करनाल विजय काम्बोज
हरियाणा के वित मंत्री सरदार हरमोहिन्द्र सिंह चटठा ने स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे अपने स्तर पर लोगों की समस्याएं सुनकर उनका हल करें। कई बार समस्या लेकर आए व्यक्ति का कार्य करना कठिन हो जाता है फिर भी आप उसके साथ इंसाफ करें इससे सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने बैठक में उपस्थित गैर सरकारी सदस्यों से भी आग्रह किया कि आप सरकार की तरफ से कष्ट निवारण के लिए नोमीनेट किये गये हैं, आप भी अपने सर्कल में लोगों की बात सुनकर सरकारी दफ्तरों के माध्यम से उनकी समस्याओं का निपटारा करवायें।
आज की बैठक में प्रस्तुत एजेंडा में कुल 9 परिवादों का निवारण किया जाना था। इनमें से 4 गत माह से लम्बित थी जबकि 5 नई शिकायतें थी। पहली दो शिकायतें पुलिस विभाग से ताल्लुक थी। बांसा गांव निवासी मंजीत सिंह की कब्जा हटवाने की एक शिकायत में दोषी गण से समझौता हो जाने की रिपोर्ट उप-पुलिस अधीक्षक करनाल ने प्रस्तुत की, जबकि दूसरी शिकायत तरावड़ी निवासी श्रीमती दीपिका रानी की दहेज प्रताडऩा की थी। इस शिकायत में परिवादिया ने सारा आरोप अपने ससुराल वालो विशेषकर अपने पति पर लगाया था और उसके साथ यातनाएं किये जाने तक की बात अध्यक्ष के सामने बताई गई। हालांकि उसने कहा कि पुलिस विभाग ने उनको सहयोग दिया है फिर भी वे प्रताडऩा से तंग होकर अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती, न ही उसकी नियत रखने की है। वह स्नात्कोतर तक पढी-लिखी है उसकी पढ़ाई के प्रमाण पत्र ससुराल वालो से दिलवाये जाए। इस पर अध्यक्ष ने जिला पुलिस अध्यक्ष को निर्देश दिये कि वे इस मामले में परिवादिया की मदद करें।
सिविल सर्जन करनाल से संबंधित एक मामले में धूमसी निवासी लालचंद का बीती जनवरी में स्थानीय सामान्य अस्पताल में स्टाफ द्वारा ठीक से ट्रीट न करने का आरोप था । इस मामले में जिला परिषद अध्यक्ष श्री अंग्रेज सिंह धूमसी ने भी स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर व कर्मचारियों कथित लापरवाही व ज्यादतियों की पुष्टि की। गत मास से लम्बित इस मामले में मौजूदा सिविल सर्जन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि 2 जनवरी का रिकार्ड चेक करने पर इस तरह का कोई मामला रिकार्ड पर नहीं है। इस पर अध्यक्ष और परिवादी तथा गैर-सरकारी सदस्य असंतुष्ट थे। सिविल सर्जन ने बताया कि ये मामला उनसे पूर्व के सिविल सर्जन के समय का है। इस पर अध्यक्ष ने इस मामले को पुन: लम्बित रखते हुए एस.डी.एम. करनाल को जांच कर इसकी रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
शराब के अवैध खुर्दो और उनसे जनता को होने वाली परेशानियों का मामला इस बार फिर बैठक में आया। डी.ई.टी.सी. ने अपनी सफाई में काफी लम्बी तकरीर की, उन्होंने यह भी बताया कि चालू मास में अवैध रूप से बिक्री होने वाले 105 मामले पकड़े। अध्यक्ष और बैठक में उपस्थित विधायक श्रीमती सुमिता सिंह तथा सभी गैर-सरकारी सदस्यों ने कहा कि ऐसा कोई गांव नहीं जहां खुर्दे नहीं हैं। इनसे महिलाओं को ज्यादा समस्या पेश आ रही है। असंतुष्ट अध्यक्ष ने डी.ई.टी.सी को निर्देश दिये कि वे अवैध रूप से बिकने वाली शराब पर रोक लगाए और अगली बैठक में कार्यवाही की रिपोर्ट लेकर आए जिसमें ये भी स्पष्ट हो कि कितने खुर्दे पकड़े और उन पर क्या कार्यवाही की गई।
