजे में कहा कि विद्यार्थियों के साथ होने वाली अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर 14 के प्राचार्य राधेश्याम शर्मा ने मांग की है कि चालक विद्यार्थियों को देखकर बस नहीं रोकते जिसके चलते विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों में आने में देरी हो जाती है। इस पर उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित रोडवेज के महाप्रबंधक जयपाल राणा को निर्देश दिये कि वे अपने स्टाफ पर चालक व परिचालक को आदेश दे कि वे सवारियों को देखकर वाहन रोके यदि चालक ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ कार्यवाही करें। उन्होंने सहकारी समिति की बसों की चैकिंग के लिये भी निर्देश दिये और कहा कि ये बसें अपनी मनमर्जी से बिना रूट चलाते हैं जो कि अवैध है इन पर नकेल लगाने के लिये महीने में अधिक से अधिक चालान काटे जाये। राजकीय महिला कालेज के प्राचार्य महाबीर नैन व राजकीय महाविद्यालय घरौंड़ा के प्राचार्य आन्नद सिंह व कालेज के प्रतिनिधि एस.के.गुप्ता ने मांग की कि रोडवेज विभाग की लेट लतीफी के कारण विद्यार्थियों को पास नहीं मिलता जिसके कारण विद्यार्थियों को आने जाने में असुविधा तो होती ही है, वहीं विद्यार्थियों के साथ उडन दस्तों द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है जबकि इन विद्यार्थियों के पास कालेज की पास के लिये जमा करवाये गये पैसों की रसीद होती है।
इस पर उपायुक्त ने महाप्रबंधक रोडवेज को निर्देश दिये कि वे पास बनवाने की प्रक्रिया को सरल करें, हो सके तो यह प्रक्रिया आनलाईन की जाये। उन्होंने इस प्रक्रिया के लिये शिक्षण संस्थानों के सहयोग की भी जरूरत बताई। इस पर रोडवेज महाप्रबंधक ने कहा कि नियम के अनुसार विद्यार्थियों पर पास होना जरूरी है, रसीद से काम नहीं चलेगा फिर भी उपायुक्त के निर्देश पर रोडवेज महाप्रबंधक ने 10 दिन तक पास ने मिलने पर अपने जिले में रसीद दिखाकर यात्रा करने की अनुमति देने की बात कही। उन्होंने उपायुक्त से कहा कि हरियाणा रोडवेज द्वारा विद्यार्थियों का 60 किलोमीटर तक का पास बनवाने का प्रावधान है परन्तु कुछ विद्यार्थी ऐसे हैं जो 100 किलोमीटर से आते हैं लेकिन अपना निवास स्थान 60 किलोमीटर पर बताते हैं और इससे आगे वे बिना टिकट जाते हैं। इस पर उपायुक्त ने सभी शिक्षण संस्थानों के अध्यक्षों को निर्देश दिये कि वे दाखिले के समय हर विद्यार्थी से राशनकार्ड या अन्य निवासी प्रमाण पत्र अवश्य ले।
उपायुक्त ने रोडवेज महाप्रबंधक को कहा कि यदि बसों की कमी है तो वे विद्यार्थियों को वाहन सुविधा देने के लिये एन.जी.ओ. का सहयोग लें। उन्होंने रैडक्रास सचिव सुनील कुमार को कहा कि करनाल शहर में विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों में जाने के लिये वाहन की सुविधा देने के लिये पहले सर्वे किया जाये कि किस क्षेत्र के बच्चे किस संस्थान में पढने जाते हैं यदि संभव हो तो शहर में रैडक्रास के माध्यम से कम किराये पर वाहन सुविधा दी जाये।
ग्रामीण क्षेत्र से शहरों के शिक्षण संस्थानों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को वाहन का इंतजार न करना पडे, वाहन की कमी न हो, बस पास बनवाने में दिक्कत न हो और विद्यार्थियों को पढऩे का सही माहौल मिले इसके लिये उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने महाप्रबंधक रोडवेज व कालेज के प्रधानाचार्यो की आयोजित बैठक में इन मुददों पर समीक्षा की।
