करनाल विजय काम्बोज
जिला में घटते लिंगानुपात पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा योजना बद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा तथा उन गांवों पर कड़ी नजर रखी जायेगी जहां पर निरन्तर लिंगानुपात में असंतुलन बना हुआ है। इसके अलावा ऐसी गर्भवती महिलाओं की सूची भी तैयार की जायेगी, जिनके पास पहले से ही एक या 2 लडकियां है ताकि गर्भ में पल रहे कन्याभू्रण की हत्या न हो। यह जानकारी सिविल सर्जन डाक्टर शिवकुमार ने सामान्य अस्पताल में पी.एन.डी.टी. एक्ट की जिला सलाहकार समिति की बैठक में दी । उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश का नाम अनेक क्षेत्रों में अव्वल नम्बर पर है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यहां लिंगानुपात काफी कम है। इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा भी कारगर कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटता लिंगानुपात समाज के लिए एक भंयकर खतरा है। इसलिए कन्याभ्रूण हत्या जैसी समाजिक बुराई को रोकने के लिए आम नागरिकों को सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो अल्ट्रासाऊंड केन्द्र संचालक कारण बताओ नोटिस के बावजूद भी अपना रिकार्ड सही नहीं रखते उसके खिलाफ पी.एन.डी.एक्ट के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त उन अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों पर खास निगाह होगी जिसके आस-पास के गांवो में लिंगानुपात कम है। उन्होंने बैठक के माध्यम से कहा कि अल्ट्रासाऊड केन्द्र के संचालको को आगाह किया कि वे केन्द्र के नवीनीकरण के लिए समय पर आवेदन करें।
जिला सलाहकार समिति की बैठक में डा0 शिव कुमार ने यह भी बताया कि वर्ष 2010 के दौरान लिंगानुपात में नीलोखेड़ी खण्ड का गांव पधाना जिला में प्रथम स्थान पर रहा है। इस गांव क ा लिंगानुपात एक हजार लडक़ो की तुलना में 1500 लड़किया है। उन्होंने बताया कि पधाना ग्राम पंचायत के सरपंच को 15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस के जिला स्तरीय समारोह में एक लाख रूपए की राशि व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा ताकि दूसरे सरपंचो को भी प्रेरणा मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा यह राशि कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम व घटते लिंगानुपात में सुधार लाने की गतिविधियों पर खर्च की जाएगी। बैठक में उपस्थित महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी रजनी पसरीचा ने सुझाव दिया कि पधाना ग्राम पंचायत द्वारा गांव की लिंगानुपात का एक होर्डिग तैयार करके गांव के प्रवेश द्वार जी.टी.रोड नम्बर एक पर लगवाए ताकि आने-जाने वाले लोग भी इस गांव से प्रेरणा ले सके।
आज की बैठक मे निर्णय लिया गया कि जन्म पंजीकरण शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए तथा उन गांवो में जागरूकता कैम्प लगाए जाए , जहां सैक्स रेशो कम है तथा जागरूकता कार्यक्रम में उन गांवो के सरपंचों को भी शामिल किया जाए जिनके गांव की लिंगानुपात में समानता है। इस अवसर पर उप सिविल सर्जन व पी.एन.डी.टी एक्ट की नोडल अधिकारी डा0 अनीता अग्रवाल, उप सिविल सर्जन डा0 शशी प्रभा, जिला न्यायवादी चौ0 चत्तर सिंह, जिला रैड क्रास सचिव सुनील कुमार, डा0 सीमा शर्मा, समाज सेवी डा0 करूणा अरोड़ा, अर्पणा असपताल की प्रतिनिधि डा0 तनु गोयल तथा सलाहकार समिति केअन्य सदस्य उपस्थित थे।
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