Friday, August 19, 2011

कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए करनाल में 6 सिंतबर को ली जायेगी सामूहिक शपथ


करनाल सुरेश अनेजा
घटते लिंगानुपात की समस्या पर काबू पाने के लिए अब करनाल जिले का प्रत्येक व्यक्ति आगामी 6 सितम्बर को ये प्रतिज्ञा लेगा कि वह महिला जाति के सम्मान और कन्याभ्रूण हत्या को रोकने के लिए निष्ठापूर्वक होकर अपनी सामाजिक जिम्मेवारी निभाएगा। प्रत्येक द्वारा ये प्रतिज्ञा की जायेगी कि वह न तो कन्याभ्रूण हत्या करेगा और न ही इसे करवाने में अपना सहयोग देगा। ये निर्णय स्थानीय लघु सचिवालय में उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया। इस बैठक में जिला परिषद के अध्यक्ष अंग्रेज सिंह धूमसी, सिविल सर्जन डाक्टर शिव कुमार के अतिरिक्त आई.एम.ए. के जिलाध्यक्ष डाक्टर राजीव गुप्ता, राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डाक्टर महाबीर नैन के अतिरिक्त गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। बैठक में इस बात पर गंभीरता से विचार किया गया कि प्रचार साधनों के प्रयोग सामाजिक व धार्मिक संगठनों के आहवान तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे  उपायों के बावजूद वे कौन से कारण हैं जिनसे समाज में अब भी लड़कियों की संख्या घट रही है। इस पर उपायुक्त और अन्य सदस्यों का मानना था कि आदमी को केवल सोच बदलने की जरूरत है। लडक़ा व लडक़ी में भेद तथा लडक़े से ही वंश चलेगा जैसी पुरानी परम्पराओं को दरकिनार करना होगा अन्यथा लगातार घट रही लड़कियों की समस्या भविष्य में गंभीर रूप धारण कर सकती है। इस चिंता से निजात पाने के लिए अब जिला के प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिज्ञा लेने के लिए अनुरोध किया गया है। स्वास्थ्य विभाग पम्पलैट व प्रचार साधनों के जरिए आगामी 6 सितम्बर को ली जाने वाली सामूहिक शपथ के लिए अपील भी करेगा। इलैक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया से भी अनुरोध किया गया है कि वे सामूहिक रूप से शपथ लेने के निर्णय के तहत इसे सफल बनाने के लिए जनता को सूचित करें।                                                                                    बतौर उपायुक्त जिला के सभी स्कूल, कालेज, क्लब, केन्द्र व राज्य के सरकारी व निजी क्षेत्र के कार्यालय, उद्योग, ईंट-भटठों पर काम करने वाले मजदूर, सभी पंचायतें, सभी गृहणियां, सभी एसोसिएशन से जुड़े लोग, बार से जुड़े सभी वकील, मंडी आढ़ती व किसान अर्थात प्रत्येक व्यक्ति से इस वृहद्ध कार्यक्रम में शपथ लेने के लिए  अनुरोध किया गया है। उन्होंने बैठक में कहा कि लड़कियों की संख्या लगातार घटना कोई दैविक समस्या नहीं है अपितु यह समाज के लोगों की खुद की सृजित की हुई है। इसके लिए लोगों को ही जागरूक होना पड़ेगा।  
बैठक में उपस्थित जिला परिषद के अध्यक्ष अंग्रेज सिंह धूमसी ने सुझाव दिया कि हाल ही में स्वाधीनता दिवस पर नीलोखेड़ी खंड के गांव पधाना की पंचायत को बेहतर लिंगानुपात के लिए सम्मानित किया गया था। इस गांव के उन परिवारों को भी सम्मानित किया जाए जिनमें लड़कियों की संख्या ज्यादा है। ये सुझाव स्थानीय राजकीय पी.जी. कालेज के प्रोफेसर हंसराज द्वारा भी दिया गया। आईएमए के जिलाध्यक्ष डाक्टर राजीव गुप्ता ने बैठक में दावा किया कि अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों में   लिंग जांच का कोई भी चिकित्सक कार्य नहीं करता, पकड़े जाने पर सजा के डर से एक तरह से दबाव सा भी महसूस किया जा रहा है। लेकिन उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया कि लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर भी इस तरह की जांच करवा रहे हैं। 
जिला टास्क फोर्स की बैठक में सिविल सर्जन डाक्टर शिव कुमार ने बताया कि पिछले महीने 23 अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। कोहन्ड गांव में स्थापित एक नए अल्ट्रासाऊड केन्द्र का रजिस्ट्रेशन किया गया। पिछले दिनों घरौंडा में मिले एक भू्रण प्रकरण में जांच-पडताल के बाद घरौंडा के ओम जनरल अस्पताल के डाक्टर को पीएनडीटी एक्ट के तहत 5 अगस्त को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया। जुलाई मास में नीलोखेड़ी के धवन अल्ट्रासाऊंड केन्द्र को कारण बताओं नोटिस जारी करने के बाद निजी सुनवाई की गई। एमटीपी एक्ट के तहत असंध के दो अस्पतालों का निरीक्षण किया गया जबकि 8 अगस्त को निसिंग के सामुदायिक केन्द्र में संगोष्ठी की गई। उन्होंने बताया कि चालू मास में कम से कम अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों का निरीक्षण किया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्थानीय राजकीय महाविद्यालय सेक्टर 14 में एक सेमिनार किया जायेगा। इसी प्रकार जिला के उन गांवों में जहां लड़कियों की संख्या अनुपातिक रूप से कम है वहां लोक माध्यम प्रचार से लोगों को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लम्बी अवधि के उपायों में हर मास खंड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर सेमिनार आयोजित किये जायेंगे। शिक्षण संस्थाओं में भी ऐसे सेमिनार आयोजित किये जाने हैं। इसके अतिरिक्त विज्ञापन व एफ.एम. रेडियों के जरिए तथा जिला में डिस्पले बोर्ड व वाल पैंटिंग करवाकर भी कन्या बचाओं जागरूकता बढ़ाई जायेगी। गांवों में साक्षर महिला समूहों को भी जागरूकता अभियान में शामिल किया गया है। 

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