इन्द्री विजय काम्बोज
ब्याना गांव में डिलिवरी हट के बाहर एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस मामले ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी। इस घटना के बाद ग्रामीणों में रोष प्रकट किया।
जानकारी के अनुसार ब्याना गांव की विवाहिता लडक़ी महिंद्रों अपने मायके आई हुई थी। दोपहर को उसे प्रस्वपीड़ा शुरू हो गई। आशा वर्कर अंगूरी ने एंबुलेंस को बुला लिया। उसे एंबुलेंस में लेकर डिलिवरी हट में गए। लेकिन डिलीवरी हट में तैनात एएनएम ललतेश व पिंकी को विभागीय मीटिंग में बुलाया हुआ था। जब परिजन महिंद्रो को एंबुलेंस में ले जाने लगे तो उसने वहीं डिलीवरी हट के बाहर बच्चे को जन्म दे दिया। घटना के बाद जमा होकर लोगों ने रोष प्रकट किया। ग्रामीण महिला सुरेशो ने बताया कि जब वे अपनी ननद महिंद्रो को डिलिवरी हट ले गए तो वहां पर ताला लगा था और उनकी ननद ने हट के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
डा0 राजेश गौरिया ने बताया कि आशा वर्कर अंगूरी की डयूटी लगाई गई थी कि जब भी कोई केस डिलिवरी के लिए आए तो उसे इंद्री या करनाल एंबुलेंस से भेज देना जब उसे अस्पताल ले जाने लगे तो वहीं बच्चा पैदा हो गया। उसके बाद सूचना मिलने पर एएनएम ने घर जाकर बच्चे व मां के स्वास्थ्य की जांच की। सुबह दस बजे आशा वर्कर महिंद्रों के घर भी गई। उस समय स्थिति सामान्य थी।
दवाईयों के अभाव में धक्के खा रहे मरीज
इन्द्री विजय काम्बोज
हरियाणा सरकार ने प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए समय-समय पर कई घोषणायें की हुई हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर इन घोषणाओं पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है। उपमंडल के गांव गढ़ी बीरबल,चौगांवा,रंदौली,डबकौली,घीड़, में बनी सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों में दवाईयों के न मिलने से मरीज परेशान हैं। उन्हें दवाईयां बाजार से महंगे दामों पर खरीदनी पड़ रही हैं। गढ़ी बीरबल डिस्पेंसरी के साथ लगते कई गांवों से मरीज अपना इलाज कराने आते हैं। मरीज पवन,शीशपाल जो आज दवाई लेने आये हुए थे ने बताया कि डिस्पेंसरी में पिछले काफ ी समय से दवाईयां नहीं मिल रही हैं। डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाईयों को हमें बाजार से खरीदना पड़ता है जबकि सरकार ने दवाईयों की मुफत सुविधा इन डिस्पेंसरियों में उपलब्ध करवा रखी है। उन्होंने कहा कि उन्हें दवाइयां लेने के लिए या तो खुखनी जाना पड़ता है या इन्द्री। बाढ़ के दिनों में तो काफ ी दिक्कत उठानी पड़ती है। इस बारे में जब गढ़ी बीरबल डिस्पेंसरी में नियुक्त डॉ.संजीव कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस डिस्पेंसरी में बुखार,एलर्जी एवं त्वचा रोग संबंधी मरीज ज्यादा आते हैं और पिछले काफ ी समय से यहां पर दवाईयां खत्म हैं। इस बारे में कई बार उच्च अधिकारियों को मीटिंगों में बताया जा चुका है लेकिन अभी तक हमारे पास दवाईयां नहीं पहुंची हैं। दवाईयों के न होने के कारण मरीजों को निराश होकर खाली लौटना पड़ता है। कई बार तो दवाइयां न मिलने पर मरीज हमारे साथ झगड़ा तक करने लगते हैं। इसी प्रकार चौगांवा की डिस्पेंसर संगीता रोहिला का भी कहना है कि उनके पास भी काफ ी समय से दवाईयां नहीं आ रही हैं। इस बारे में जब जिला अधिकारी डॉ.गुरमेल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से हमारे पास दवाईयों का स्टॉक खत्म होने के कारण इन डिस्पेंसरियों में दवाईयां सप्लाई नहीं की जा सकी हैं। शीघ्र ही गांवों में बनी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियों में दवाईयां उपलब्ध करा दी जायेंगी।
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