उपायुक्त ने कहा कि देखने में आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आने वाले विद्यार्थियों को बसों में लटककर व छतों पर चढकर आना पड़ता है। जो कि इन विद्यार्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को केवल आने जाने की चिंता सताती है पढऩा तो अलग बात है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसा हो कि विद्यार्थी शांत मन से शिक्षा ग्रहण कर सके। इसके लिये संयुक्त कार्यक्रम बनाया जाये। यह कार्यक्रम कागजों तक सीमित न हो इसको व्यावहारिक रूप देना होगा। उन्होंने उपस्थित कालेजों के प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने शिक्षण संस्थानों में एक ऐसी सूची बनाये जिसमें यह जानकारी हो विद्यार्थी किस-किस रूट से आते हैं और क्या उन्हें वाहन की सुविधा उपलब्ध है। यदि उन्हें वाहन जैसी कोई सुविधा नहीं मिलती तो उसकी लिखित रिपोर्ट दें। उपायुक्त ने शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधियों को कहा कि विद्यार्थियों को कोई असुविधा न हो इसके लिये दो दिन में प्रोफार्मा तैयार करके दिखाये और प्रोफार्मा के अनुसार ही कार्य हो।
उपायुक्त ने सख्त लहजे में कहा कि विद्यार्थियों के साथ होने वाली अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर 14 के प्राचार्य राधेश्याम शर्मा ने मांग की है कि चालक विद्यार्थियों को देखकर बस नहीं रोकते जिसके चलते विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों में आने में देरी हो जाती है। इस पर उपायुक्त ने बैठक में उपस्थित रोडवेज के महाप्रबंधक जयपाल राणा को निर्देश दिये कि वे अपने स्टाफ पर चालक व परिचालक को आदेश दे कि वे सवारियों को देखकर वाहन रोके यदि चालक ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ कार्यवाही करें। उन्होंने सहकारी समिति की बसों की चैकिंग के लिये भी निर्देश दिये और कहा कि ये बसें अपनी मनमर्जी से बिना रूट चलाते हैं जो कि अवैध है इन पर नकेल लगाने के लिये महीने में अधिक से अधिक चालान काटे जाये। राजकीय महिला कालेज के प्राचार्य महाबीर नैन व राजकीय महाविद्यालय घरौंड़ा के प्राचार्य आन्नद सिंह व कालेज के प्रतिनिधि एस.के.गुप्ता ने मांग की कि रोडवेज विभाग की लेट लतीफी के कारण विद्यार्थियों को पास नहीं मिलता जिसके कारण विद्यार्थियों को आने जाने में असुविधा तो होती ही है, वहीं विद्यार्थियों के साथ उडन दस्तों द्वारा अभद्र व्यवहार किया जाता है जबकि इन विद्यार्थियों के पास कालेज की पास के लिये जमा करवाये गये पैसों की रसीद होती है।
इस पर उपायुक्त ने महाप्रबंधक रोडवेज को निर्देश दिये कि वे पास बनवाने की प्रक्रिया को सरल करें, हो सके तो यह प्रक्रिया आनलाईन की जाये। उन्होंने इस प्रक्रिया के लिये शिक्षण संस्थानों के सहयोग की भी जरूरत बताई। इस पर रोडवेज महाप्रबंधक ने कहा कि नियम के अनुसार विद्यार्थियों पर पास होना जरूरी है, रसीद से काम नहीं चलेगा फिर भी उपायुक्त के निर्देश पर रोडवेज महाप्रबंधक ने 10 दिन तक पास ने मिलने पर अपने जिले में रसीद दिखाकर यात्रा करने की अनुमति देने की बात कही। उन्होंने उपायुक्त से कहा कि हरियाणा रोडवेज द्वारा विद्यार्थियों का 60 किलोमीटर तक का पास बनवाने का प्रावधान है परन्तु कुछ विद्यार्थी ऐसे हैं जो 100 किलोमीटर से आते हैं लेकिन अपना निवास स्थान 60 किलोमीटर पर बताते हैं और इससे आगे वे बिना टिकट जाते हैं। इस पर उपायुक्त ने सभी शिक्षण संस्थानों के अध्यक्षों को निर्देश दिये कि वे दाखिले के समय हर विद्यार्थी से राशनकार्ड या अन्य निवासी प्रमाण पत्र अवश्य ले।
उपायुक्त ने रोडवेज महाप्रबंधक को कहा कि यदि बसों की कमी है तो वे विद्यार्थियों को वाहन सुविधा देने के लिये एन.जी.ओ. का सहयोग लें। उन्होंने रैडक्रास सचिव सुनील कुमार को कहा कि करनाल शहर में विद्यार्थियों को शिक्षण संस्थानों में जाने के लिये वाहन की सुविधा देने के लिये पहले सर्वे किया जाये कि किस क्षेत्र के बच्चे किस संस्थान में पढने जाते हैं यदि संभव हो तो शहर में रैडक्रास के माध्यम से कम किराये पर वाहन सुविधा दी जाये।
No comments:
Post a Comment