इन्द्री, सुरेश अनेजा
गांव कलरी जागीर व पटहेड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में शहीद सोमनाथ स्मारक समिति की नाटक टीम द्वारा मुंशी प्रेमचंद की कहानी बड़े भाईसाहब का रंगमंच प्रस्तुत किया गया। कहानी के माध्यम से कलाकारों ने रट्टे पर आधारित और अव्यवहारिक शिक्षा पर करारा व्यंग्य किया और खेलों के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने का आह्वान किया। मंचन में रंगकर्मी व विशेष अध्यापक अरुण कुमार ने बड़े भाई और नरेश नारायण ने छोटे भाई की भूमिका में शानदार अभिनय किया।
कहानी में छोटे भाई की बालसुलभ क्रिड़ाओं को बड़े ही रोचक ढ़ंग से उभारा गया है। छोटे भाई की खेलों से भरी दिनचर्या पर बड़ा भाई अपना रौब जमाकर अंकुश लगाना चाहता है। बड़े भाई के आदेशों के मद्देनजर छोटा भाई टाईम टेबल तो जरूर बनाता है लेकिन उस टाईम टेबल पर अमल कर पाने में असमर्थ पाता है। बड़ा भाई बहुत ही अध्ययनशील होने का ढ़ोंग करता है और हर समय किताबें उठाए बैठा रहता है। लेकिन जब नतीजा सुनाया जाता है तो खेलों के साथ पढ़ाई की तरफ ध्यान देने वाला भाई बढिय़ा अंक लेकर पास होता है और बड़ा भाई फेल हो जाता है। इससे छोटे भाई की उच्छृंखलता और अधिक बढ़ जाती है। अब बड़ा भाई फिर छोटे भाई को उपदेश देता है। वह बड़ी कक्षाओं में इतिहास, गणित और हिन्दी सहित विभिन्न विषयों की अव्यवहारिकता पर व्यंग्य करता है। शिक्षकों की शिक्षण पद्धतियों और परीक्षा प्रणाली को भी कटघरे में खड़ा करता है। फिर नतीजा सुनाया जाता है जिसमें फिर से बड़ा भाई फेल हो जाता है और छोटा भाई अव्वल दर्जे में पास होता है। कहानी आगे बढ़ती है और बड़ा भाई अपने संवादों में कहता है कि समझ किताबें पढऩे से नहीं दुनिया देखने से आती है। कहानी में विद्यार्थियों पर परीक्षाओं के दबाव को भी बखूबी दिखाया गया है।
रंगकर्मियों द्वारा अध्यापकों से बच्चों की व्यक्तिगत भिन्नताओं को समझने तथा खेल-खेल में आनंददायी शिक्षा प्रदान करने का आह्वान किया जाता है। रंगकर्मियों ने विद्यार्थियों के साथ प्रेमचंद की अनेक कहानियों और उनकी प्रासंगिकता के बारे में विचार-विमर्श किया। नरेश नारायण ने बताया कि प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में समिति द्वारा सप्ताह भर के लिए नवजागरण सांस्कृतिक यात्रा आयोजित की जा रही है जिसके गांवों में प्रेमचंद के साहित्य का जनवाचन और कहानियों का रंगमंच प्रस्तुत किया जा रहा है। इस मौके पर प्रिंसिपल रविन्द्र सचदेवा, इन्द्रपाल सिंह, जरनैल सिंह, श्याम लाल शास्त्री, रमेश दत्त, किशोर चुघ सहित सैंकड़ों विद्यार्थियों ने नाटक का आनंद उठाया।
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