करनाल सुरेश अनेजा
प्रशासन और सिंचाई विभाग की त्वरित कार्यवाही व मुस्तैदी से नबीपुर काम्पलैक्स के पास यमुना नदी के कटाव को पत्थरों व मिटटी से रोककर किसानों के खेतों में होने वाले एक बड़े नुकसान को समय रहते होने से रोक दिया गया है। उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने बीती सांय इस स्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और सिंचाई व राजस्व विभाग के अधिकारियों से बातचीत की। इस अवसर पर यमुना वाटर सर्विसीज के चीफ इंजीनियर रणजीत सिंह भी उपस्थित थे।
स्मरण रहे कि बीती 18 अगस्त की सांय को कुंजपुरा से आगे नबीपुर गांव के पास सिंचाई विभाग के नम्बर के-11 पर यमुना नदी ने अचानक अपना बहाव खेतों की तरफ मोडक़र कटाव करना शुरू कर दिया और एक नई क्रीक (बंदरगाह) बना दी। अधीक्षण अभियंता एस.के. शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों हथिनीकुंड बैराज से यमुना में साढे छ: लाख क्यूसिक पानी छोड़े जाने से नदी में पानी की मात्रा बढ़ जाने से यह सीधे पानीपत की ओर बह रहा था। नबीपुर के पूर्व में उत्तर-प्रदेश की सीमा में दौलतपुर गांव के पास स्टडों को सीमा से अधिक ऊंचा बनाए जाने से इस क्षेत्र में यमुना ने अचानक अपना रास्ता बदल दिया और नबीपुर के खेतों में करीब 25 एकड़ क्षेत्र में मिटटी को वर्लिंग एक्शन से काटना शुरू कर दिया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे देखा और तुरंत एन.एफ.एल. पानीपत से कोयले के साथ आने वाले काले पत्थर के ट्रक मंगवाकर उन्हें कटाव की जगह डालना शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप कटाव को बढऩे से रोक दिया गया। अधीक्षण अभियंता के अनुसार स्थिति पूर्णत: नियंत्रण में है और समय पर इस पर काबू नहीं पाया गया होता तो इससे किसानों की फसलें बर्बाद हो सकती थी। उपायुक्त ने मौजूद ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी मांग पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि यहां स्थित बांध को सीधा कर उसकी मरम्मत करवाई जायेगी।
No comments:
Post a Comment