करनाल विजय काम्बोज
प्रदेश कांग्रेस सरकार विगत 6वर्षो से पंचायती व नगरनिगम सस्थाओ को सशक्त व अधिकार सम्पन्न करने के लिए लगातार काम कर रही है । हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने जारी एक ब्यान में कहा कि पंचायती संस्थाओ के विभिन्न स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधियों का मासिक मानेदय 200 रूपये से 1500रूपये मासिक बढ़ाना,उसी दिशा मे उठाया गया एक ठोस कदम है । काग्रेस सरकार का मानना है कि पंचायती प्रतिनिधि ईमानदारी से अपने क र्तव्य का पालन करे इसके लिए आवश्यक है कि उनके खर्चे के लिए मासिक मानदेय को बढ़ाया जाए । इसी व्यापक परिपेक्ष्य मे काग्रेस सरकार ने पचों का मासिक मानेदय 400रूपये से बढाकर 600रूपये ,सरपंच का 1500रू से बढ़ाकर दो हजार रूपये,पंचायत समिति सदस्य का 1000रूपये से बढ़ाकर 1250रूपये,जिला परिषद के सदस्य को दो हजार रूपये से बढ़ाकर ढाई हजार रूपये,पंचायत समिति के वाईस चेयरमेन का 4500रूपये से बढ़ाकर 6000रूपये,जिला परिषद के उप चेयरमेन का 4500रूपये से बढ़ाकर 6000रूपये,व जिला परिषद के चेयरमेन का 6000रूपये बढाकर 7500रूपये मासिक मानदेय किया है । विद्रोही नेे कहा कि मासिक मानदेय मे 200से 1500 रू मासिक की यह वृद्वि पंचायती संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियो को अपना पंचायती कार्य करने मे आर्थिक मदद का काम करेगा । प्रदेश की काग्रेस सरकार ने न केवल पंचायती संस्थाओ के जन प्रतिनिधियो का मासिक मानदेय बढाया है अपितु सरपंचों व जिला परिषद के चेयरमेनो के आर्थिक अधिकारो को भी बढाया है । वही सरकार ने इनकी आर्थिक ग्रान्ट मे भी काफी वृद्धि की है ताकि वे अपने -2 गांव मे विकास कार्यो मे ज्यादा राशी खर्च कर सके । विद्रोही ने कंहा कि सरकार के उठाये गए उक्त सभी कदम पंचायती संस्थाओ को सशक्त करेगे व गांवों के विकास मे तेजी आएगी और विकास कार्यो मे गुणात्मक सुधार भी होगा । इसी तरह सरकार ने नगर निकायो को भी आर्थिक व प्रशासनिक रूप से अधिकार सम्मपन बनाकर शहरो व कस्बो के तीव्र व आवशयकता के अनुसार विकास की सोच को आगे बढाया है । विद्रोही ने कहा कि काग्रेस सरकार की यह सोच जहा निचले स्तर पर चुनी गई प्रजातंात्रिक संस्थाओ को मजबूती प्रदान करेगी वही विकास कार्यो मे लाल फीता शाही के अडंगो को समाप्त करके गावँ शहरो व कस्बो के विकास की गति को तेज करने मे सहायक होगा ।
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