Wednesday, August 17, 2011

यमुना नदी का जलस्तर बढऩे से बाढ़ का खतरा मंडराया,दर्जनों गांवों को किया अलर्ट


करनाल सुरेश अनेजा
यमुना नदी में कल  हथनीकुंड बैराज से छोड़े गये लगभग 6 लाख 22 हजार  क्यूसिक पानी की खबर आते ही यमुना नदी से सटे गांवों में चिंता की लहर फै ल गई। इन गांवों में रहने वाले लोगों को एक बार फि र से अपनी फ सल तबाह होती नजर आ रही है।                                                                                                                                  गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से बारिश के मौसम में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता आ रहा है। जिसके कारण इन गांवों में रह रहे लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। यमुना नदी के पानी ने इन लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। हर साल बाढ़ आने से इन क्षेत्रों के लोगों की फ सलें नष्ट हो जाती हैं। जिसके कारण किसानों को आर्थिक व मानसिक रूप से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हांलाकि सरकार ने बाढ़ को रोकने के लिए यमुना नदी के किनारों पर स्टड लगाने पर करोड़ों रूपया खर्च कर दिया है। फि र भी बाढ़ का पानी इन स्टडो से ऊपर बह कर खेतों एवं सडक़ों को नुकसान पहुंचा रहा है।यमुना नदी से सटे गांवों चौंगांवा, चंद्राव, ब्याना, जपती छपरा, नगली, हलवाना, नबियाबाद ,कमालपुर,डबकौली खुर्द,गढ़ी बीरबल,डेरा सीकलीगर,सैयद छपरा इत्यादि दर्जनों कई गांव हैं जहां यमुना का पानी अपना कहर बरपा जाता है। इन गांवों के निवासी रामस्वरूप,जिले सिंह,ज्ञानचंद,कृष्ण ,राकेश,गुरनाम सिंह,जमीर हुसैन,आजम अली,फाजिम रजा,अली हैदर,नईन हैदर सहित कईयों ने बताया कि सरकार यमुना के पानी को रोकने में नाकामयाब होती आ रही है। प्रशासन द्वारा पानी को रोकने के लिए बनाये गये स्टड भी नकारा साबित हो रहे हैं। हमारी सोने जैसी फ सलें हर साल बाढ़ के कारण तबाह हो जाती है जिस कारण हमारी आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ पीडि़तों के लिए झूठी घोषणायें करती है जबकि मुआवजे के नाम पर सरकार किसानों को फू टी कोड़ी भी नहीं देती है। 
यमुना नदी में कल पानी छोड़े जाने के बाद करनाल उपायुक्त नीलम पी.कासनी ने सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ यमुना से सटे गांवों का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उपायुक्त ने यमुना के बहाव का जायजा लिया। उन्होंने नबियाबाद में सिंचाई विभाग द्वारा लगाए गए स्टडज को देखा। उन्होंने इस अवसर पर बाढ़ के पानी को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा किये गये कार्यों का जायजा लिया तथा संतोष जताया। गौरतलब है कि यमुना के साथ लगते चौगामा, कलसोरा,नबियाबाद,गढ़पुर टापु, नगली, चन्द्राव इत्यादि गांव के लोगो को अर्लट कर दिया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारी स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है और डयूटी पर 24 घण्टे तैनात है। यमुना के साथ लगता करनाल जिला का करीब 55 किलोमीटर क्षेत्र है। ऊपरी क्षेत्रों में भारी वर्षा से हथनीकुण्ड बैराज में क्षमता से ज्यादा पानी एकत्र हो जाने पर यमुना में पानी छोड़ा जाता है। परिणामस्वरूप यहां बाढ़ की स्थिति हो जाती है। 

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