इन्द्री सुरेश अनेजा
यमुना नदी में छोड़े गये पानी से आई बाढ़ का असर अब खेतों के साथ-साथ सडक़ों पर भी होने लगा है। गढ़ी बीरबल यमुनानगर करनाल रोड पर चौंगांवा गांव के पास सडक़ पर ढाई-ढाई फुट पानी खड़ा हो जाने के कारण इस रोड पर यातायात बाधित हो गया है जिसके चलते लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व हथनीकुंड बैराज से छोड़े गये लगभग 6 लाख 22 हजार क्यूसिक पानी की खबर आते ही यमुना नदी से सटे गांवों में चिंता की लहर फै ल गई थी। इन गांवों में रहने वाले लोगों को एक बार फि र से अपनी फ सल तबाह होती नजर आ रही थी।
पिछले कुछ वर्षों से पहाड़ों में ज्यादा बारिश होने के कारण पहाड़ों का पानी यमुना नदी में आ जाता है जिसके कारण यमुना नदी का जलस्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ता आ रहा है। जिसके कारण यमुना नदी से सटे गांवों में रह रहे लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। यमुना नदी के पानी ने इन लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। हर साल बाढ़ आने से इन क्षेत्रों के लोगों की फ सलें नष्ट हो जाती हैं। जिसके कारण किसानों को आर्थिक व मानसिक रूप से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खेतों में खड़े हरे चारे के बर्बाद हो जाने के कारण पशुओं के लिए चारे की गंभीर समस्या पैदा हो गई है। हांलाकि सरकार ने बाढ़ को रोकने के लिए यमुना नदी के किनारों पर स्टड लगाने पर करोड़ों रूपया खर्च कर दिया है। लेकिन फि र भी बाढ़ का पानी इन स्टडो से ऊपर से बह कर खेतों एवं सडक़ों को नुकसान पहुंचा रहा है।
यमुना नदी से सटे गांवों चौंगांवा, चंद्राव, ब्याना, जपती छपरा, नगली, हलवाना, नबियाबाद, कमालपुर,डबकौली खुर्द,गढ़ी बीरबल,डेरा सीकलीगर,सैयद छपरा इत्यादि दर्जनों कई गांव हैं जहां यमुना का पानी अपना कहर बरपा जाता है। इन गांवों में पानी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। हांलाकि कुछ क्षेत्रों में पानी कुछ कम हुआ है फि र भी पानी के चलते कई गांवों का संपर्क शहर से टूट गया है। आज सुबह करनाल के पुलिस अधीक्षक एसपी आर्य ने अपने दल बल के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ इन्द्री के डीएसपी किरतपाल सिंह सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। पुलिस अधीक्षक ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को यथासंभव बाढ़ पीडि़तों की सहायता करने के आदेश दिये। गौरतलब है कि यमुना नदी में पानी का जलस्तर बढ़ जाने से यमुनानगर से लेकर दिल्ली तक यमुना से सटे इलाकों में इस पानी का असर देखने को मिलता है। गत वर्ष भी यमुना में आई बाढ़ के कारण सैकड़ों एकड़ फ सल तो बर्बाद हुई ही थी। साथ ही साथ काफ ी जान और माल का नुकसान भी लोगों को झेलना पड़ा।
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