Saturday, August 20, 2011

बाढ़ का पानी उतरा,जनजीवन हुआ बहाल


इन्द्री,विजय काम्बोज
युमना नदी में 1978 से आ रही बाढ़ से किसानो की फसलो तबाह होती आ रही  है । किसान इस मार को झेलने के आदि तो हो चुके है लेकिन किसानो की हर साल आने वाली बाढ़ ने कमर तोड़ कर रख दी है। यमुना की बाढ़ का पानी अब कम हो रहा है। उपमण्डल इन्द्री  के बाढ़ प्रभावित गांवों को मुख्य मार्गों से जोडऩे वाली सडक़ों पर पानी का स्तर कम होने से आवाजाही सुचारू होना शुरू हो गई है लेकिन इसके बावजूद बाढ़ ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। किसानों की हजारों एकड़ धान, गन्ने और पशु चारे की फसल जलमग्र है। भूस के कूप पानी में डूब जाने से सूखा पशु चारा भी डूब गया है। इस स्थिति से किसान और पशुपालक मायूस व परेशान हैं। खेती को भारी नुकसान होने से खेत मजदूरों तथा श्रमिकों को काम नहीं मिल पा रहा है जिससे उनके सामने रोटी का संकट मंडरा रहा है। बीडीपीओ दिलबाग सिंह हुड्डा तथा एसईपीओ मान सिंह बांकुरा ने बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करके बाढ़ राहत कार्यों में लगे कर्मचारियों को निर्देश दिए।
पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बरसात तथा हथीन कुंड बैराज से छोड़े गये पानी के कारण करनाल जिला के  यमुना क्षेत्र में पडऩे वाले दर्जनभर से अधिक गांव बाढ़ की विभिषिका झेल रहे हैं। बृहस्पतिवार को गांव नागल, कमालपुर गडरियान, न्यू हलवाना, जपती छपरा सैदान, जपती छपरा सिकलीगरान, सैय्यद छपरा, नबियाबाद, चंद्रांव, बुर्ज, चौगावां व हंसूमाजरा को जाने वाले रास्तों पर कईं-कईं फुट पानी बह रहा था। आज रास्तों पर बह रहे बाढ़ के पानी में कमी आई है। नागल की तरफ जाने वाले रास्ते पर स्थित पुल पर अब पानी एक फुट के करीब रह गया है जिससे साइकिल व मोटरसाइकिल सवार भी थोड़ी सी मुश्किलों के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ-जा पा रहे हैं। चौगावां व चंद्रांव के पास करनाल-यमुनानगर मार्ग तथा चन्द्रांव की ओर जाने वाले रास्ते पर भी पानी एक फुट तक रह गया है जिससे आवाजाही सुचारू होनी शुरू हो गई है। कलसौरा से जपती छपरा जाने वाले रास्ते पर कुछ स्थानों पर ज्यादा पानी है लेकिन लोगों ने इस रास्ते पर भी जाना शुरू कर दिया है। डेरा हलवाना से सैय्यद छपरा को जाने वाला रास्ते पर पानी भरा होने के कारण आवाजाही आज भी बंद रही। जपती छपरा सिकलीगरान में निचाई पर स्थित दलीप सिंह, कर्म सिंह, सुरजीत सिंह, जोगा सिंह, सुंदर सिंह व भगवान सिंह के घरों में पानी भरा हुआ है। जपती छपरा सैदान व सैय्यद छपरा की गलियों में भी पानी भरा हुआ है। बाढ़ प्रभावित गांवों के स्कूल बंद हैं।  किसान राम प्रसाद ढ़ांडा, ओमपाल मंढ़ाण, जसविन्द्र सिंह, बलवंत सिंह, पूर्व सरपंच जोगा सिंह, गुरबचन सिंह, राम सिंह, बलिन्द्र, नरेश, नरेन्द्र, ओमपाल मंढ़ाण, रणधीर सिंह, साधू राम, राम कुमार, मान सिंह, शीशपाल, सतपाल, कर्ण सिंह, दिलावर सिंह, रिषीपाल, जगीर सिंह ने बताया कि बाढ़ ने सबसे अधिक नुकसान किसानों, पशुपालकों व मजदूरों को पहुंचाया है। खेती ठप होने से पशुओं के चारे की समस्या मुंह बाए खड़ी है।  बीडीपीओ दिलबाग सिंह हुड्डा ने गांव नगली, चन्द्रांव, चौगावां सहित बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि पानी कम होने से खतरा टलता नजर आ रहा है। आवाजाही खुलने की स्थितियों से लोगों ने राहत की सांस ली है।

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