बैठक में महमल गांव निवासी निर्धन महिला तेज कौर की मांग थी कि वह गरीब बी.पी.एल. औरत है, उसके परिवार में कमाने वाला नहीं है। उसने राशन डिपो से सस्ता अनाज लेने की मांग करते हुए अध्यक्ष महोदय से विनती की कि डिपो होल्डर उसे राशन नहीं दे रहा है। उसका राशन कार्ड उसके देवर के साथ बना हुआ है उसके देवर की कोई संतान नहीं है। बैठक में उपस्थित अतिरिक्त उपायुक्त ने अध्यक्ष को बताया कि डिपो होल्डर को निर्देश दिये गये हैं कि वह जरूरतमंद तेज कौर को राशन देता रहे।
गत मास से लम्बित व रामनगर में कथित रूप से चल रहे टयूशन सेंटर को लेकर एक मामला जो पिछले मास से लम्बित था आज फिर बैठक में उठाया गया। इस मामले में जांचकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी से विधायक श्रीमती सुमिता सिंह ने पूछा कि क्या टयूशन पढाऩे वाले शिक्षा विभाग से अनुमति लेते हैं। डी.ई.ओ. का कहना था कि बच्चों को टयूशन के लिए उकसाना और उन्हें टयूशन पढ़ाना गैर-कानूनी है। अध्यक्ष ने डी.ई.ओ. से पूछा कि आपने कथित टयूशन सेंटर बंद क्यों नहीं करवाया, इसकी शिकायतें बार-बार मिल रही है। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जो उत्तर दिया उससे अध्यक्ष और हाऊस में बैठे सभी गैर-सरकारी मेम्बरान कतई संतुष्ट नहीं हुए। अध्यक्ष ने अपनी इसमें अपनी नाराजगी भी दिखाई और इस प्रकार इसमें दोबारा जांच के निर्देश देकर मामला अगली बैठक के लिए लम्बित भी रखा गया।
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी इन्द्री से संबंधित एक शिकायत में बीबीपुर जाटान निवासी शिव कुमार दोषी गणों के खिलाफ पुख्ता कार्यवाही न होने से अध्यक्ष के सामने अपनी व्यथा लेकर आए। मामले के अनुसार गली में पशु बांधे जाने से आवागमन का रास्ता बंद हो जाता था। इस मामले में जांच कर्ता बी.डी.पी.ओ. इन्द्री ने बताया कि उसने पुलिस की सहायता से गली खाली करवा दी है, लेकिन परिवादी शिव कुमार का कहना था कि अब भी वहां दादागिरी से पशु बांधे जाते हैं। अध्यक्ष ने बी.डी.पी.ओ. को निर्देश दिये कि वे पुलिस में दोषीगण के खिलाफ मामला दर्ज करवाए और इस मामले में खुद सरकारी गवाह बनें।
गैर सरकारी सदस्यों में करतार सिंह सिंधड़, घनश्याम दास गुप्ता, सूरत सिंह माही, भगवान दास बंसल ने आज की बैठक में प्रस्तुत कई मामलों की पैरवी करते हुए दोषी गण के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।
दूसरी ओर जिला परिषद अध्यक्ष अंग्रेस सिंह धूमसी ने जोर-शोर से अपना पक्ष रखते हुए सरकारी दफ्तरों में जरूरतमंद लोगों के साथ न्याय होने की बात कही। करनाल की विधायक श्रीमती सुमिता सिंह तथा करनाल की उपायुक्त एवं कष्ट निवारण समिति की उपाध्यक्ष नीलम प्रदीप कासनी ने सभी मामलों में अपनी सलाह व सुझाव दिये। इस प्रकार आज की बैठक में 9 मामलों में से 5 को फाईल करने के निर्देश दिये और शेष को अगली बैठक के लिए लम्बित रखा गया।
इससे पूर्व उपायुक्त ने अध्यक्ष का स्वागत करते हुए उपस्थित अधिकारियों से कहा कि कष्ट निवारण समिति के माध्यम से अधिकारियों को जो निर्देश दिये जाते हैं उन पर यथार्थ में कार्यवाही होनी चाहिए तभी बैठक अर्थपूर्ण कही जायेगी। उन्होंने गैर-सरकारी सदस्यों से भी अनुरोध किया कि वे भी जनता की समस्याओं के निवारण में अपना सहयोग दें।
बैठक में गैर सरकारी सदस्यों में जिला परिषद के उपाध्यक्ष अशोक मित्तल, सदस्य डाक्टर सुनील पंवार, समिति के मेम्बर चरण सिंह मढान, प्रमोद गुप्ता, करतार सिंह सिंधड़, कैप्टन ताराचंद, सुरेश कुमार, रणदीप चौधरी, भगवान दास बंसल, जत्थेदार सूरत सिंह साही, संतोष कुमारी शर्मा, बेदी राम, रामपाल राणा, सुशील गर्ग, रामचन्द्र राणा, घनश्याम दास गुप्ता, सुमेर चंद, महिन्द्र सिंह पूनिया सहित जिले के सभी अधिकारीगण उपस्थित थे।
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