Monday, August 8, 2011

72 जेल कैदियों को इग्नू की और से वितरित किये गये बीपीपी कोर्से के सर्टिफिकेट


विजय काम्बोज करनाल  
      उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने  जिला जेल में इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में 72 बंदियों को बी.पी.पी. कोर्स पास करने पर उन्हें सर्टिफिकेट बांटे। छ: महीने अवधि के पाठयक्रम के इस कोर्स में करनाल जेल हरियाणा की ऐसी पहली जेल है जहां इग्रू की ओर से बंदियों को उपरोक्त कोर्स करवाया गया है। अब प्रदेश की दूसरी जेलें भी बंदियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए इस तरह के कोर्स करवाने में लग गई हैं। जिला जेल अधीक्षक शेर सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। पढऩे के बाद सर्टिफिकेट हासिल करने वालो में आज ऐसे बंदी भी शामिल थे जो या तो पेरोल पर जेल से बाहर थे या फिर सजा काटकर अपने घर चले गए थे।  इग्रू, जिला प्रशासन और जेल प्रशासन के परस्पर सहयोग से हुई इस उपलब्धि से जेल यथार्थ में ही आज सुधार घर हो गई। 
उपायुक्त जो समय-समय पर जेल गतिविधियों का जायजा लेने के लिए निरीक्षण पर जाती हैं। बंदियों की भलाई के लिए उनकी इच्छा जानकर जेल प्रशासन को निर्देश देती हैं। इसी के फलस्वरूप इग्रू ने करनाल जेल में उन कैदियों की पढ़ाई जारी रखने की पहल की जो किसी न किसी कारण से बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। गौरतलब रहे कि इससे पूर्व भी जिला जेल में संगीत और योग कक्षाएं बखूबी चल रही हैं जिससे जेल में रह रहे बंदियों के जीवन में सुधार हो रहा है। 
इस अवसर पर सर्टिफिकेट प्राप्त बंदियों को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा आदमी वही है जो परिस्थितियों का सामना कर जिन्दगी की परीक्षा पास कर लेता है। आपने पढ़ाई की परीक्षा पास कर ली है अब आपने अपने भीतर छिपी आदर्श व्यक्ति की ताकत को पहचान कर यहां से बाहर जाकर बीती जिन्दगी को भूलकर नया रास्ता चुनना है। उन्होंने कहा कि इस कोर्स को करने से आपके जीवन में एक नई रोशनी का संचार होगा तथा बाहर जाकर आप नये आयाम भी स्थापित कर सकेंगे। हर व्यक्ति जीवन में सपने देखता है लेकिन परिस्थितियां व हालात उसका रास्ता बदल देते हैं। जिन्दगी में कई उतार-चढ़ाव आते है लेकिन इन्सान के भीतर की ताकत उनका सामना करती है। उन्होंने कहा कि आदमी को अपनी मानसिक ताकत जिन्दा रख एक अच्छी सोच रखनी चाहिए। 
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इग्रू के रीजनल डायरेक्टर अशोक शर्मा ने कहा कि उपायुक्त श्रीमती कासनी की प्रेरणा व जेल अधीक्षक शेर सिंह के प्रयासों से आज 72 बंदियों को  बी.पी.पी. कोर्स की परीक्षा देने उपरांत उतीर्ण सर्टिफिकेट प्रदान किये गये हैं। इस कोर्स में 68 पुरूष व 4 महिला बंदी हैं। इनमें से इस समय 33 बंदी रिहा हो चुके हैं। इस कोर्स को करने के बाद कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर इग्रू में स्नातक परीक्षा देने में सक्षम है। इस कोर्स की अवधि 6 माह है। उन्होंने कहा कि इग्रू एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने भारत की जेलों में नि:शुल्क शिक्षा शुरू की है इसके तहत प्रार्थी को शिक्षा से संंबंधित हर तरह की सुविधा नि:शुल्क दी जाती है। इसके लिए उन्होंने जेल प्रशासन का आभार प्रकट किया। 
उपायुक्त ने जेल अधीक्षक शेरसिंह को बधाई देते हुए कहा कि जेल प्रशासन इस तरह की सुविधाएं बंदियों को दे रहा है इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उपायुक्त ने उन दो बंदियों को भी बधाई दी जो अब रिहा हो चुके हैं और उन्होंने रिहा होने के उपरांत जिला जेल में बंदियों के लिए 5 हजार पुस्तके दान दी हैं। 
जेल अधीक्षक शेर सिंह ने इस अवसर पर उपायुक्त को अवगत कराया कि निकट भविष्य में जेल में व्यावसायिक कोर्स शुरू करवाये जाने की भी योजना है। इसी प्रकार पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पौधो की नर्सरी भी तैयार करवाई जायेंगी। उन्होंने ये भी बताया कि इससे पहले जेल में 128 निरक्षरों को साक्षर बनाने का काम भी किया गया है। 
इसके उपरांत उपायुक्त महिला बंदी गृह में भी महिलाओं से मिलने पहुंची। यहां पर उन्होंने एकमात्र मीना नामक महिला बंदी जिसने बी.पी.पी. कोर्स किया है उसे बधाई दी तथा उसे पास सर्टिफिकेट भी प्रदान किया। उपायुक्त ने कहा कि जिला जेल में बने शिकायत पेटी में वही शिकायत डालें जो हल करने लायक हो तथा जिस शिकायत के निवारण से आपको लाभ मिल सके। उन्होंने बंदियों की उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि सफलता आपके कदम चूमे और बाहर जाकर आप इस शिक्षा का पूरा लाभ उठाएं।  
उपरोक्त कार्यक्रम के साथ-साथ जिला जेल में दिव्य योग मंदिर सेक्टर 7 करनाल की ओर से 7 दिवसीय योग शिविर का आयोजन भी किया गया। इसका उदघाटन उपायुक्त नीलम पी. कासनी ने किया। उदघाटन अवसर पर दिव्य योग मंदिर की निर्देशिका व योगाचार्य डाक्टर दम्यंती शर्मा भी उपस्थित थे। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि योग ऐसी अमानत है जो हमें सीधे तौर पर परमात्मा से प्राप्त हुई है। योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है तथा हमें किसी भी तरह की बीमारी नहीं होती है। योग करने से पाचन शक्ति बढ़ती है व शरीर स्वस्थ होगा तभी मन खुश होगा और मन खुश होने से हमारी आत्मा में एक नई चमक आयेगी। उन्होंने जेल में योग शिविर आयोजित करने पर दिव्य योग मंदिर सेक्टर 7 करनाल का आभार प्रकट किया। 
इस अवसर पर डाक्टर दम्यंती शर्मा ने कहा कि योग करने से जहां शरीर स्वस्थ रहता है वहीं मानसिक रूप से भी शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ये योग शिविर साप्ताहिक न होकर हमेशा चलता रहे इसके लिए जेल प्रशासन में से ही अधिकारी प्रशिक्षण लें और फिर बंदियों को योग की शिक्षा दें। कार्यक्रम में सिपाही जिया लाल ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत सुनाया व डाक्टर दम्यंती शर्मा ने भी इतनी शक्ति हमें देना दाता भजन सुनाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया
इस अवसर पर डी.एस.पी. जेल संजीव बुधवार व रेशम सिंह, जिला बाल कल्याण अधिकारी अमरनाथ नरवाल, हैडवार्डन रामप्रकाश शर्मा, डाक्टर नीरज, व योगाचार्य अर्जुन कटारिया सहित जिला जेल के अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे। 










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