करनाल विजय काम्बोज
उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने कहा कि देश के शहीदों की शहादत बहुत बड़ी कुर्बानी है। उनकी इस कुर्बानी से इस बात की प्रेरणा मिलती है कि वे अपने कत्र्तव्य को अपनी जान से ज्यादा महत्व देते थे। उन्होंने कहा शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि उनकी शहादत के दिवस पर रक्तदान जैसा कोई परोपकारी कार्य हो। उन्होंने गांव में स्थापित शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये।
वे घरौंडा के कलहेड़ी गांव के राजकीय स्कूल में शहीद सुलतान सिंह मैमोरियल सोसायटी द्वारा आयोजित शोर्य वीर चक्र विजेता शहीद सुलतान सिंह के शहीदी दिवस पर रक्तदान शिविर के उदघाटन अवसर पर बोल रही थी। उन्होंने कहा कि रक्तदान करना एक ऐसा प्रयास है जिससे दूसरे जरूरतमंद व्यक्ति के जीवन को बचाया जा सकता है। इसके लिए कोई धर्म, जाति या वंश की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि ऐसे परोपकार के कार्य करने की भावना सभी को एकसूत्र में बांधती है। उन्होंने कहा शहीदों की शहादत के बाद उनके जन्म दिवस या शहादत दिवस पर किये गये सामाजिक कार्य से आने वाली युवा पीढ़ी को तो प्रेरणा मिलती है वहीं उस शहीद की आत्मा को भी शांति मिलती है। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए आयोजकों को बधाई दी।
उपायुक्त ने कहा कि सामाजिक उन्नति के लिए लोगों को चाहिए कि वे समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में सबसे ज्वलित समस्या कन्याभ्रूण हत्या है। समाज के लोग महिला और पुरूष में असमानता समझते हैं जबकि दोनों कुदरत की देन है। यदि समाज में परिवर्तन नहीं आया तो वह दिन दूर नहीं कि लडक़े वालो को भी बहुत बड़ी वेदना सहनी पड़ेगी। इस समस्या के खिलाफ एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। इसके लिए जिले में 6 सितम्बर को सुबह 9 बजे जिले के हर व्यक्ति को 2 मिनट का मौन लेकर इस समस्या के बारे में विचार करना होगा। उन्होंने कहा ऐसा हर महीने की 6 तारीख को होना चाहिए। ऐसा करने से लोगों के विचारों में परिवर्तन आना संभव है। उन्होंने अपने आस-पास के वातावरण को साफ-सुथरा बनाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने पर बल दिया।
इस अवसर पर हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के सदस्य रामपाल ने कहा कि आज सैनिको की शहादत का परिणाम है कि हम अपने घर शांति से रह रहे हैं। हमें ऐसे शहीदों को हर समय याद रखना होगा। इनको याद रखने का मात्र एक ही साधन है कि हमें इनके जन्मदिन व शहादत के दिन समाज की भलाई के लिए कोई न कोई कार्य करना चाहिए। दूसरी ओर समाज सेवी हरेन्द्र कल्याण ने कहा कि आज हर तरफ लोग व्यक्तिगत कार्यो में व्यस्त हैं। देश व समाज की किसी को चिंता नहीं है। उन्होंने कहा दूसरे की भलाई करना ही सबसे बड़ा उपकार है और शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है। इस मौके पर उपायुक्त ने 40 रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर शहीद के पिता बलजीत सिंह, एम.सी. धीमान, सोसायटी के अध्यक्ष कप्तान सिंह, दिलबाग सिंह लाठर, धीरज खरकाली, कैमला के सरपंच रमेश वर्मा सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
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