करनाल विजय काम्बोज
करनाल की उपायुक्त नीलम पी. कासनी ने आज निकटवर्ती गांव शेखपुरा के पास निर्माणाधीन एवं महत्वपूर्ण परियोजना सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट का निरीक्षण किया एवं यहां एकत्र हजारो टन कचरे को दुर्गन्ध रहित व हानिकारक बेकटीरिया रहित करने के लिए पंचकूला से आई एक फर्म की ओर से आर्गेनिक सोल्यूशन यानि स्पे्र की कार्यवाही शुरू करवाई।
सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट को हानिकारक कीटाणुओं व दुर्गन्ध से मुक्त करने के लिए प्रोबायोटिक टेक्रोलॉजी के साथ आर्गेनिक सोल्यूशन के लिए यहां 3 हजार लीटर पानी में 300 लीटर प्रोबायोटिक बेकटीरिया का सोल्यूशन बनाकर शुरू किया गया स्पे्र का कार्य अगले तीन महीने तक लगातार किया जायेगा। इसके तहत करीब एक महीने के बाद ही इसमें शामिल प्लास्टिक पदार्थो को छोडक़र डी कम्पोजिट कचरे में परिवर्तित हो जायेगा। इससे मैनेजमेंट प्लांट के आस-पास की आबादी को दुर्गन्ध की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा, मक्खी मच्छर और चील कौवे नहीं आयेंगे और कम्पोजिट कचरे को प्लांट में स्थापित मशीनरी में डालकर कम्पोजिट खाद बनाई जायेगी।
प्रोबायोटिक आर्गेनिक सोल्यूशन की टेक्रोलाजी लेकर प्लांट में आए दीपक अरोड़ा ने बताया कि आर्गेनिक सोल्यूशन ओ.एस.1 के छिडक़ाव के बाद कचरे के ढेर दुर्गन्ध रहित हो जाने से मक्खी मच्छर यहां आकर अंडे नहीं देते। एक महीने के बाद कचरे के ढेर डी कम्पोज हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के छिडकाव चंडीगढं व पंचकूला में भी सफलतापूर्वक चल रहे हैं।
प्लांट का निर्माण कर रही नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन (एन.बी.सी.सी.)के अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि आगामी नवम्बर के अंत तक प्लांट आंशिक रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर देगा। इसके अन्तर्गत प्लांट परिसर में निर्मित फीलिंग पौंड से सेगरीगेटिड कचरे को डी-कम्पोजिट बनाने का कार्य शुरू हो जायेगा, जो एक बेहतर खाद के रूप में उपलब्ध होगा। सेग्रीगेशन में बेकार पालिथीन को री-साईकिल किया जायेगा। एन.बी.सी.सी. के डिप्टी जनरल मैनेजर सोहन लाल ने बताया कि अब तक प्लांट का आधे से ज्यादा कार्य पूरा हो चुका है। उसने बताया कि प्रशासन की ओर से समय-समय पर पैसा देते रहने के फलस्वरूप आगे का काम चलता रहेगा। गौरतलब है कि भारत सरकार व हरियाणा सरकार के संयुक्त वित्तीय सहयोग से सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट करीब 17 करोड़ रुपये की राशि से पूरा होगा फिलहाल इसमें फीलिंग पौंड यानि कचरा भरने वाले तालाब का निर्माण हो चुका है। इसी प्रकार मशीन शेड, अन्य मशीनें, कार्यालय भवन, कम्पोजिट प्लेटफार्म तथा कम्पोजिट प्लांट के कार्य हो रहे हैं। प्रदेश के अम्बाला, सिरसा, करनाल व यमुनानगर में इस तरह के प्लांट बनाए जा रहे हैं। करनाल में निर्माणाधीन प्लांट 15 एकड 5 कैनाल भूखंड पर फैला है। एक अनुमान के अनुसार करनाल में 190 टन कचरा जेनरेट होता है। इस प्रकार हजारों टन कचरे के निपटान के लिए सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट सरकार की ओर से स्वीकृत किया गया था।
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