Wednesday, August 31, 2011

पात्र परिवारों को ही दिया जायेगा बीपीएल का दर्जा:कासनी


करनाल विजय काम्बोज
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना में बी.पी.एल. परिवारों की पात्रता की वेरीफिकेशन अथवा जांच पड़ताल की जायेगी। जांच के दौरान गलत पाए गए बी.पी.एल. परिवारों का नाम सूची से काट दिया जायेगा। यही नहीं पूर्व में किये गए सर्वे में जिस अधिकारी ने लापरवाही से या जानबूझ कर अपात्र व्यक्ति को बी.पी.एल. सूची के लिए पात्र बनाने का काम किया , उसके विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी।
गौरतलब रहे कि सरकार के आदेशों से विगत 2007 में प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ करनाल जिला में भी बी.पी.एल. परिवारों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण में सरकारी अधिकारियों ने उनको दिए गए गांवों में जाकर बी.पी.एल. परिवारों की पहचान की थी। बी.पी.एल. पहचान के लिए जो गाईड लाईन्स निर्धारित थी उनमें परिवार के नाम भूमि, मकान, घरेलू उपकरण, आजीविका का साधन व स्तर, नौकरी पेशा है या नहीं इत्यादि  पैरामीटरों का मौके पर निरीक्षण किया गया था और इन चीजों के आधार पर संबंधित अधिकारी द्वारा 7 स्कोर यानि 7 नम्बर बी.पी.एल. की पात्रता के लिए दिये गये थे। ग्रामीण व शहरी स्तर के लोगों के लिए अलग-अलग गाईड लाईन्स या शर्ते थी। पूर्व में किये गए इस सर्वेक्षण के आधार पर बी.पी.एल. सूची तैयार की गई थी और उसे सरकार के पास भेजकर वहां से अपरूवल के बाद जिला में बी.पी.एल. लोगों के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पीले व गुलाबी रंग के कार्ड बनाए गए थे। लेकिन इस सूची ने काफी परिवारों का ये दावा था कि उन्हें बी.पी.एल. से वंचित रखा गया है। इसी प्रकार गलत नाम बी.पी.एल. की सूची में दर्ज हो जाने की भी शिकायतें मिलती रही हैं। इसी के आधार पर उच्च न्यायालय द्वारा बी.पी.एल. सूची की जांच-पड़ताल करने के निर्देश दिये गये हैं।  यह कार्य एक सप्ताह में ही शुरू कर दिया जायेगा। 
जांच का कार्य करने के लिए उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने आज स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव-गांव में जाकर सूचियों के आधार पर बी.पी.एल. परिवारों की वेरीफिकेशन करेंगे। एक अधिकारी 300-400 तक घरों में जाकर जांच का कार्य पूरा करेगा। जांच का कार्य पूरा हो जाने पर आगामी एक नवम्बर को कम्पलीट रिपोर्ट उच्च न्यायालय के पास भेजी जानी है। उपायुक्त ने बताया कि बैठक के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे बी.पी.एल. परिवारों के पास कितनी भूमि है उसकी रिपोर्ट देंगे। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ग्राम सभाओं के माध्यम से बी.पी.एल. सूची को सार्वजनिक कर गांव के लोगों से बी.पी.एल. का लाभ ले रहे परिवारों के बारे उनकी पात्रता को वेरीफाई करेंगे। उपायुक्त ने बताया कि सूची के अनुसार करनाल जिला में करीब 52 हजार बी.पी.एल. परिवार हैं। 
बैठक में ए.डी.सी. एम.के. पांडुरंग, उपमंडलाधीश करनाल, जिला राजस्व अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार,  जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक, सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा नगरपालिका सचिवों ने भाग लिया।

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