करनाल विजय काम्बोज
जूडिशियल मैजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री हेमराज वर्मा की अदालत में करनाल अल्ट्रासाऊंड के मालिक डाक्टर बृज शर्मा को सैक्शन 23 आफ प्री-कन्सैप्शन एंड प्री नेटल डायग्रोस्टिक टेक्रिकस (प्रोहिबिशन आफ सैक्स सैक्शन) एक्ट 1994 के तहत 3 वर्ष की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
सिविल सर्जन डाक्टर शिव कुमार ने इस संबंध में बताया कि विदित 14 मई को डाक्टर बृज शर्मा के खिलाफ स्थानीय न्यायालय में तत्कालीन सिविल सर्जन की ओर से केस डाला गया था जिसमें डाक्टर शर्मा उनके अल्ट्रासाऊंड केन्द्र में पाए गए रिकार्ड में खामियों के चलते दोषी पाए गए थे। स्मरण रहे कि शिकायतें मिलने पर स्थानीय सामान्य अस्पताल के डाक्टरों की एक टीम ने स्वास्थ्य विभाग की उप-निदेशक डाक्टर वंदना गुप्ता के नेतृत्व में रेड की थी जिसमें उक्त डाक्टर के रिकार्ड में कई खामियां पाई गई थी जिनमें एक ये भी थी कि डाक्टर बृज शर्मा के पास अल्ट्रासाऊंड करवाने वाले व्यक्तियों की रैफरल स्लिप में किसी भी बाहरी डाक्टर द्वारा नहीं लिखी गई थी। डाक्टर द्वारा भरे गए फार्म में बहुत से कालम खाली थे। इसके बाद डाक्टर बृज शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर रजिस्ट्रेशन रदद कर दी गई थी। इस डाक्टर के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के बाद 14 मई को न्यायालय में केस डाला गया। परिणाम स्वरूप 19 मई 2011 को उन्हें हिरासत में लिया गया था। इस मामले में आज माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई।
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